खुद को कैसे बदले सबसे बड़ा सीक्रेट |

# खुद को कैसे बदले सबसे बड़ा सीक्रेट #

कई बार आप अपने आपको बदलने का बहुत प्रयास करते हैं लेकिन आप अपने आप को बदल नहीं पाते हैं और कई बार आप दूसरों को बदलने की भी बहुत ज्यादा कोशिश करते हैं लेकिन वह कोशिश सफल नहीं हो पाती है आप चाहते तो हैं कि आप खुद को या दूसरों को बहुत अच्छे से बदल पाए लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते हैं इसके पीछे क्या रीजन है आज हम जानने की कोशिश करते हैं इस कहानी के माध्यम से और आज हम जानेंगे कि यदि आप अपने आप को या किसी को बदलना चाहते भी हैं तो उसका क्या तरीका हो सकता है एक बार एक राजा के दरबार में एक व्यक्ति पहुंचा और कहने लगा कि मुझे आप अपने यहां किसी भी हालत में काम पर रख लीजिए राजा ने कहा कि भाई आपने ऐसा कौन सा गुण हैं कि मैं आपको अपने दरबार में काम पर रख लो उस व्यक्ति ने कहा कि मैं आपकी बहुत बड़ी समस्या का समाधान चुटकियों में कर सकता हूं राजा ने कहा कि वह कैसे उस व्यक्ति ने कहा कि मैं किसी भी व्यक्ति को देखकर या जानवर को देखकर उसके बारे में सच बता सकता हूं अब राजा को विश्वास नहीं हुआ लेकिन उसे सोचा कि यदि व्यक्ति ऐसा बोल रहा है तो मैं इसको पढूंगा और इस को काम पर रख लेता हूँ राजा ने कहा कि ठीक है मैं तुम्हें काम पर रखने के लिए तैयार हूं तुम्हें मैं अपने अस्तबल का मेन व्यक्ति बना देता हूं तो मेरे सारे के सारे घोड़ों को बहुत अच्छे से संभाला उस व्यक्ति ने कहा कि ठीक है और आपका बहुत बहुत धन्यवाद कि आपने मेरे कहने पर मुझे काम पर रख लिया व्यक्ति को काम करते हुए थोड़े दिन बीत चुके थे राजा ने सोचा कि मुझे व्यक्ति को परखना चाहिए कि जो बोल रहा था वो बात सच भी थी या फिर झूठी तो राजा अस्तबल में गया और उस व्यक्ति से कहने लगा कि देखो ये मेरा सबसे महंगा घोड़ा है सबसे शानदार घोड़ा है और मैंने इसे बहुत ही मेहनत से कमाया है उस व्यक्ति ने राजा को कहा कि राजा साहब आपकी ये सारी बातें तो ठीक है लेकिन गुस्ताखी माफ हो मैं आपको इस घोड़े के बारे में बात बताना चाहता हूं यदि आप इजाजत दे.तो मैं आपको बताऊं राजा ने कहा कि बिल्कुल तुम्हारे मन में जो है वो मुझे बताओ उस व्यक्ति ने कहा कि राजा साहब आपका यह महंगा घोड़ा या आपने जो इतनी मेहनत से घोड़े को खरीदा है वह बहुत अच्छी बात है लेकिन आपका घोड़ा नस्ल वाला घोड़ा नहीं है यह तो नकली घोड़ा है अब राजा इस बात को सोचकर चिंतित हो गए और सोच में बढ़ गए और सोचने लगे कि मैंने तो इस घोड़े को खरीदने के लिए इतना सारा पैसा दिया इतना सारा मूल्य दिया है लेकिन यह व्यक्ति कहना है कि घोड़ा नस्ल का नहीं है ऐसे कैसे हो सकता है डंके की चोट पर कहा कि जहां से भी अपने घोड़े को खरीदा है वहां से आप पता लगाइए कि नस्ल का है या फिर नहीं है राजा ने ऐसा ही किया जिस व्यक्ति से उसने वह घोड़ा खरीदा था उस व्यक्ति को बुलाया कि जो भी बात हो सच बताना नही तो तुम्हारी गर्दन कटवा दी जायेगी वह व्यक्ति बहुत ज्यादा डर गया और कहने लगा राजा साहब मुझे माफ कर दो मैंने आपसे झूठ का हा था कि घोड़ा था तो नस्ल का ही लेकिन इसकी मां को जन्म देने के बाद ही मर गई थी मैंने सोचा कि अब क्या किया जाए मुझे घोड़े को बचाना था और इसलिए मैंने इस घोड़े को गाय के साथ रख दिया और गाय के साथ यह घोड़ा धीरे धीरे करके बड़ा हुआ और जवाब