सपनों का शहर मुंबई जहां लाखों की तादाद में लोग पैसा कमाने और फेमस होने आते हैं और इसी वजह से यहां अक्सर रहने की जगह के लिए बहुत मारामारी देखी जाती है मगर इसी शहर में एक घर ऐसा भी है जहां रहने के लिए अगर कोई पैसे भी देगा तो शायद वहां कोई नहीं रहना चाहेगा ऐसा फ्लैट जिसमें रहने से आपके सर पर मौत मंडराए तो क्या होगा हम बात कर रहे हैं मुंबई के ग्रांट पर आदी था वर्ष की जो कि इंडिया की सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक मानी जाती है नाइनटीन सेवेंटी फाइव में बने या अपार्टमेंट वर्ष यूं तो बहुत लग जुड़ी और सुंदर है मगर इनसे जुड़ी कहानियां उतनी ही खौफनाक हैं सत्ताईस साल की नेहा अपने पूरे परिवार को पुणे में ही छोड़कर दो महीने पहले अपनी दोस्त मंडी के फ्लैट पर रहने आई थी मान भी ग्रैंड आदी दावत की पहली बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर के फ्लैट में अकेले रहती थी
नेहा का हाल ही में डिवोर्स हुआ था जिसके चलते वह बहुत परेशान रहने लगी थी उसका बिल स्टैब्लिश बिजनेस भी लॉस में जाने लगा था और तब उसने डिसाइड किया कि वो मुंबई में आकर थोड़ा वक्त अपने दोस्तों के साथ गुजारे की मांग भी एक रेडियो जॉकी थी और उसकी रात की शिफ्ट होती थी इसलिए ने यहां रात में अक्सर अकेले ही उस फ्लैट में होती थी एक रात करीब साढ़े बारह बजे के आसपास ने यहां अपनी बिल्डिंग से बाहर एक सिगरेट पीने निकली थी जब उसकी नजर अचानक टावर की तीसरी बिल्डिंग के पीठ फ्लोर पर खड़े उसने देखा कि बहुत ही सुंदर सी औरत उस फ्लोर की बालकनी पर खड़ी थी पहले तो वह एकटक लगाए बालकनी से नीचे देखी जा रही थी फिर जब उसे फील हुआ कि में है उसे देख रही है तो वह नेहा को देखने लगे यहां वहीं रुक गई और अपनी नजरें चुराने लगे लेकिन वो औरत अब नेहा को देखे जा रही थी निहारने नजर उठाकर दोबारा उस औरत की तरफ देखा को इस बार उसे कुछ अजीब सा फील होने लगा उसका मन मानो बिल्कुल भारी सा हो गया था उस औरत की तरफ देखते हुए अचानक ने यहां की आंखों से आंसू आने लगे उसने आंसू पोछने के लिए अपनी आँखे मलिंगा और जब दुबारा उसने एक रोड की तरफ देखा तो वहां कोई नहीं खड़ा था यह सिलसिला अब रोज होने लगा नेहा रोज रात को उसी फ्लैट की बालकनी के बाहर खड़ी हो जाती और वहां एक तक लगाए देखती रहती साथ ही साथ उसकी आँखों से आंसू बेहतर है नेहा की तबियत भी अचानक से खराब रहने शुरू हो गई उसका पूरा शरीर सूखता जा रहा था और चेहरा बिल्कुल नीला पढने लगा था एक दिन मानवी ने डिसाइड किया कि वह कुछ दिन काम से छुट्टी लेकर नेहा के साथ टाइम स्पेंड करेगी मानवी में यहां को मुंबई की सारी फेमस जगाएं दिखाने लगी मगर नेहा का बिहेवियर पूरा वक्त बहुत अजीब था
गुनाह तो कुछ बोल रही थी और न ही कोई रिएक्शन दे रही थी रात होते होते मानवी उसे पार्टी कराने एक क्लब में ले गए मगर नेहा को अचानक कुछ ऐसा हुआ कि मानवी घबरा उठी
नेहा को अचानक से एक सीजन आने लगा
यहां को ऐसे दौरे पर रहे थे कि उसका पूरा शरीर कांप उठा था और फिर वह अचानक से जमीन पर गिर पड़ी इसी तरह मानवी ने नेहा के मुंह पर पानी की छींटे मारें तब जाकर नेहा नॉर्मल हुई उसके बाद दोनों वापस प्लाट पर लौट गए और फ्रेश होकर सोने चले गए मानवी ने यह तय कर लिया था कि वो अब अगली ही सुबह नेहा कोई थेरेपिस्ट के पास ले जाएगी लेकिन उस दिन देर रात में नींद से उठी और सीधा अपने फ्लैट से बाहर चली गई चलते हुए ने हां ग्रैंड पर पराधीनता वर्ष की तीसरी बिल्डिंग के नीचे जाकर खड़ी हो गई और एक्सप्लोर की तरफ देखने लगी
