यह कहानी अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली एक लड़की तेजी मीणा लीची नाम की एक लड़की की है मीणा का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज मीणा अपनी शुरुआती पढ़ाई लोकल लेवल पर करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दो हज़ार आठ में अपने गांव से निकलकर ईटानगर आ जाती है
ईटानगर जाकर मीणा एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन ले लेती है पढ़ाई के दौरान ही मीणा की दोस्ती एक लीची रोनी नाम की लड़के से होती है लीची रोनी अरुणाचल प्रदेश के एक एमएलए का बेटा था यह एमएलए का बेटा था तो आप इस की हैसियत का अंदाजा लगा सकते हैं फिर भी हैसियत को दरकिनार कर दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन जाते हैं समय के साथ दोनों की दोस्ती पर में बदलती है और फिर दोनों साथ जीने मरने की कसमें खाते हैं इस दोस्ती को रिश्ते का नाम देने के लिए लीची रोनी और मीणा अपने अपने परिवार वालों से बात करते हैं एक तरफ एक मिडिल क्लास परिवार से संबंध रखने वाली लडकी थी तो दूसरी तरफ एमएलए के परिवार से आने वाला लड़का आर्थिक खाई बड़ी थी इसलिए दोनों के परिवार वालों ने इस रिश्ते के लिए शुरू में मना कर दिया मगर जब रोनी और मीणा एक दूसरे से शादी करने के लिए जाते हैं तो दोनों परिवार इस रिश्ते को मंजूरी दे देते हैं और पर दो हज़ार बारह में इन दोनों की शादी हो जाती है
शादी के बाद दोनों खुशी खुशी साथ रहते हैं दो हज़ार चौदह में मीणा और लिए रोने के परिवार में एक नन्हीं सी बिटिया का जन्म होता है बिटिया के जन्म के बाद भी दोनों की जिंदगी ठीक तरीके से आगे बढ़ती रहती है परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए मीणा मिस अरुणाचल ऑर्गेनाइजेशन में अकाउंट एंड फाइनेंस सेक्रेटरी के तौर पर काम भी करने लगती हैं इधर रोने भी अलग अलग बिजनेस को आगे बढ़ाता रहता है
शादी के बाद अब तक तो सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था मगर दो हज़ार सत्रह में चीजें बदलना शुरू होती है और मीणा तथा लिखी रोनी के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो जाती है समय के साथ ही खटास इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि रोनी मीणा से तलाक मांगने लगता है इस बात की जानकारी दोनों परिवार तक पहुंचती है और फिर दोनों परिवार वाले दोनों को आपस में बिठाकर तलाक की वजह से समझाने की कोशिश करते हैं
कोई ठोस वजह न होने पर सभी एक दूसरे को समझाते हैं और साथ रहने के लिए कहते हैं परिवार वालों की मेहनत सफल रहती है और दोनों फिर से साथ में रहने लगते हैं अगले दो साल इन दोनों के लिए ठीक ढंग से गुज़रते हैं
मगर दो हज़ार उन्नीस में फिर से लुसी रोनी तलाक की डिमांड करने लगता है हालांकि इस बार भी परिवार वाले चीजों को संभालते हैं और फिर दोनों साथ रहने लगते हैं जब यह दोनों साथ रह रहे होते हैं तभी दो हज़ार बीस की शुरुआत में ही मीणा अपने परिवार वालों को फिर से गर्भवती होने की खुशखबरी सुनाती है इस खबर से दोनों ही परिवार वाले बहुत ज्यादा खुश होते हैं क्योंकि लंबे समय बाद परिवार में फिर से किलकारी गूंजने वाली थी परिवार वालों की खुशी इसलिए भी ज्यादा थी कि बेटे बहू में सब कुछ सामान्य हो चुका था रोनी भी मीणा का बहुत अच्छे से ख्याल रखता था और एक जिम्मेदार पति और पिता की तरह व्यवहार करने लगा था परिवार में सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था मीणा की प्रेग्नेंसी को भी सात महीने हो चुके थे परिवार में नए मेहमान के आने को लेकर तैयारियां भी शुरू होने लगी थी कि अचानक पाँच नवंबर दो हज़ार बीस को दोपहर के समय