मेरे पास आए तो मैंने यह घोड़ा आपको दे दिया राजा को उसकी इस बात पर बहुत ज्यादा गुस्सा आया कि तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो लेकिन राजा खोज भी हुआ कि उन्हें सच का पता चल चुका था वह बेटी पर बहुत ज्यादा खुश हुए कि तुम्हारी वजह से मुझे सच्चाई का पता चला है और मैं तुम्हें इनाम देना चाहता राजा ने कहा कि मैं तुम्हें बहुत सारी भेड़ बकरियां और मुर्गे इनाम में देता हूं जाओ मेरे लिए और काम करो राजा ने कहा कि बाकी सारी बातें ठीक है तो मुझे यह तो बताओ कितने यह पता कैसे चला कि घोड़ा नस्ली नहीं है उसे के ने कहा कि पता लगाना तो मेरे लिए बड़ी आसान सी बात थी क्योंकि जब भी कोई नस्ली घोड़ा भोजन करता है तो वो अपने मुंह को ऊपर की तरफ करता है और ऐसे भोजन करता है लेकिन जब मैंने घोड़े को देखा तो इसका मुंह पूरे समय नीचे रहता था एक गाय के समान और मुझे तभी पता चल गया था कि घोड़ा नस्ली नहीं है आप थोड़े दिन तक राजा का काम चलता रहा लेकिन राजा के मन में एक बात आई कि मुझे उस व्यक्ति से अपनी रानी के बारे में भी कुछ जानकारी जरूर लेना चाहिए क्योंकि मेरी रानी तो इतनी खानदानी हैं तो मैं उस व्यक्ति से पूछकर देखता हूँ अपनी रानी के बारे में राजा ने उस व्यक्ति को अपने दरबार में बुलाया और कहा कि मुझे तुमसे अपनी रानी के बारे में
कोई जानकारी लेना है तुम मेरी रानी के बारे में बताओ उस व्यक्ति ने कहा कि में रहने के बारे में सब कुछ बता दूंगा लेकिन आपको वादा करना होगा कि आप मेरे ऊपर गुस्सा नहीं करेंगे राजा ने कहा बिल्कुल गुस्सा नहीं करूंगा क्योंकि मेरी रानी तो इतनी अच्छी है मैं तुम पर गुस्सा क्यों करूंगा उस व्यक्ति ने राजा को कहा कि आपकी रानी खानदानी बिल्कुल भी नहीं है वो तो किसी नीचे गहराने की है और इस बात को सुनकर राजा बहुत ही ज्यादा गुस्से में आ गए और बेटी से पूछने लगे कि तुम ऐसा कैसे कह सकते हो व्यक्ति ने कहा कि मैंने पहले ही आपसे कहा था कि आप गुस्सा नहीं करेंगे लेकिन अभी आप तो घुसा कर रहे हैं यदि आपको वाकई में सच का पता लगाना है तो आप रानी की मां को जाकर पूछिए कि सच क्या है हो सकता है वो आपको सच बता देंगे अब राजा ने सोचा कि यह बात भी ठीक है उन्होंने उस रानी की मां को बुलाया और कहा कि आप मुझे सारी की सारी बातें सच बताइए कि सच क्या है ये रानी है कौन अब रानी की मां बहुत ज्यादा डर गई कब कब आने लगी और राजा से कहने लगी कि मैं आपको सारी की सारी बातें सच बता देती हूँ आपके पिता और मेरे पति के बीच में बहुत ही अच्छी दोस्ती थी और जब आप पैदा भी नहीं हुए थे जब उन दोनों ने यह निर्णय ले लिया था कि हम दोनों के बच्चों की शादी आपस में होगी मुझे बेटी पैदा हुई थी लेकिन पैदा होने के छह महीने बाद ही वह मर गई थी और मैं यह कभी नहीं चाहती थी कि आपके पिता और मेरे पति के बीच में जो भी बातें हुई है जो भी कमिटमेंट हुए हैं वो खारिज हो मैं चाहती थी कि वह कमिटमेंट पूरे हो इसलिए मैंने कहीं दूसरी जगह से एक बच्ची को ढूंढा और उसे मैंने पाला पोसा और बड़ा किया और जब वह बड़ी हुई तो उसकी शादी आपके साथ हो गई राजा को फिर बाद गुस्सा आया लेकिन वह प्रसन्न भी हुए क्योंकि उन्हें अब सच का पता था वह बेटी पर फिर बहुत ज्यादा प्रसन्न हुए कि तुम्हारे कारण आज मुझे फिर एक सच का पता चला है राजा ने फिर उस व्यक्ति को का हा कि मैं फिर से तुम्हें