# Nisha Ali Case | मैनपुरी 2022 के इस केस ने दहला दिया था Uttar Pradesh #
:- एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रति दिन भारत से औसतन एक सौ बहत्तर लड़कियां गायब होती है इनमें से ज्यादातर गायब हुई लड़कियों की न तो कहीं पुलिस में कंप्लेंट दर्ज होती है और न ही उनकी खबरें अखबारों में आ पाती है मगर दो हज़ार बाईस के अंत में एक ऐसी खबर ने उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं खबर एक ही घर से नौ दिनों के अंदर तीन बहनों के रहस्यमय तरीके से गायब होने की भी शुरू में तो पुलिसवाले लड़कियों के गायब होने की खबर को सीरियसली नहीं लेते हैं मगर जब बात बड़े अधिकारियों तक पहुंचती है तो पुलिस वाले मामले की छानबीन शुरू करते हैं छानबीन के दौरान गायब हुई लड़कियों से जुड़ी कई हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आती है यहां किसी अपनों ने ही गद्दारी की थी तो आखिर नौ दिनों के अंतर में तीन लड़कियां कैसे गायब हुई पुलिस की जांच में क्या कुछ निकलकर सामने आया और गायब हुई उन तीनों लड़कियों के साथ क्या कुछ हुआ चलिए जानते हैं सब कुछ सिलसिलेवार तरीके से इस कहानी में चलिए अब कहानी शुरू करते हैं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक गांव है रम्पुरा इसी गांव में शमशाद अली नाम का एक शख्स रहता है उनके परिवार में तीन बेटियां हैं दो नाबालिग और एक एक निशा चूंकि एक लड़की नाबालिग थी और वह गर्भवती हो गई थी इसलिए हम कानून का सम्मान करते हुए उस लड़की का नाम यह नहीं बता रहे हैं यह बात इक्कीस दिसंबर दो हज़ार बाईस की है सुबह के लगभग सात बजे शमशाद अली अपने घर के बाहर से अपनी चौदह वर्षीय बेटी को किसी काम से आवाज लगाते हैं कई बार आवाज देने के बावजूद जब छोटी बेटी घर से निकलकर बाहर नहीं आती है और न ही कोई जवाब देती है तो शमशाद खुद ही उठकर घर के अंदर जाते हैं और बेटी को इधर उधर तलाशते हैं मगर वह घर के अंदर कहीं भी दिखाई नहीं देती है परिवार के दूसरे सदस्यों से शमशाद अपनी बेटी के बारे में पूछते हैं मगर कोई भी कुछ नहीं बता पाता है अब शमशाद थोड़ी देर इंतजार करने का फैसला करते हैं कि शायद बेटी कहीं बाहर गई होगी और थोड़ी देर में आ जाएगी मगर काफी देर बीतने के बाद भी वह वापस नहीं आती है अब मोहल्ले में लड़की की तलाश शुरू होती है मगर कहीं भी लडकी का पता नहीं चलता है यहां तक की शाम हो जाती है मगर वो लड़की लौटकर नहीं आती है
थक हार कर शमशाद अली अगले दिन पास के ही पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी बेटी की गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाते हैं मामला दर्ज करने के बाद पुलिस वाले लडकी को ढूंढने का वादा करते हैं मगर आठ दिन बीत जाने के बाद भी लड़की का कहीं भी अता पता नहीं चलता है
इधर शमशाद खुद भी अपने स्तर से बेटी की तलाश में लगे रहते हैं इसी तलाश के दौरान गांव के कुछ लोगों से शमशाद को पता चलता है कि पिछले दिनों गांव में एक शादी थी शादी में पंजाब के मुक्तसर से कुछ लड़के आए थे गांव के लड़कों ने उनमें से एक लड़के को शमशाद की बेटी का पीछा करते देखा था इसी जानकारी के आधार पर अब शमशाद पंजाब से शादी में आए लड़कों की डीटेल्स परिवार से लेते हैं और फिर फोन के जरिए उस लडके से कांटेक्ट करने की कोशिश करते हैं मगर शुरू में कामयाबी नहीं मिल पाती है इसके बावजूद वो लगातार प्रयास करना जारी रखते हैं और फाइनली उस नंबर पर बात हो जाती है फोन पर बेटी की आवाज भी पीछे से सुनाई देती है शमशाद यह बातचीत तीस दिसंबर दो हज़ार बाईस को हुई थी यानी बेटी के गायब होने के आठ दिनों बाद यहां शमशाद उस नंबर पर बहुत देर तक बात नहीं कर पाते हैं और फोन उधर ही से काट दिया जाता है जल्द ही शमशाद इस बात की जानकारी पुलिस वालों को देते हैं फिर पुलिस वाले उस मोबाइल नंबर