ज्यादा सोचने वाला इंसान यह पढ़ लो।

कहा जाता है कि मन दुनिया की सबसे शक्तिशाली चीज है अगर आप पूरे मन से किसी चीज को चाहें तो आप उसे जरूर हासिल कर लेंगे ऐसा दुनिया के ज्यादातर महापुरुष कहते हैं लेकिन अगर यह बात सच है तो जो हम अपने मन से चाहते हैं वह हमें हासिल होता क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने लिए दुख तो नहीं चाहेगा लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग रहते तो दुखी ही हैं भला दुनिया का ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो अपने मन से यह चाहेगा कि में असफल रहा हूँ गरीब रहूं या फिर दुखी रहूँ सोचने की बात है तो फिर यहां दो बातें निकलकर आती हैं पहली या तो वह महापुरुष गलत हैं जिन्होंने यह बात कही कि सच्चे मन से चाहे भी चीज हासिल हो जाती है या फिर हम गलत है दोस्तों आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ उससे आपको समझ आ जायेगा कि अपने मन से कोई भी कम कैसे करवाया जाता है मन की शक्ति के द्वारा कोई भी चीज कैसे हासिल की जाती है और मन में किसी भी चीज के सही बीच कैसे बोल जाते हैं और इसके साथ ही आप यह भी जानेंगे कि आकर्षण का नियम यानी लॉ ऑफ अट्रैक्शन कैसे काम करता है एक बार की बात है एक आदमी के जीवन में सिर्फ दुख ही दुख थे वह जो काम करता हर काम में उसे असफलता ही हाथ लगती वह घर में रहता तो घर में हर समय झंझट और इसी मचा रहता वह किसी से मदद मांगता तो कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं होता बस चारों तरफ से हताशा और निराशा ही उसके हाथ लग रही थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे चारों तरफ से दुखों का पहाड़ उस पर ही टूट पड़ा है उसे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इन दुखों से पर कैसे पाउंड दिन रात बस यही सोचता रहता कि मैं अपने इन दुखों से छुटकारा कैसे पा सकता हूं इसी कारण से
वह रात में ठीक से सो भी नहीं पाता था उसकी आंखों के नीचे बड़े बड़े काले घेरे बन गई थी और बाल झड़ने लगी थी हर समय चिंता करने की वजह से उसका स्वभाव काफी जुदा जुदा और शरीर बहुत कमजोर हो गया था कभी कभी तो उसके मन में आत्महत्या करने के विचार भी आते थे लेकिन अपने परिवार के बारे में सोचकर वह यह कदम नहीं उठा पाता था अपनी परेशानियों से वह इतना परेशान हो चुका था कि उसने एक दिन यह निर्णय किया कि वह अपने इन सभी दुखों से छुटकारा पाकर ही रहेगा चाहे इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े कितनी ही मेहनत करनी पड़ी वह करेगा लेकिन अपने दुखों से छुटकारा पाकर ही रहेगा इसी विचार के साथ एक दिन उसने अपने एक मित्र से पूछा कि मैं अपने जीवन को खुशहाल कैसे बना सकता हूं उसके मित्र ने सुझाव दिया कि तुम किसी बाबा के पास जाओ बाबाओं के पास संबंध होता है जिससे सारे दुख खत्म हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है वह धन संपदा भी हासिल हो जाती है वस्तु किसी ऐसे बाबा को ढूंढ लो और तुम्हारा कम हो जायेगा उस आदमी के मन में यह बात अंदर तक बैठ गई कि