बहुत सारा इनाम देना चाहता हूं जाओ जितने भी भेद लेना है बकरिया लेना है मुर्गे लेना है लेकर जाओ राजा ने इस बार फिर से उससे पूछा कि तुम मुझे यह तो बता दो कि तुम्हें पता कैसे चला कि रानी खानदानी नहीं हैं ने कहा कि पता लगाना तो मेरे लिए बड़ा ही आसान था कि यह रानी खानदानी नहीं है क्योंकि कोई भी खानदानी महिला हर व्यक्ति से अच्छे से बातें करती है गाली गलोच नहीं करती है बुरा व्यवहार नहीं करती है लेकिन जब मैंने रानी को देखा तो मैंने पाया कि हर व्यक्ति को गाली गलौज करती रहती है हर व्यक्ति से अच्छे से बात नहीं करती है अगर दिखाते रहती है जबकि एक खानदानी महिला कभी भी ऐसा नहीं करती आप थोड़े दिन और भी थे राजा बहुत खुशी खुशी रहने लगा लेकिन थोड़े दिन के बाद राजा के मन में आया कि मुझे इस व्यक्ति से अपने बारे में जानना चाहिए क्योंकि मैं तो इतना प्रतापी हूँ मैं तो इतना बड़ा राजा हूँ कि मेरे बारे में क्या सच बताएगा यह मुझे इस व्यक्ति से जरूर जाना चाहिए राजा ने फिर उसे की को डर बार में बुलाया और कहा कि आज तुम्हें मेरे बारे में सच बताना है कि मेरी सच्चाई क्या है उस व्यक्ति ने कहा कि महाराज मैं आपकी सच्चाई बताने के लिए बिल्कुल तैयार हूं लेकिन आपको मुझसे वादा करना होगा कि आप मुझे अपने सैनिकों के द्वारा बनवाएंगे नहीं राजा ने कहा कि कैसी बातें कर रहे हो मैं तुम्हें की उम्र गाने लगा बिल्कुल भी नहीं करूंगा था लेकिन मुझे अपने बारे में जानना है जो भी चीज मेरे बारे में सच है वह तुम्हें बताना होगा उस व्यक्ति ने कहा कि बिल्कुल ठीक है मैं बता देता हूँ उस व्यक्ति ने राजा को कहा कि आप की सच्चाई यह है कि आप किसी राजा की संतान हो ही नहीं राजा का दिमाग खराब हो गया राजा सोचने लगे कि यह कैसी बात कर रहा है मैं इतना बड़ा राजा हूँ और यह व्यक्ति कह रहा है कि मैं किसी राजा की संतान ही नहीं हूँ वो फिर से गुस्सा हो गए लेकिन व्यक्ति ने कहा कि आप इस बात को अपनी मां से पूछ सकते हैं सच्चाई को जान सकते हैं राजा अपनी मां के पास गुस्से में गया और पूछने लगा कि मां मुझे सच्चाई बताओ कि मैं कौन हूँ मैं कहां से आया हूं और वहां कई में में राजा की संतान हूँ या नहीं हूं राजा की मां ने सच्चाई बताई कि जब तुम्हारे पर था और मेरी शादी हुई तो उसके कई सालों बाद तक हमें कोई भी बच्चा नहीं हुआ कोई भी संतान नहीं हुई लेकिन इस राज्य को चलाने के लिए एक उत्तराधिकारी तो चाहिए ही था और हमारे यहां पर गडरिया काम करता था उसे पुत्र धन की प्राप्ति हुई थी जो कि तुम हो और तुम को हमने गोद ले लिया पाला पोसा बड़ा बनाया और आज तुम राजा बन गए का दिमाग बहुत ज्यादा खराब हो रहा था लेकिन वह खुश भी था क्योंकि उसे सच का पता चल गया था लेकिन वह व्यक्ति के पास दौड़ते दौड़ते गया और उससे कहा कि यार तुम्हें पता कैसे चला कि मैं राजा की संतान नहीं हूँ इतना बड़ा सीक्रेट जो आज तक मुझे खुद पता नहीं चला लेकिन तुमने मुझे यह सच बताया तो बताया कैसे तुम्हें पता कैसे चला उस व्यक्ति ने कहा कि यह पता लगाना तो मेरे बड़ा ही आसान था क्योंकि जब भी कोई राजा खुश होता है किसी को इनाम देता है तो वह हीरे देता है जवारा देता है सोना देता है लेकिन जब भी आप खुश होते थे मुझे इनाम देते थे तो गार्डर देते थे भेज देते थे मुर्गे देते थे और उसी वक्त मैं समझ गया था कि आप एक राजा की औलाद हो ही नहीं