इस परिवार को एक ऐसी खबर मिलती है जिससे पूरे परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ता है मीना अपनी इनोवा कार से कहीं जा रही थी कि तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो जाता है यह ऐक्सिडेंट अरुणाचल के कर सिंह ब्लॉक प्वाइंट के पास हुआ था यह एक सुनसान इलाका था दुर्घटना के कुछ देर बाद आसपास से जब कुछ लोग गुजरते हैं तो वह तुरंत ही पुलिस को फोन करके घटना की जानकारी देते हैं मौके पर पुलिस पहले आते हैं तो देखते हैं कि गाड़ी सड़क से नीचे उतरी हुई है गाड़ी के अंदर एक महिला अकेली बैठी है जिसके शरीर से बहुत ज्यादा खून बह रहा है तत्काल ही पुलिस वाले कार के अंदर से मीणा को निकालकर पास के अस्पताल ले जाते हैं यहां उसे मृत घोषित कर दिया जाता है डॉक्टर बताते हैं कि मीणा के गर्भ में पल रहा सात महीने का बच्चा भी इस एक्सीडेंट में मर चुका है शुरू में देखने से लग रहा था कि एक ओपन एंड शट केस है केस यहीं पर बंद हो सकता था मगर यह एक हाई प्रोफाइल परिवार से जुड़ा हुआ मामला था इसलिए पुलिस के आला अधिकारी एक्सिडेंट वाली जगह पर जाते हैं और उस जगह की अच्छी तरीके से इन्वेस्टिगेशन करते हैं इस एक्सीडेंट से जुड़ी एक एफआईआर बंदर देवा थाने में दर्ज कर ली जाती है पुलिस वालों को एक बाद सबसे ज्यादा खटकती है कि जब पुलिस वाले मौके पर पहुंचते हैं तो कार के अंदर मीणा की लाश पड़ी हुई थी जबकि कार में कोई ड्राइवर नहीं था इसके अलावा मीणा के शरीर पर बहुत गहरे जख्म के निशान थे उसकी अपेक्षा गाड़ी पर इतने गंभीर दिखाई नहीं देते हैं आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि गाड़ी के अंदर बैठा शख्स बुरी तरीके से जख्मी हो जाए यहां तक कि उसकी जान चली जाए मगर गाड़ी बाहर से ज्यादा डैमेज ना हो पुलिस को यहीं से इस केस में साजिश की बू आने लगती है इसलिए तत्काल ही इस केस को इन्वेस्टिगेट करने के लिए कई बड़े पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाई जाती है पुलिस वाले सबसे पहले घटना के समय कार चला रहे ड्राइवर के बारे में जानकारी जुटाना शुरू करते हैं सबसे पहले पुलिस वाले लुसी रोनी से ड्राइवर का मोबाइल नंबर लेकर उससे कॉन्टैक्ट करते हैं घटना के समय इनोवा कार को बैठक स्वांग नाम का व्यक्ति चला रहा था पुलिस वाले जब ड्राइवर से एक्सीडेंट के बाद घटना थल से भागने की वजह पूछते हैं तो वह कहता है कि मैं डर गया था इसलिए वहां से भाग गया पुलिस वाले ड्राइवर की बातों से ज्यादा संतुष्ट नहीं होते हैं इसलिए अब ड्राइवर को हिरासत में लेने का फैसला किया जाता है जल्द ही पुलिस वाले ड्राइवर को ढूंढ निकालते हैं और हिरासत में ले लेते हैं ड्राइवर को देखकर पुलिस का शक और भी ज्यादा गहरा हो जाता है जिस कार एक्सिडेंट में एक महिला मर गई थी उसी कार को चला रहे ड्राइवर बिल्कुल सही सलामत था उसके शरीर पर एक खरोंच तक नहीं आई थी जल्द ही ड्राइवर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ का सिलसिला शुरू होता है कई घंटे की पूछताछ में ड्राइवर बस एक ही बात रखता रहता है कि उसकी आंख लग गई और अचानक कार सड़क से नीचे उतर गई जिसमें चोटिल होकर मीणा की मौत हो गई ड्राइवर की रथ के आगे पुलिसवाले हार नहीं मानते हैं और लगातार उससे पूछताछ का सिलसिला जारी रखते हैं इसी बीच मीणा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ जाती है जिसमें कहा जाता है कि मीणा की मौत एक्सिडेंट में लगी चोट की वजह से नहीं बल्कि किसी भारी चीज के हमले की वजह से हुई है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शक जताया जाता है कि मीणा को लोहे के हथौडे जैसी भारी चीज से मारा गया है