आप कोई बाबा ही मेरी समस्याओं का समाधान कर सकता है इसीलिए अब से उसे जिस भी बाबा के बारे में पता चलता है उसके पास पहुंचा था और अपनी सारी से बताकर उसका समाधान पूछता और कहता बाबा मैं कुछ भी करने को तैयार हूं आप जो कहेंगे मैं सब करूंगा बसा मुझे मेरे दुखों से छुटकारा दिलवा दी बाबा उसे कुछ उपाय बता देती और कहते इस उपाय को करने के बाद तुम्हारे घर में सुख शांति बनी रहेगी लेकिन याद रहे इस उपाय को पूरे नियम के साथ करना इन उपायों के बदले बाबा उस आदमी से अच्छी खासी दान दक्षिणा थी वह अपनी पूरी नियम विधि के साथ उन उपायों को करता लेकिन बहुत से उपाय करने के बाद भी उसके जीवन में कोई बदलाव नहीं आ रहा था इसके विपरीत बहुत सी बाबाओं को दान दक्षिणा देते देते उसका धन भी खत्म होने लगा था जिससे उसकी मुसीबतें और भी बढ़ने लगी थी उसने सोचा इन बाबाओं के पास जाने से तो मेरी मुसीबतें और बढने लगी है तो क्या करूँ इन बाबाओं के पास जाऊं या इनके पास जाना ही बंद कर दूं फिर एक दिन उसे एक आदमी ने सलाह दी कि तुम अपने घर में किसी अच्छे पंडित को बुलवाकर हवन कर पूरे विधि विधान से मंत्रोचारण करवाओ इससे घर में जो भी नकारात्मक ऊर्जा होगी वह भाग जाएगी और घर में सुख शांति आएगी उस आदमी के दिमाग में यह बात अच्छे से बैठ गई और उसने एक पंडित को अपने घर बुलवाकर हवन करवा लिया हवन अच्छी तरह से संपन्न हुआ और उस व्यक्ति ने पंडित को अच्छी खासी दान दक्षिणा देकर खुशी खुशी अपने घर से विदा किया हवन करने के कुछ महीने बाद तक उसके घर में सब कुछ ठीक चल रहा था घर में सुख शांति बनी रही और उसके छोटे छोटे रुके हुए काम पूरे होने लगी लेकिन कुछ महीनों बाद फिर से वही पुरानी वाले स्थिति वापस लौट आई उस व्यक्ति को महसूस हुआ कि उसके जीवन में अभी कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है अब वह आदमी पूरी तरह से दुखी हो गया पहले से भी ज्यादा परेशान रहने लगा अब तो उसे लगने लगा था कि मेरे जीवन से दुख भी खत्म नहीं होंगे यही सब सोच सोचकर उसका बुरा हाल हो गया था फिर एक दिन उसे अपने मित्र से एक ऐसे बाबा के बारे में पता चला जो समाधान बताने के बदले कोई दान दक्षिणा नहीं रहते उस व्यक्ति ने सोचा यह बाबा तो दूसरे बाबाओं से अलग है क्योंकि यह तो कोई दान दक्षिणा ही नहीं लेती और अगर यह कोई दान दक्षिणा नहीं लेते तो जरुर यह कोई सिद्ध बाबा ही होगी यही सोचकर वह उन बाबा के पास पहुँच जाता है वहां पहुंचकर भी दिखता है कि बावत ध्यान कर रहे हैं इसीलिए वह वहीं चुपचाप बैठ
कर बाबा के ध्यान से बाहर निकलने का इंतजार करने लगता है थोड़ी ही देर में बाबा की आंखें खुलती हैं और वह अपने सामने एक दुखी और परेशान व्यक्ति को बैठा पाते हैं व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक हालत को देखकर बाबा को यह समझते देर नहीं लगी कि यह व्यक्ति अपने जीवन से कितना परेशान हैं बावन से संबोधित करते हुए कहा बच्चा बाबा के पास कौन सी समस्या लेकर आए हो किस बात से परेशान हो तो उस व्यक्ति ने कहा बाबा मैं अपने जीवन के दुखों से बहुत ज्यादा