Pune Porsche Case - Crime Stories in Hindi | सच्ची कहानी |

रात 3 बजे पुणे का कल्याणी में का अनीश और अश्विनी दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर कई दिनों बाद अपने दोस्तों के साथ डिनर करके घर वापस जा रहे थे बाइक पर बैठे अनीश और अश्विनी बस अपने घर पहुंचने ही वाले थे लेकिन कुछ ही पलों में कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे बूंदे है और इंडिया को हिलाकर रख दिया अश्विनी पीछे बैठी थी इसलिए बुरा ही अनीश ने अपनी बाइक की स्पीड धीरे ली जैसे ही दुनिया बोल्ट की हंड्रेड माइल से भी ज्यादा स्पीड से एक गाड़ी उनकी तरफ आई पुरुष गाड़ी ने उनकी बाइक को टक्कर टक्कर इतनी खतरनाक कि अश्विनी जो बाइक के पीछे बैठी थी बाइक से बीस फीट आगे जाकर गिरा और अनीश और अश्विनी दोनों ही कॉन्शियस सड़क पर गिर गए वहां मौजूद बाकी लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को कॉल करके उस चमचमाती गाड़ी को घेर लिया बुखारी कोई आम गाड़ी नहीं बल्कि दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों में से एक पॉश थी उस गाड़ी में से एक 17 साल का लड़का वेदांत निकला जैसे ही वहां मौजूद लोगों को रिलाइज हुआ कि वेदांत ड्रंक था उन सब ने उसे मिलकर मारना शुरू कर दिया कुछ ही मिनट में पुलिस वहां आ गई और आकर वेदांत को अरेस्ट करके ले गए अश्विनी उन्नीस को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया लेकिन वो दोनों बच नहीं पाए उसे एक्सिडेंट में उन दोनों की ऑन द स्पॉट डेथ हो गई थी थोडे ही घंटों में इस एक्सीडेंट की सीसीटीवी क्लिप्स हर जगह वायरल होने लगी सबको समझ आ गया था कि इसमें साफ साफ उस सत्रह साल के लड़के वेदांत की गलती है अनीश और अश्विनी के परिवार को उम्मीद थी कि उन्हें इंसाफ मिलेगा पर अगले कुछ दिनों में जो हुआ उसने हमारे देश की पुलिस और उसमें दीप रूट करप्शन का घिनौना और शर्मनाक सच हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया अनीश और अश्विनी के दोस्तों ने जल्दी से अनीश के अंकल को कौन एक करके सब कुछ बताया लोग सीधा यह द्वारा पुलिस स्टेशन गए जहां पर वेदांत को ले जाया गया था पर वहां जो उनके साथ हुआ और जो उन्होने देखा उस पर को विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे जहां वह अपनी रिपोर्ट लिखवाने के लिए हवलदारों से लड़ रहे थे वहीं दो गृह मर्सिडीज पुलिस स्टेशन के सामने आकर रुकी और उनमें से विधान के पिता विशाल और उनके साथ कुछ और लोग हाथ में पीजा बॉक्सेस लेकर अंदर
चले गए वहीं मौजूद एक क्राइम रिपोर्टर में छुपकर खिड़की से पुलिस स्टेशन के अंदर देखा तो वहां पर वेदांत अग्रवाल भी की चेयर पर बैठा था और उसके पापा उसे अपने हाथ से खिला रहे थे वहां मौजूद अनीश के अंकल और क्राइम रिपोर्टर्स इस बात का प्रोटेस्ट भी करने लगे
लेकिन किसी ने उनकी कोई बात नहीं सुनी
वहीं दूसरी ओर उस ऐक्सिडेंट की डिटेल्स के बजाय अनीश के अंकल को बिना किसी रीजन के अनीश और अश्विनी के रिश्ते पर सवाल उठाकर पुलिस उन्हीं को हैरिस और परेशान करने लगे
इसी बीच रात के तीन बजे उस एरिया के एमएलए सुनील ठेंगड़ी भी पुलिस स्टेशन में आए और तीन घंटे वहां बैठकर पुलिस स्टेशन से निकले पुलिस जानबूझकर सारी प्रोसेस्ड लेकर आएंगे था झा ऐसे केसेज में एक्सीडेंट की इमेज की बाद अल्कोहल के लिए ब्लड टेस्ट करवाए जाते हैं वहीं सारे टेस्ट आठ घंटे बाद सुबह ग्यारह बजे हुए जब टेस्ट के रिजल्ट आए तो सब शौक है
क्योंकि सारे रिजल्ट नेगेटिव थे पुलिस ने बलिदान को क्लीन चिट दे दी और उसे बेल मिल गई क्योंकि वेदांत सत्रह साल का था इसलिए अगली दोपहर को पुलिस ने प्रोसीजर के हिसाब से इक्कीस जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड के सामने प्रजेंट किया जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड ने प्रदान करके सुना लेकिन उन्होंने उसके बाद जो फैसला सुनाया
उसने पूरे देश को आक्रोश से भर दिया विधान को कड़ी सजा देने की बजाय उन्होंने उसे सजा में सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पर एक तीन सौ वॉट का ऐसा लिखने के लिए कहा ट्रैफिक रूल्स पर एक प्रेजेंटेशन बनाने के लिए कहा और पंद्रह दिन तक ट्रैफिक पुलिस की मदद करने का और थेरेपी लें