की लोकेशन को ट्रेस करते हैं और इस लोकेशन की जानकारी शमशाद को देते हुए उसे पंजाब के मुक्तसर जाने को कहते हैं जैसे ही पुलिस वालों से शमशाद को लोकेशन की जानकारी मिलती है वो उसी दिन अपने तीन करीबी रिश्तेदारों के साथ किराए की गाड़ी से पंजाब के मुक्तसर के लिए निकल जाते हैं उधर शमशाद पंजाब के लिए निकलते हैं इधर उनके परिवार में कुछ ऐसा होता है जिसकी कल्पना उन्होंने कभी नहीं की थी अभी शमशाद घर से निकलकर अलीगढ़ तक ही पहुंचे थे कि उनके बेटे सलमान का फोन आता है कि घर में जो बाकी बची दो बहनें थीं वो भी लापता हो गई है इस बार गायब हुई बेटियों में बाईस साल की निशा और एक सोलह साल की मुस्कान थी अब यहां शमशाद के सामने दोहरी दुविधा आ जाती है कि वह आठ दिन पहले गायब हुई बेटी को ढूंढने पंजाब जाए या फिर घर वापस जाकर अभी गायब हुई दो बेटियों की तलाश करें शमशाद पंजाब जाने का फैसला करते हैं और वह लंबा सफर तय करके फाइनली पंजाब के मुक्तसर पहुंचाते हैं स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर पूरे मामले की जानकारी पंजाब पुलिस को देते हैं शमशाद की पूरी कहानी जानने के बावजूद पंजाब पुलिस कोई भी मदद करने से यह कहते हुए इनकार कर देती है कि इस केस से संबंधित कोई भी जानकारी उन तक उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से नहीं दी गई है इसके अलावा पंजाब पुलिस की ओर से यह भी दलील दी जाती है कि अगर आप स्थानीय पुलिस को लेकर आते तो हम आपकी मदद कर सकते थे काफी मिन्नतों के बावजूद जब पंजाब पुलिस की ओर से शमशाद की कोई मदद नहीं की जाती है तो वह हारकर पंजाब से वापस लौटाते हैं घर वापस लौटकर यह सबसे पहले फिर से स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी दो और बेटियों निशा और मुस्कान की किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं जब तक एक बेटी गायब हुई थी प्रशासनिक स्तर पर मामला ठंडा ही रहता है मगर जैसे ही दो और बेटियां गायब होती है प्रशासन अलर्ट हो जाता है
जल्द ही इस मामले में शमशाद मैनपुरी के एसपी विनोद कुमार से मिलते हैं और पूरी घटना की जानकारी देते हैं एसपी के निर्देश पर जल्द ही तीनों लड़कियों को ढूंढने के लिए दो टीम बनाई जाती है इस टीम के सामने शमशाद अपना बयान दर्ज करवाते हुए बताते हैं कि चार नवंबर दो हज़ार बाईस को उनके मोहल्ले में ही रहने वाले राकेश की बेटी की शादी थी शादी में राकेश के कुछ दोष पंजाब से आए थे उनमें से एक भरत सिंह नाम का भी लड़का था आसपास के लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर शमशाद पुलिस के सामने भरत सिंह को ही तीनों बेटियों के अपहरण का मुख्य आरोपी बताता है उसके बाद पुलिस स्टेशन के एसएचओ शमशाद द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल लगाते हैं एक अधेड़ उम्र का एक व्यक्ति फोन उठाता है पूछे जाने पर वह खुद को भरत सिंह का पिता बताता है पीछे से फोन पर शमशाद की छोटी बेटी की भी आवाज सुनाई देती है हुई आवाज में पिता से कहती है कि पापा अब मैं वापस नहीं आता हूं कि इसके बाद फोन कट जाता है फोन भले ही कट गया था मगर अब पुलिस वाले इस मोबाइल नंबर को ट्रेस करते हुए लोकेशन का पता लगा लेते हैं
दस जनवरी दो हज़ार तेरह को शमशाद को अपने साथ लेकर इस लोकेशन के लिए निकल जाते हैं
जब पुलिस वाले पंजाब के मुक्तसर पहुंचते हैं तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है क्योंकि जो लोकेशन पुलिस ने ट्रेस की थी वहां कोई नहीं था