परेशान हूं मैंने अपने दुखों को कम करने का बहुत प्रयास किया हर वो काम किया जो किसी बाबा ने मुझसे करने को कहा हर वह तरकीब अपनाई जो किसी व्यक्ति ने मुझसे कही लेकिन मेरे जीवन के दुखों में कोई कमी नहीं आई इसके विपरीत मेरे दुखों में और बढ़ोतरी हो गई बाबा मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं कभी कभी तो लगता है कि आत्महत्या कर लूं लेकिन अपने परिवार के बारे में सोचकर यह कदम नहीं उठा पाता बाबा मैंने आपके बारे में बहुत सुना है और बहुत उम्मीद के साथ आपके पास आया हूँ कृपया मुझे कोई ऐसा तरीका बताएं जिससे मुझे अपने दुखों से छुटकारा मिल जाए मैं अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं आप मुझे कोई भी रास्ता बताएं चाहे वह रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो मैं उसे पार करके रहूंगा बाबा ने महसूस किया कि आदमी तो सच में बहुत परेशान हैं बाबा ने उसकी बात सुनकर कहा कि बच्चा दुखों को दूर करने के लिए मंत्र ऐसे ही नहीं मिल जाती उन्हें पाने के लिए कुछ करना पड़ता है क्या तुम कुछ कर सकते हो बाबा के मुंह से ऐसी बात सुनकर पहले तो उस व्यक्ति को लगा कि ये बाबा भी अमुक से दान दक्षिणा ही मांगेंगे लेकिन उसके पास और कोई रास्ता नहीं था इसीलिए उसने कहा बाबा आपको जितनी भी दान दक्षिणा चाहिए मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन आपका मन सच्चा होना चाहिए सफल होना चाहिए और मुझे उसका फल भी मिलना चाहिए उसके बाद आप जितनी भी दान दक्षिणा मांगेंगे में सब दे दूंगा बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा दांत छोड़ा तो बहुत छोटी सी चीज है मैं तुमसे इतनी छोटी चीज नहीं मांगूंगा इस पर वह आदमी थोड़ा सोच विचार करके बोला बाबा में अंगारों पर चलने को तैयार हूँ बस आप मुझे आज्ञा दीजिए बाबा फिर मुस्कुराए और बोले अंगारों पर चलने जैसी छोटी और तुच्छ काम भी मैं तुमसे नहीं करवाने वाला मैं जो तुमसे करवाने वाला हूँ वहीं बहुत कठिन मंत्र है क्या तुम उसे पूरा कर पाओगे उस आदमी ने कहा बाबा आप मुझे बताइए तो सही कि करना क्या है मैं कुछ भी करने को तैयार हूं तब बाबा ने कहा जब तुम यहाँ से अपने घर वापस जाओ तो रास्ते भर अपने मन में यह दोहराते हुए जाना कि मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ बार बार अपने मन में इसी मंत्र को दोहराना लेकिन याद है रहे यह मंत्र जुबान में नहीं आना चाहिए सिर्फ मन में ही से दोहराना है यह सुबह व्यक्ति बोला बाबा बस इतनी सी बात यह काम तो में चुटकी बजाते कर लूंगा लेकिन इन शब्दों को दोहराने से होगा क्या बाबा ने कहा बस तुम इस मंत्र को पूरा करो वैसे भी तुमने कई बाबाओं के मंत्र किए हैं तो इस मंत्र को भी करके देख लोग उस आदमी ने सोचा बाबा कोई दान दक्षिणा तो नहीं रही और वैसे भी यह कितना आसान सा मंत्र है मैं इसे पूरा कर ही लूंगा तो फिर एक बार करके देखने में क्या हर्ज उसने कहा ठीक है बाबा मैं इस मंत्र को जरूर पूरा करूंगा यह कहकर वे वहां से चलने लगा लेकिन जैसे ही वह चला पीछे से बाबा की आवाज आई कि