इन्हें का ऑर्डर दिया और उस ही बेल देवी सबको समझ आ रहा था कि अगर आपके पास पैसा है तो कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन जब ऑर्डर मीडिया के थ्रू लोगों को पता चला देशभर की पब्लिक गुस्से से भर गई और बस अनीश और अश्विनी के लिए जस्टिस डिमांड करने लगे लोगों का गुस्सा बढ़ता रहा सोशल मीडिया पर लोगों ने डिमांड किया कि वेदांत को स्ट्रेट पनिशमेंट मिले ताकि फ्यूचर में कोई ऐसी गलती न करें प्रोटेस्ट हुए कैंडल मार्च भी ऑर्गेनाइज है जिसमें लोगों ने अनीश और अश्विनी के लिए जस्टिस की डिमांड की बड़े से बड़े लीडर्स इन्फ्लुएंस और यूट्यूब ने भी पुलिस और अथॉरिटीज को उनके इस रिस्पॉन्सिबल बिहेवियर के लिए कॉल करना शुरू कर दिया सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया था कि महाराष्ट्र सीएम और डीसीएम ने पुलिस को स्ट्रेट एक्शन लेने के शख्स दिए और ऊपर से ऑर्डर जाने के बाद मनोज केस का रुख ही बदल गया सबसे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने विधान की बेल कैंसिल की और उसे जुवेनाइल ऑब्जर्वेशन होम भेज दिया लेकिन अब भी भी पुलिस की नई में स्टेशन के जरिए पावर और पॉलिटिक्स का एक घिनौना सच सामने आना बाकी था दरअसल वेदांत की अनीश और अश्विनी को मारने के बाद उसकी फैमिली ने ट्राई किया कि वह सारा ब्लेम उनके ड्राइवर डाल उन्होंने यह बयान दिया कि उस रात गाड़ी ड्राइवर चला रहा था पर कई सारे आई विटनेस में देखा था गाड़ी वेदांत ही चला रहा था और ये बात सीसीटीवी में भी कैद थी जिसकी वजह से यह बयान एक्सेप्ट नहीं किया गया और तो और कुछ ही दिन बाद उनका ड्राइवर भागते हुए पुलिस के पास आया और उसने बताया कि जब उसने विधान का सारा गुना अपने स्तर पर लेने से मना कर दिया तब वेदांत की दादाजी और पिता ने उसे किडनैप करके उसे कमरे में बंद कर दिया ताकि वह उसे फोर्स हुलिए क्राइम कमेंट कर
सके ड्राइवर ने यह भी एडमिट किया कि उस रात उसने बिना को ड्रंक हालत में गाड़ी चलाने से मना भी किया था वेदांत में उसकी एक नहीं सुनी जब उसने विनाश के बाबा को फोन करके यह बताने की कोशिश की तो उन्होने उल्टा ड्राइवर को ही डांट दिया उन्होंने कहा कि वेदांत उनका बच्चा है बुद्ध सोच चाहे वह कर सकता है लेकिन तो बस पावर के ऐसे गंदे खेल एक छोटी सी झलक थी जब पुलिस की नई में स्टेशन टीम ने शासन हॉस्पिटल से वेदांत के ब्लड टेस्ट करने वाली प्रोसेस में इन्वेस्टिगेट किया तो वो शॉप हो गए
उन्हें पता चला कि विधान के पिता के कहने पर तीन लाख रुपए की लालच में ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने वेदांत के सैंपल उसकी मदद के सैंपल से बदल दें और वेदांत के सापेक्ष को एटीएम के जरिए डस्टबिन में फिकवा दिया गया साथ ही साथ विधान उस रात जिन क्लब में गया था उनकी सीसीटीवी फुटेज भी निकाली गई जहां वेदांत कुछ ही घंटों में अपने दोस्तों के साथ काफी क्वांटिटी में शराब पीता हुआ दिख रहा था पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और निदान की मॉम डैड और दादा को भी अरेस्ट कर लिया गया जो एक बहुत बड़ी रियल एस्टेट कंपनी भ्रमर युवती के ओनर थे वहीं वेदांत को एक ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया ताकि वह कंट्री से एस्केप ना कर पाए लेकिन अभी कुछ ही दिन पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने वेदांत को ऑब्जर्वेशन होम में रखने को इल्लीगल करार दे दिया है और इसी के चलते अब वेदांत पीली बाहर घूम रहा है उसका परिवार पुलिस कस्टडी में है लेकिन वेदांत अभी भी आसार है
दो लोगों की जान लेने वाला एक बेपरवाह सत्रह साल का लड़का बिल्कुल आजाद घूम रहा है अब देश का हर एक इंसान बस यही चाहता है कि वेदांत और उसके पूरे परिवार को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए लेकिन इस केस में गलती किसकी सत्रह साल के बिगड़े हुए वेदांत की जिसने पैसे के नशे में दो लोगों की जान ली या उसके पेरेंट्स की जिसने वेदांत को कभी अच्छे वैल्यूज और मॉडल्स दिए ही नहीं या एक तरफ सिस्टम की जिनके लिए कुछ पैसे दो लोगों की जान से ज्यादा कीमती है आपको क्या लगता है 
Thank for Reading ❣️