और उस घर पर भी ताला लटका हुआ था पुलिस वाले वहां से वापस खाली हाथ आ जाते हैं और अंधेरे में तीर चलाते रहते हैं इसी बीच लगभग डेढ़ महीने का समय यूं ही निकल जाता है इस बीच पुलिस वाले लगातार उस नंबर को ट्रेस करना जारी रखते हैं इसी दौरान एक दिन पुलिसवालों को एक बार फिर से उस मोबाइल नंबर की लोकेशन पंजाब में मिलती है इस बार पुलिसवाले बिना देर किए तत्काल ही पंजाब के लिए रवाना हो जाते हैं और ट्रेस की गई लोकेशन पर रेड मारते हैं चार फरवरी दो हज़ार तेईस को इस बार पुलिस को यहां भरत सिंह मिल जाता है तुरंत ही पुलिस वाले भरत सिंह को हिरासत में ले लेते हैं इसके अलावा पुलिस को इस घर से शमशाद की गायब हुई छोटी बेटी भी मिल जाती है पुलिस लड़की को अपने साथ लेकर उत्तर प्रदेश वापस आ जाती है या स्थानीय अस्पताल में जांच के लिए लड़की को भेजा जाता है जांच में पता चलता है कि नाबालिक लड़की गर्भवती है लड़की के गर्भवती होने की बात सामने आने के बाद परिवार वालों की ओर से लड़की के एबॉर्शन की मांग की जाने लगती है इस पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया जाता है
अब एक लडकी पुलिस को तो मिल गई थी मगर दो बहनें अब भी गायब थी उन दो बहनों की तलाश में अब यह बरामद की गई लडकी ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती थी
इसलिए पुलिसवाले उससे पूछताछ का सिलसिला शुरू करते हैं और पूरी कहानी समझने की कोशिश करते हैं कि यह गायब कैसे हुई और पंजाब तक कैसे पहुंच गई पुलिसवालों की पूछताछ में लडकी जो खुलासा करती है उसे जानकर हर कोई शॉक्ड रह जाता है पुलिस पूछताछ के दौरान लडकी बताती है कि गायब होने से तीन दिन पहले यानी अट्ठारह दिसंबर दो हज़ार इक्कीस को वह अपनी बड़ी बहन निशा के साथ घर के बाहर गई हुई थी पास के ही बाजार में निशा अपनी छोटी बहन की मुलाकात राहुल नाम के एक लड़के से करवाती है निशा अपनी छोटी बहन को राहुल के बारे में बताती है कि उसका दोस्त है और यह बहुत अच्छा लड़का है इस मुलाकात के दौरान ही राहुल निशा की छोटी बहन को अपना महंगा मोबाइल कपडा और दूसरी चीजें दिखाता है और उसे इम्प्रेस करने की कोशिश करता है साथ ही उससे कहता है कि अगर तुम्हें भी ये सब चाहिए तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं निशा अपनी बहन को समझाती है कि राहुल की जान पहचान कई बड़े लोगों से है और वह दिल्ली में एक बड़ी कंपनी में भी काम करता है मैंने इसे अपने और तुम्हारे बारे में बात कर ली है और यह हम दोनों को दिल्ली ले जाकर एक अच्छी कंपनी में नौकरी दिलवा देगा इसके बदले हमें काफी पैसे मिलेंगे इन पैसों से हम अपने परिवार की गरीबी दूर कर पाएंगे इसके साथ ही निशा अपनी छोटी बहन को कहती है कि इस बारे में घर में किसी को न बताएं वह कहती है कि जब हमें अच्छी नौकरी मिल जाएगी तब इस बारे में अपने माता पिता को बताएंगे और उन्हें भी अपने साथ दिल्ली में रहने के लिए बुला लेंगे
इसी के बाद प्लान के मुताबिक ही जब हर कोई सो जाता है तो इक्कीस दिसंबर दो हज़ार बाईस की आधी रात को निशा अपनी बहन के साथ घर से निकल जाती है रास्ते में ही राहुल निशा और उसकी छोटी बहन का इंतजार कर रहा था जैसे ही दोनों राहुल से मिलते हैं राहुल दोनों बहनों को अपने साथ बाइक से लेकर निकल जाता है राहुल दोनों को लेकर रेलवे स्टेशन चला जाता है वहां पर एक भरत सिंह नाम का लड़का इन दोनों का इंतजार कर रहा था यहां पर भरत और राहुल में कुछ बातचीत होती है फिर राहुल छोटी लड़कियों से कहता है कि यह तो में दिल्ली ले जाएगा और यही तुम्हारी नौकरी लग जायेगा लड़की के मुताबिक इस दौरान भरत सिंह राहुल को पैसे भी देता है लडकी के खुलासे के मुताबिक सारी बातचीत होने के बाद यहीं पर भरत दोनों बहनों को मिठाई खाने के लिए देता है लडकी के मुताबिक मिठाई खाने के बाद उसे कुछ भी याद नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ क्योंकि जब कई घंटों बाद उसकी आंखें खुली तो वो खुद को एक घर में कैद पाती है उसे अपनी बड़ी बहन निशा भी वहां पर दिखाई नहीं देती है जब लड़की भरत से पूछती है कि वह कौन है तो लड़का बताता है कि अभी तुम पंजाब में हो जब लड़की अपनी बहन निशा के बारे में पूछती है तो