बच्चा एक बात याद रखना जब तुम यह मंत्र अपने मन में दोहराओ तो तुम्हारे मन में बंदर कभी नहीं आना चाहिए अंदर का खयाल भी नहीं आना चाहिए तभी हेमंत सिद्ध होगा वह आदमी बोला मुझे तो आज तक बंदर का विचार नहीं आया तो फिर आज क्यों आएगा आप चिंता मत कीजिए बाबा मैं अपने मन में सिर्फ यही हो रहा हूंगा कि मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ इसके अलावा बंदर का कोई भी विचार मेरे मन में नहीं आएगा इतना कहकर वह आदमी वहां से चल देता है अपने मन में में
हूँ मैं सुखी हूँ यह दोहराता हुआ कुछ ही दूर चला था कि उसके मन में अचानक ही बंदर का विचार आ गया बंदर का विचार आया और चला भी गया वह आदमी सोचने लगा कि आजकल तो मेरे मन में बंदर का कोई विचार नहीं आया फिर आज की बंदर का विचार आया ऐसे सोचते हुए उसने उस बंदर के विचार को ही पकड़ लिया वह बंदर के बारे में सोचने लग वह भूल गया कि वह तो मंत्र दोहरा रहा था जब थोड़ी देर बाद उसे याद आया तो फिर वही मंत्र दोहराने लगा जो बाबा ने उसे बताया था कि मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ लेकिन कुछ दूर चलने के बाद उसे रास्ते में अचानक एक बंदर दिखाई पड़ा और उसके मन में फिर से बंदर का विचार आ गया वह इस बंदर के विचार को अपने मन से बाहर निकालने का प्रयास करने लगा वहीं प्रयास करने लगा कि उसके मन में बंदर का कोई विचार न आई वह अपने विचारों से ही लड़ने लगा और इसी उधेड़बुन के साथ घर पहुंचा घर पहुंचने के बाद उसने अपनी पत्नी से कहा बंदरिया मुझे खाने बंदर पुरुष दो और जब उसे अहसास हुआ कि उसने क्या बोल दिया है तो वह अपने बाल नोचने लगा दीवार पर सर पटकने लगा कि आज तक मुझे बंदर का कोई भी नहीं आया लेकिन आज मुझे यह क्या हो गया है हर जगह बंदर बंदर क्यों दिखाई पड़ रहे हैं यह कैसी माया है यही सब सोच सोचकर वह आदमी रात भर सो नहीं पाया पूरी रात करवटें बदलता रहा और जैसे ही सुबह हुई वे सीधे उन बाबा के पास पहुँच गया और उनके चरणों में गिरकर बोला बाबा पता नहीं क्या चमत्कार हो रहा है आज तक मुझे बंदर का कोई विचार नहीं आया लेकिन कल से जब से आपने ये कहा कि मन में बंदर का विचार नहीं आना चाहिए तब से मुझे हर जगह बंदर बंदर दिखाई दे रहे हैं आदमी ने कहा बाबा मुझे तो आपके पीछे भी एक बंदर पीठ पर बैठकर के लिए खाता हुआ दिखाई दे रहा है बाबा मेरे साथ ही हो क्या रहा है उस आदमी की यह बात सुन बाबा हंसने लगे और बोले बच्चा मन का जाल एक ऐसा है जिसे समझ पाना इतना आसान नहीं है यह बंदर तो तुम्हारे रास्ते पर तब भी पड़े थे जब तुम पहली बार मेरे पास आई थी तभी बंदर इन्हीं पेड़ों पर घूम रहे थे लेकिन तब तुम्हारे ध्यान में यह बंदर नहीं आई क्योंकि तब तुम्हारा ध्यान तुम्हारे दुखों पर था बाबा ने उस आदमी को समझाते हुए कहा बच्चा हम जिस भी चीज से दूर भागना चाहते हैं वही चीज हमारे मन में बहुत गहन से बैठ जाती है वह हमारे अंतर्मन में समा जाती है वास्तव में हम जिस किसी भी चीज से छुटकारा पाना चाहते हैं हम उससे छुटकारा इसलिए पाना चाहते हैं क्योंकि वह चीज हमसे बहुत गहराई से जुड़ चुकी है और हम जितना ही उसे छुटकारा पाना चाहते हैं वह उतनी ही गहराई से हमारे मन में बैठी चली जाती है और अंततः हमारे अंतर्मन में छा जाती है
