मानसिक रूप से मजबूत लोगों कि आदतें |

एक गुरु का एक शिष्य मानसिक रूप से बहुत कमजोर था वह एक ही बात को बार बार सोचता रहता वह अपने अतीत की घटनाओं के बारे में सोचता रहता और कल्पना करता रहता है कि काश ऐसा हो गया है काश वैसा हो गया हो अपने ज्यादा सोचने की वजह से वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं कर पाता था उसे आश्रम में रह रहे अन्य शिष्यों से भी बहुत शिकायत थी वह अक्सर गुरु से शिकायत करता रहता हूं कि मुझे स्थिति ने यह कह दिया है उससे ने मेरे साथ यह कर दिया लोगों के साथ साथ उसे अपने आसपास की हर चीज से शिकायत थी और उसमें कमी नजर आती थी वह अक्सर शिकायत करता रहता कि आज इतनी गर्मी की में या फिर आज इतनी ठंड क्यों है कि इतनी बारिश हो रही है उसे हर चीज से परेशानी रहती थी जब भी उसके सामने कोई समस्या आती है तो अपनी कमजोर मानसिकता की वजह से वह अपनी किस्मत को कोसने लग जाता है और कहता कि पता नहीं हर बार मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है अगर उसे कोई कुछ कह देता अच्छा या बुरा तो वह अगले कई दिनों तक उसी बात के बारे में सोचता रहता वह कई बार लोगों को खुश करने का प्रयास करता और उनकी नजरों में अच्छा बनने के लिए उनके ऐसे कामों को भी हां बोल देता जिससे करने का उसका बिल्कुल भी मन नहीं होता था और फिर बाद में बैठकर पसंद आता रहता है कि मैंने उसे हाकिम बोल दिया इसके साथ ही वह अंदर से ईर्ष्यालु भी था उसे दूसरों की सफलता से ईर्ष्या होती थी और उनकी असफलता पर अंदर ही अंदर खुश होता था उसे लगता था कि कोई भी उसका भला नहीं चाहता हूँ सब उसका फायदा उठाना चाहते हैं सब स्वार्थी है इसीलिए वह हर चीज के बारे में हर से सोचता था और जरूरत से ज्यादा सतर्क रहता था इसी तरह की कई और मानसिक विकृतियां उसके अंदर थी जिसकी वजह से वह अपनी जिंदगी में बहुत ही शांत और परेशान था और अपने भविष्य को लेकर हर समय डरा हुआ और चिंतित रहता था गुरु को से की इस कमजोर मानसिक अवस्था के बारे में अच्छे से पता था लेकिन गुरु कुछ बोल नहीं रहे थे
वो इंतजार कर रहे थे उस दिन का जिस दिन शिष्य को खुद अपनी इस कमजोर मानसिक स्थिति का आभास हो और वह गुरु से इस विषय में समाधान पूछने आए और बहुत ही जल्द वह दिन भी आ गया जिसका गुरु को इंतजार था एक शाम जब गुरु आश्रम के एक चबूतरे पर अकेले बैठे हुए थी वैसी से गुरु के पास आया और उन्हें प्रणाम कर उनके समक्ष बैठ गया और बोला गुरुदेव मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं गुरू ने आंखों के इशारे से उसे अपनी बात कहने की आज्ञा था शिष्य ने कहा गुरुदेव मेरा मन बहुत अशांत रहता है मैं बहुत ज्यादा सोचता हूँ छोटी छोटी बातों को लेकर सोचता रहता हूँ उसे मेरे भविष्य की चिंता बहुत सताती है एक अनजान सदर उसे लगातार सताता रहता है जिस वजह से मैं अपनी वर्तमान का कोई भी काम पूरे ध्यान से नहीं कर पा रहा हूं हे गुरुदेव इस मानसिक समस्या से बाहर निकलने के लिए मेरा मार्ग दर्शन कीजिए उस शिष्य की पूरी बात को ध्यान से सुनने के बाद गुरु ने हल्की सी मुस्कान और फिर थोड़ा गंभीर होकर कहना शुरू किया तुम्हारी सारी समस्याओं का सबसे बड़ा कारण तुम्हारा मानसिक रूप से कमजोर होना है इंसान नब्बे प्रतिशत से भी ज्यादा दर्द अपने मानसिक रूप से कमजोर होने की वजह से महसूस करता है