सकते हैं कि आपको बात समझ में आई कि किसी भी इंसान की प्रवृति ही उस इंसान के बारे में सच्चाई बताते हैं कि वो कैसा है उसके गुण क्या हैं वो क्या क्या कर सकता है और क्या क्या नहीं कर सकता है कई बार आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा कि मेरे कारण हुआ है यह काम मेरे कारण हुआ है लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है कोई भी व्यक्ति किसी भी काम को कर नहीं सकता जब तक कि उसके गुण उसे वह काम नहीं करवा लेते इसका मतलब यह है कि आप जो भी काम करते हैं वह आपकी वजह से नहीं होता है वह आप नहीं करते हैं यह हम नहीं करते हैं बल्कि हमारी प्रकृति हमारी प्रवृत्ति क्या हमारे गुण हमसे करवाते हैं जैसे हमारी प्रवृत्ति होगी जैसे हमारे गुण होंगे वैसे ही हमारा जीवन भी होगा हम कई बार लोगों को बदलने की को कोशिश करते हैं लेकिन उनकी प्रवृत्ति या प्रकृति या गुण देखे बिना आप खुद को या किसी व्यक्ति को बदलने की कोशिश तो करते हैं लेकिन कभी भी यह नहीं सोचते हैं कि उस व्यक्ति के गुण क्या है उस व्यक्ति की प्रवृति कैसी है उस व्यक्ति की प्रकृति कैसी है या साफ सा मतलब मैं कहूं तो उसका नेचर कैसा है जिस व्यक्ति का नेचर जैसा होता है वह वैसा ही काम करता है है उसके अलावा वह किसी प्रकार का काम कर ही नहीं सकता है लेकिन फिर भी हम उस व्यक्ति को उसके नेचर के खिलाफ जाने के लिए मनाते हैं कि आपको इस अकॉर्डिंग काम करना है लेकिन इस बात को हमेशा याद रखना कि जिस व्यक्ति की जैसी प्रकृति होती है जैसा नेचर होता है वह वैसा ही काम करेगा इंसान का नेचर मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है होता है सात्विक दूसरा होता है राजसिक और तीसरा होता है तामसिक सात्विक नेचर के लोग वह होते हैं जो इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं कि जितने भी कम हम कर रहे हैं या जितने भी कर्म के फल हमें मिल रहे हैं वह हमारी प्रकृति हमारे नेचर यह हमारे गुणों के कारण हमें मिल रहे हैं जितना हम अपने गुणों को बढ़ते जाएंगे उतनी हमारी प्रवृत्ति में हमारी प्रकृति है उतना हमारा नेचर अच्छा होता जाएगा और वैसा ही फल हमें मिलता जाएगा लेकिन राज सिग्नेचर के लोगों की प्रवृति होती है कि वह यह सोचते हैं कि इस दुनिया में जो भी काम हो रहा है वो सिर्फ और सिर्फ मेरे कारण हो रहा है उन्हें बहुत ज्यादा अहम होता है अहंकार होता है और वह सोचते हैं कि जो कुछ भी किया है वो मैंने किया है और मेरी वजह से हुआ और थाम सिग्नेचर के लोग वह होते हैं जो बहुत ज्यादा आलसी होते हैं जो कम करने में भरोसा ही नहीं रखते हैं उन्हें बहुत ज्यादा नींद आती है आलस्य आता है और वह किसी भी काम को ठीक से नहीं करते हैं उन्हें लगता है कि बस मुझे आराम की जरूरत है और में आराम करता रहूँगा तो मुझे सब कुछ मिल जाएगा मैं यहीं पर बैठा रहूंगा तो मुझे सब कुछ प्राप्त हो जाएगा इसमें के लोग होते हैं तामसिक लोग अब आगे जब भी आप अपने आपको या किसी व्यक्ति को बदलना चाहें तो सबसे पहले अपने आप से पूछिए कि इन तीन प्रकृति में से इन तीन नेचर में से आपका कौन सा नेचर है आप सात्विक है राज से एक है या फिर तामसिक है यदि यह कहानी समझ में आई हो तो इस कहानी को शेयर जरूर कर देना ताकि हर व्यक्ति को उसका नेचर और उसकी प्रकृति समझ
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