देखते ही देखते में हाउस बिल्डिंग के अंदर चली गई नामी स्कूल में इस वर्ष के पास धीमी अपना ने
वो लिफ्ट में घुसी और एक फ्लोर पर पहुंच गई
उस फ्लोर पर सब कचरा बिखरा पड़ा था जैसे वहाँ कई सालों से कोई न रहा हो नेहा दरवाजे के सामने जाकर रुक गई और वो उस पर लगे ताले को देख ही रही थी कि अचानक से उस अपार्टमेंट का दरवाजा अपने आप खुल गया हां हैरानी से वहीं खड़ी थी उस अपार्टमेंट में से बहुत सर्दी बदबू आ रही थी तभी नेहा को एक औरत ने आवाज लगाई उसमें सर उठाकर सामने देखा तो वहां वही औरत थी जिससे वो रोज देखता उस फ्लैट की बालकनी में खड़ी थी उस औरत ने हंसकर नेहा को अपने पास आने का इशारा किया ने हां यह देखकर उस फ्लैट के अंदर चली गई वह बालकनी तक जारी रही थी कि अचानक वो औरत वहां से गायब हो गई यह देखकर घबरा गई और सीधा दरवाजे की तरफ वापस भागे लेकिन वो दरवाजा अपने लॉक था हां जोर जोर से चिल्लाने लगी
दरवाजा पीटने लगे मगर उसकी आवाज किसी तक नहीं पहुंची तभी उसे लगा कि जैसे उसके पीछे कोई खड़ा है वो मुड़ी और उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसके सामने वही औरत खड़ी थी लेकिन उसके चेहरे पर एक बहुत ही लंबी और खतरनाक हंसी थी और उसकी आंखों से आंसू भी आ रहे थे उसके बाल बिल्कुल बिखरे हुए थे
पर खाल बिल्कुल सधी हुई देखते ही देखते उस फ्लैट में एक ही कर के बहुत सारे मरे हुए लोगों की आत्माएं दिखाई देने लगी वो सब नेहा की तरफ बढ़ने लगे वह सभी आत्माएं बहुत दुखी लग रही थी उन सबको देखकर नेहा का मन अचानक से बहुत भारी हो गया और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे वह बहुत ही ज्यादा डिप्रेस्ड फाइल करने लगी एक एक करके वो सारी आत्माएं बालकनी पर चढ़कर भाव से खोलने लगी ने यहां भी उनके पीछे जाकर खड़ी हो गई और अपनी बारी आने पर उस बालकनी से मैच हार गई
उधर मानवी को एक फोन आया जिसे सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई उसे हॉस्पिटल से फोन आया था नेहा को काफी बुरी हालत में उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था क्योंकि उसने ग्रैंड पर वर्ष के एथ रोड से कूदकर अपनी जान देने की कोशिश की थी मानवीय सुनकर दंग रह गए उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर में हाउस एक क्रूर वाले फ्लैट में गई केस क्योंकि वो फ्लैट तो जाने कितने सालों से बंद पड़ा था अगले दिन जब नेहा को होश आया तो उसने अपने साथ हुआ पूरा किस्सा मानने को बताया लेकिन फिर उसी रात निहारने अपना दम तोड़ दिया मांडवी नेहा की मौत से टूट चुकी थी और तब ग्रांट पर आदी टावर में रहने वाले एक आदमी ने उसे कुछ ऐसा बताया जिससे मानवी के रोंगटे खड़े हो गए उस आदमी ने मानवी से कहा कि ग्रांट पर था वर्ष कि थॉट बिल्डिंग के फ्लोर को वॉन्टेड माना जाता है उस फ्लोर से न जाने कितने लोगों ने सुसाइड कर के अपनी जान दे दी है
पर जिन भी लोगों ने सुसाइड किया है वह सब बहुत श्रेष्ठ में थे इसलिए कोई आज तक समझ नहीं पाया है कि क्या सच में फ्लोर का वो फ्लैट है
या वो लोग सच में अपनी जिंदगी से परेशान हो गए थे नेहा के साथ जो भी हुआ वो आज भी एक पहेली है और उन सभी लोगों की मौत की मिस्ट्री भी आज तक सुलझ नहीं पाई है जिन्होने उस एक्सप्लोर से कूदकर सुसाइड किया था
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