जबकि बाहर इतना दर्द होता नहीं है मानसिक रूप से कमजोर होने की वजह से कई समझदार ओसीआर बुद्धिमान लोग पीछे रह जाते हैं
मानसिक मजबूती न होने की वजह से वह बेवजह की बातों में उलझे रह जाते हैं और होते रहते हैं मानसिक रूप से मजबूत होने का मतलब यह है कि तो अपने जीवन में कुछ भी करते हो स्वास्थ्य संबंधित सफलता से संबंधित रिश्तों से संबंधित समाज से संबंधित कुछ भी करते हो तो उसका निर्णय भावनाओं के आधार पर नहीं लेते हुए यानी उस परिस्थिति में मानसिक रूप से कमजोर नहीं होते बल्कि जो तुम्हें लगता है यह तुम्हारे लिए और तुम्हारे आसपास जितने भी लोग रह रहे हैं उनके लिए सही है उसके आधार पर ही निर्णय लेती है तब तुम मानसिक रूप से मजबूत मानसिक रूप से मजबूत लोग अपने जीवन को बदलने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं लेकिन ऐसी बुरी आदतों की तरफ ध्यान नहीं देती जो उनकी पूरी मेहनत पर पानी देती है जिसका परिणाम यह होता है कि वह अपने लक्ष्य को हासिल कर नहीं पाते और फिर इसके लिए वह या तो खुद की किस्मत को या फिर दूसरों को दोष देने लगते हैं जिससे ने कहा गुरुदेव ने भी मानसिक रूप से मजबूत बनना चाहता हूं आप मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनने के नियम बताए गुरु ने कहा आज मैं तुम्हें तेरा ऐसी गलतियों के बारे में बताऊंगा किन गलतियों को मानसिक रूप से मजबूत लोग नहीं करते अगर तुम भी इन गलतियों को आज से ही करना बंद कर दो तो तुम भी मानसिक रूप से बहुत मजबूत बन जाओगे गुरु ने कहना शुरू किया पहले
गलती यह है कि मानसिक रूप से मजबूत लोग खुद को बेचारा महसूस करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते बुरा समय किसी कभी आ सकता है चाहे वह किसी बीमारी के रूप में आए या फिर किसी दुर्घटना के रूप में लेकिन हम उसका सामना कैसे करते हैं यह हमारे बारे में बहुत कुछ बताता है अगर मानसिक रूप से मजबूत व्यापारी का धंधा चौपट हो जाए तो वह यह नहीं सोचता कि मैं ईमानदार आदमी था मेरे साथ ऐसा तो नहीं होना चाहिए था या मैंने तो इतनी मेहनत की थी मेरे साथ ऐसा कैसे हो गया
जो लोग उम्मीद करते हैं कि उनके साथ हमेशा सही होगा वो लोग अपनी जिंदगी में उससे और तनाव भर लेते है क्योंकि उनको लगता है कि किस्मत ने उनके साथ धोखा किया है चाहे तुम दुनिया के सबसे बुद्धिमान इंसान हो या तुमने अपनी जिंदगी में बाकी उस ज्यादा दुख झाली
फिर भी इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि तुम्हारे साथ हमेशा सब अच्छा होगा मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ जैसे सवालों से मानसिक रूप से मजबूत लोग सतर्क हो जाते हैं क्योंकि इसमें किस्मत के प्रति शिकायत चुकी है वे अपने आपको याद दिलाते हैं कि इस दुनिया में ऐसे बहुत लोग हैं जो काबिल और मेहनती हैं फिर भी मुश्किल भरी जिंदगी जीते हैं कई मासूम लोग जो युद्ध ग्रस्त देशों में फंसे हुए हैं कई.