भरत बताता है कि निशा अभी दिल्ली में है और बहुत जल्द हम तुम्हें दिल्ली लेकर जाएंगे लड़की के मुताबिक इसके कुछ दिनों बाद भरत उसे पंजाब से दिल्ली लेकर आता है और एक कमरे में बंद रखता है यहां वह लडकी के साथ जबरदस्ती संबंध भी बनाता है लड़की के विरोध करने पर कहता है कि अगर तुम्हें नौकरी चाहिए तो तुम्हें यह सब करना ही पड़ेगा विरोध करने पर भरत लड़की को जान से मारने की भी धमकी देता है नाबालिक लड़की भरत की धमकी से डर जाती है और वही सब करती है जो वो से करने के लिए कहता है प्रिय सिलसिला कई दिनों तक चलता रहता है इसी बीच एक दिन एक महिला इस लड़की को अपने साथ लेकर पंजाब आ जाती है यहां उसके साथ जबरदस्ती जिस्मफरोशी का धंधा शुरू हो जाता है और जबरदस्ती का धंधा तब तक चलता रहता है जब तक कि पुलिस इस लड़की को बरामद नहीं कर लेती है लड़की के बयान से पुलिस को ये आइडिया मिल जाता है कि इस लड़की के गायब होने के पीछे बाकी लड़कों के साथ साथ इसकी अपनी सगी बहन निशा की भी साजिश है इसलिए पुलिस वाले निशा और राहुल की तलाश में लग जाते हैं इधर पुलिस निशा और राहुल की तलाश में लगी हुई थी उधर निशा को छोटी बहन की बरामदगी की भी खबर मिल जाती है इसलिए वो अपने ब्वॉयफ्रेंड राहुल के साथ हालात का जायजा लेने के लिए एक दिन चुपचाप मैनपुरी आती है पुलिसवाले पहले से ही निशा और राहुल की तलाश में लगे हुए थे तथा इन दोनों की एक एक्टिविटी पर भी नजर रखी जा रही थी इसलिए जैसे ही ये दोनों मैनपुरी आते हैं तुरंत ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाता है दोनों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ का सिलसिला शुरू होता है
पूछताछ में राहुल स्वीकार कर लेता है कि उसने पैसों के लालच में नाबालिक लड़की को अपने दोस्त भरत से बेच दिया था राहुल यह भी खुलासा करता है कि इन सब में गायब लड़कियों की बहन निशा का भी हाथ है इन दोनों से पूछताछ में खुलासा होता है कि असल में निशा और राहुल साथ में मिलकर बहुत ज्यादा पैसा कमाने का प्लान बनाते हैं राहुल निशा को अपनी बहनों की किडनैपिंग का आइडिया देता है ईशा ब्वॉयफ्रेंड के कहने पर अपनी ही दो छोटी बहनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने का घिनौना प्लान बनाती है फिर इसी प्लान के तहत निशा सबसे पहले अपनी छोटी बहन को साजिश के तहत नौकरी का लालच देकर पंजाब भेज देती है और फिर उसे पंजाब बेचने के आठ दिनों बाद अपनी दूसरी बहन को लेकर चुपचाप तीस दिसंबर को घर से लापता हो जाती है इस बार राहुल निशा के साथ छोटी बहन को राजस्थान के एक लडकी से बेच देता है पुलिसवाले अब उसकी एक बची हुई गायब लड़की की तलाश में लग जाते हैं
निशा तथा राहुल द्वारा किए गए खुलासे के मुताबिक ही पुलिसवाले अपनी जांच आगे बढ़ाते हैं फाइनली कड़ी मेहनत के बाद छः अप्रैल दो हज़ार तेईस को राजस्थान से गायब हुई तीसरी लड़की को भी बरामद कर लिया जाता है तीनों लड़कियों को बरामद करने के साथ साथ भरत सिंह राहुल और इस प्लान में शामिल निशा को जेल में भेज दिया जाता है जबकि बाकी दो लड़कियों को न्यायालय में पेश करने के बाद माता पिता के हवाले कर दिया जाता है जो नाबालिक लड़की गर्भवती हुई थी उसके एबॉर्शन को लेकर माता पिता लंबे समय तक एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास चक्कर काटते रहते हैं मगर लंबे समय तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका था लड़की के अबॉर्शन के लिए लड़की के माता पिता ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी मदद ली थी इसके बावजूद लडकी का अबॉर्शन हुआ या नहीं इस बारे में काफी रिसर्च के बाद भी कोई जानकारी निकलकर सामने नहीं आ सके
दोस्तों मुख्य आरोपियों के साथ साथ निशा जैसी कलियुगी बहन को क्या सजा मिलनी चाहिए
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