उसके शरीर के अलग अलग हिस्सों पर भी जोर जबरदस्ती के निशान थे अब पुलिस वाले और भी ज्यादा सख्ती के साथ ड्राइवर से पूछताछ शुरू करते हैं ड्राइवर से लगातार चार दिनों तक पूछताछ चलती रहती है फाइनली इन दिनों की लगातार पूछताछ के बाद ड्राइवर की सभी चालाकी फेल हो जाती है और अब सच बताना शुरू करता है सच सुनकर हर किसी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है ड्राइवर एक्सेप्ट करता है कि यह कोई एक्सीडेंट नहीं था बल्कि पहले मीणा की हत्या की गई और फिर उसे एक्सीडेंट का रूप दिया गया था अगला सवाल था कि आखिर मीणा की हत्या किसने और क्यों करवाई जब ड्राइवर इसका जवाब देता है तो हर कोई शॉक्ड रह जाता है ड्राइवर बताता है कि यह हत्या किसी और ने नहीं बल्कि मीणा के प्रति निशी रूनी ने ही करवाई है इस खुलासे के बाद दस नवंबर दो हज़ार बीस को मीणा के पति निशी रोनी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है इस पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए लीची रोनी से पूछताछ का सिलसिला शुरू होता है पुलिस की पूछताछ में सिलसिलेवार तरीके से खुलासे होने शुरू हो जाते हैं खुलासे के मुताबिक जब लुसी रूनी मीणा से तलाक लेने में नाकाम हो जाता है तो वह अब मीणा को जान से मारकर अपने रास्ते से हटाने के प्लान पर काम करने लगता है इसी प्लान के तहत वे सबसे पहले अपने पुराने दोस्त का फोन लेते लोगों से मिलता है यह दोस्त गांव का रहने वाला था रोनी अपने दोस्त से कहता है कि वे अपनी बीवी की हत्या करवाना चाहता है मगर यह हत्या ऐसे होनी चाहिए कि किसी को शक भी ना हो इस मीटिंग के बाद रोनी का दोष का अपमान मीणा की हत्या के लिए पास के ही तेरह जिले से दो कॉन्ट्रैक्ट किलर को इस हत्या को अंजाम देने के लिए राजी कर लेता है यह कॉन्ट्रैक्ट किलर थे यांग और ताने खून या जब ये दोनों ही इस हत्या को करने के लिए राजी हो जाते हैं तो का क्वांग इन दोनों को लेकर ईटानगर के एक होटल में सत्ताईस अक्टूबर दो हज़ार बीस को आता है इस होटल में अट्ठाईस अक्टूबर दो हज़ार बीस को रूनी भी आता है फिर आपस में बैठकर मदर प्लांट को फाइनल करते हैं रोनी अपने सात महीने की गर्भवती पत्नी की हत्या के बदले कॉन्ट्रैक्ट किलर को दस लाख रुपए देने का वादा करता है एडवांस के रूप में अट्ठाईस अक्टूबर को ही लुसी पांच लाख रुपए कॉन्ट्रैक्ट किलर को दे भी देता है बाकी के पाँच हत्या करने के बाद देने का वादा किया जाता है इस मीटिंग में तय होता है कि हत्या करने के बाद इसे एक रोड एक्सीडेंट का रूप दे दिया जाएगा ताकि किसी को भी शक ना हो तीस अक्टूबर दो हज़ार बीस को इन लोगों की एक और मीटिंग होती है इसमें तय किया जाता है कि दशांश सियांग मीणा का नया ड्राइवर होगा और यही हत्या को अंजाम देगा मगर दो नवंबर को यांग रोनी के दो से कहता है कि वह यह काम अकेले नहीं कर सकता है इसी के बाद इस प्लान में डुमरिया खोया नाम के एक व्यक्ति को भी शामिल किया जाता है तय किया जाता है कि पांच नवंबर दो हज़ार बीस को इस हत्या को अंजाम दिया जाएगा हत्या को अंजाम देने से पहले चार नवंबर को एक बार फिर से सभी तैयारी का जायजा लेते हैं और हत्या के लिए एक जगह फिक्स कर लेते हैं अपलाइन के मुताबिक फाइनली हत्या की तारीख आ चुकी थी पाँच नवंबर दो हज़ार बीस साजिश के तहत पांच नवंबर की सुबह सुबह लीची रोनी अपनी वाइफ मीणा से कहता है कि एक जमीन की डीलिंग के सिलसिले में हमें कर सिंह जाना है मैं चाहता हूँ कि तुम भी मेरे साथ चलो फिर प्लान के मुताबिक तय समय पर कार का नया ड्राइवर तथा यांग मीणा और उसके पति को घर से पिक कर लेता है और कर सिंह के रास्ते की ओर निकल पड़ता है