से तो हम सभी चाहते हैं सुखी होना और हमारे होंठ भी यही बोलते हैं कि मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ लेकिन हमारे अंतर्मन में दुख होते हैं हमारे विचारों में हमारे मन में हम दुखी दिखाई देते हैं हम अंदर से दुख के विचार ही पैदा कर रहे होते हैं इसीलिए सिर्फ मुंह से यह बोलने से कि मैं सुखी हूँ मैं सुखी हूँ हम सुखी ने होने वाले जब तक इस मंत्र का हमारे अंतर्मन में प्रवेश नहीं होता और हम अंदर से सुख के विचार पैदा नहीं करते यह सुन आदमी ने पूछा लेकिन बाबा इस मंत्र का हमारे मन में प्रवेश कैसे होगा यह कैसे हमारी अंतरात्मा में बैठेगा बाबा ने कहा बच्चा अपने दुखों से लड़ना बंद कर दो जब तक तो अपने दुखों को दूर करने के बारे में सोचते रहोगे तब तक
वह दुख तुम से चिपके रहेंगे तब तक वह दुख तुम्हारे अंतर्मन में अपना राज्य जमाए बैठे रहेंगे और जिस दिन से तुम उन दुखों के बारे में सोचना बंद कर दोगे उसी दिन से वह दुख तुम्हारी जिंदगी से गायब हो जाएंगे क्योंकि किसी भी चीज से छुटकारा पाने के लिए हमें उस चीज के बारे में सोचना पड़ता है और हम जितना ही उस चीज के बारे में सोचते हैं वह उतनी ही गहराई से
हमारे मन में बैठती चली जाती है हम ज्यादातर समय अपने दुखों के बारे में ही सोचते रहते हैं हम यही मानकर रहते हैं कि हमारे जीवन में दुख है और हमें इनसे छुटकारा पाना है इसी तरह बार बार सोचते रहने की वजह से वो दुख हमारे अंतर्मन में घर कर जाते हैं और हमें इसका पता भी नहीं चलता इसीलिए अगर तुम अपने दुखों से छुटकारा पाना चाहते हो तो दुखों से छुटकारा
पानी के बारे में सोचना छोड़ दो और तुम्हें तुम्हारे दुखों से छुटकारा मिल दोस्तों आपने देखा होगा अक्सर लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं सर्राफ छोड़ना चाहते हैं या फिर किसी गंदी लत को छोड़ना चाहते हैं वह सुबह अपने आप से वादा करते हैं कि आज में कोई गलत काम नहीं करूंगा लेकिन शाम को जब वह इंसान लौटता है तो नशे में चूर होकर लौटता है आखिर ऐसा क्यों होता है
है कि जो हम सोचते हैं उसे पूरा नहीं कर पाते असल में हम उस चीज उस समस्या को बहुत ज्यादा महत्व दे रहे हैं जब भी हम उस चीज को छोड़ने के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं तो अपने मन में उस चीज की इम्पोर्टेंस उसकी अहमद बढ़ा देते हैं और हम जितना उस चीज के बारे में सोचते हैं हमारा मन उतना ही उस चीज की ओर भागता है हमें उस चीज़ से लड़ना नहीं हैं बल्कि बिना सोचे गुजर जाना है और अगर इस चीज को हम अच्छे से समझ जाते हैं तो फिर हम अपने जीवन में जो ही पाना चाहते हैं उसे अपने अंतर्मन में डाल सकते हैं और अगर एक बार वह लफ्ज हमारे अंतर्मन में बैठ जाता है तो फिर सफलता पाने में कोई समस्या नहीं आएगी कोई परेशानी नहीं आएगी दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी धन्यवाद
Thank for Reading ❣️