ड्राइवर कार की पिछली सीट पर दमड़ी को खोया को भी बैठा लेता है कार अपनी रफ्तार के आगे बढ़ते हुए रास्ते में पढ़ने वाली एक शिव मंदिर को क्रॉस करती है तभी कार के पीछे बैठा हुआ दम रियाद अचानक से मीणा पर हमला करना शुरू कर देता है मीणा अपने बचाव में हाथ पैर चलाना शुरू करती है वह मदद के लिए चिल्लाने की कोशिश करती हैं मगर कार में मौजूद कोई भी व्यक्ति उसकी मदद नहीं करता है इसी बीच दम रियाद पास में पहले से रखा हुआ लोहे का एक भारी हथौड़ा उठाकर मीणा पर हमला करना शुरू कर देता है और वे तब तक हमले करना जारी रखता है जब तक कि मीणा की सांसें थम नहीं जाती जब सभी को मीणा के मरने का पक्का यकीन हो जाता है तो सभी गाड़ी से उतर जाते हैं फिर बड़ी सावधानी से कार को आगे चलाते हुए तथा अहंकार को सड़क के बायीं ओर नीचे गड्ढे में उतार देता है फिर मौके से सभी लोग भाग निकलते हैं थोडी देर बाद जब कुछ लोग वहां से गुजरते हैं तो उनकी नजर कार पर पड़ती है और फिर वही लोग पुलिस को फोन करते हैं पुलिस को इस बात का जवाब तो मिल गया था कि एक्सिडेंट नहीं हत्या है मगर हत्या क्यों की गई थी इसका जवाब अभी भी जानना बाकी था आगे की पूछताछ में पुलिस वालों को इस सवाल का जवाब भी मिल जाता है इस हत्या की वजह थी लीची रोने की एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर दरअसल दो हज़ार सोलह में ही लीची रोनी चूमी ताया नाम की एक लड़की के प्यार में पड़ जाता है इसी लड़की के प्यार में पड़ने के बाद रोनी अपनी पत्नी से तलाक लेने की कोशिश करने लगता है जब रोनी का तलाक लेने का प्लान काम नहीं आता है तो वह अपनी पत्नी की हत्या का प्लान बनाता है और बड़ी ही बेरहमी से सात महीने की गर्भवती पत्नी की जान ले लेता है इस पूरे खुलासे के बाद पुलिस वाले अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए इस साजिश में शामिल एक के बाद एक पांच लोगों को गिरफ्तार कर लेते हैं आगे मीणा के परिवार वाले रोने की गर्लफ्रेंड चूमी ताया पर भी इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हैं इसी आरोप के बाद इस गर्लफ्रेंड को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है आगे की जांच में विजय विश्वास और डेंगू नाम के एक व्यक्ति का भी इस साजिश में नाम सामने आता है उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाता है गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ हत्या साजिश करने सबूत मिटाने एक अजन्मे बच्चे की जान लेने समेत कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है आगे इस केस की जांच बढ़ती रहती है और पुलिस वाले अपनी ओर से ठोस सबूत जुटाना शुरू करते हैं इसी बीच पाँच जनवरी दो हज़ार इक्कीस को इसकी इसके कुछ आरोपी अदालत में बिल के लिए एप्लीकेशन डालते हैं मगर उन सभी की बेल की अर्जी खारिज कर दी जाती है
फिर आगे चार फरवरी दो हज़ार इक्कीस को पुलिस इस मामले में कुल सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करती है इनमें से आगे की सुनवाई के बाद दस जनवरी दो हज़ार तेईस को चूमी ताया और विजय विश्वास और डेंगू को सबूत के अभाव में केस से बरी कर दिया जाता है जबकि मीणा के प्रति लिखी रोनी समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ आरोप तय करते हुए उन्हें जेल भेज दिया जाता है फिलहाल इसकी इसके सभी आरोपी जूली जिला जेल में बंद है और अभी इस केस की सुनवाई स्थानीय अदालत में चल रही है दोस्तों वैसे तो सभी गुनहगारों को अदालत से उचित सजा मिल ही जाएगी मगर आपके अनुसार एक बेगुनाह को बेरहमी से मारने वाले इन दरिंदों को क्या सजा मिलनी चाहिए
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