होशियार बच्चे हैं जिन्हें कभी किताब नसीब नहीं होता है जब मानसिक रूप से मजबूत हो ऐसा सोचते हैं तो अपनी शिकायतें छोड़कर सोचने लगते हैं कि हम अपनी तरफ से इस दुनिया के लिए इस देश के लिए क्या कर सकते हैं इनमें सेवा और मदद का गुण होता है यह हमेशा अपने आसपास अपने परिवार या समाज की मदद मिल लगे होते हैं जिस कारण से वे खुशी और संतुष्टि महसूस करते हैं दूसरी गलती है जो कि मानसिक रूप से मजबूत लोग नहीं करता है वह यह है कि ये लोग अपनी जिंदगी की दूर अपने जीवन का नियंत्रण किसी दूसरे के हाथ में नहीं देता है कि इस बात को अच्छे से समझते हैं कि अगर चाहो तो चुनाव अपने ही हाथ में है कोई नहीं रोक रहा सिवाय कुछ दर और भावनाओं के जिनकी वजह से लोग दूसरों के नियंत्रण में हो जाते हैं यह किसी दूसरे की सोच को अपनी सोच पर हावी नहीं होने देते हैं और किसी दूसरे से यह कभी नहीं भूलते यह व्यक्ति मुझे बहुत ज्यादा परेशान करता है या फिर उसने मुझे बहुत ज्यादा बुरा महसूस करवाया है क्योंकि इससे सामने वाले को यह लगता है इस व्यक्ति को दूसरे लोग ही नियंत्रित करते हैं ये लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि चाहे उनके साथ
कुछ भी हो जाए वह कैसी प्रतिक्रिया देंगे यह पूरी तरह से उनके नियंत्रण में है तीसरी गलती जो ये लोग नहीं करती है वह यह है कि ये लोग दूसरों की सफलता से जलती नहीं है जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं वो समझते हैं उस इंसान ने मेहनत की है उसने बहुत संघर्ष किया है अपने जीवन में तब जाकर उसे यह सफलता मिली है अगर मैं उतनी मेहनत करता है या कोई और भी करता तो उसे भी यह कामयाबी मिल सकती है मानसिक रूप से मजबूत लोग दूसरों की सफलता को सच्ची प्रशंसा और सम्मान देते हैं वह जानते हैं कि सफलता कड़ी मेहनत के बाद मिलती है इसीलिए वह चलने और कमियां निकालने की बजाय अपनी ओर खुद को सफल बनाने में लगाते हैं और वह दूसरे सफल लोगों के साथ मिलकर काम करते हैं चौथी गलती है कि ये लोग अपनी ऊर्जा वहां बर्बाद नहीं करते हुए जिन चीजों को नहीं बदल सकती है मानसिक रूप से मजबूत लोगों के मुंह से यह बात बड़ी ही मुश्किल से सुनने को मिलेगी कि मौसम ऐसा की इतनी कमी क्यों है कि समाज जैसा कि वह सिर्फ उन चीजों पर ध्यान देंगे जिनको बदल सकते हैं पाँच मी चीज मानसी रूप से मजबूत लोग बदलाव से नहीं डरते कुछ लोग अपने जीवन में बदलाव से डरते हैं उन्हें हर एक चीज में सुरक्षा चाहिए नौकरी में जीवन में हर जगह वो लोग अपने जीवन में कुछ भी नया शुरू नहीं करते बस इसी डर से कि उनके पास जो है कहीं वह भी न चला जाए और ऐसे लोग मानसिक रूप से मजबूत नहीं होता मानसिक रूप से मजबूत लोग बदलाव का स्वागत करते हैं और जीवन में आगे बढ़ते हैं साथ ही ये लोग भावनात्मक रूप से किसी भी चीज से किसी भी जगह से किसी भी इंसान से इतनी बुरी तरह से नहीं जुड़ते हैं कि फिर बाद में उनसे दूर जाने के बाद इन्हें बड़ी परेशानी देखनी पड़ी
छोटी चीज ये लोग दूसरों को ज्यादा खुश करने की कोशिश नहीं करती मानसिक रूप से मजबूत लोग यह बात मानते हैं कि उन्हें दूसरों को बार बार मनाने की या ही स्तर पर चढ़ाने की जरूरत नहीं है जब लोग इनके किसी काम को करने से मना करते हैं तो फिर ये खुद उस काम को करके सीखते हैं जहां जरूरी है वहां न बोलती है अगर तुम्हारी समझ कहती है कि उसे न बोलना ज्यादा सही है तुम्हारे लिए भी और सामने वाला है उसके लिए भी तो फिर न बोलना सही है मानसिक रूप से मजबूत लोगों को पता होता है कि उन्हें कहां अपना समय देना है कौन सी बातचीत का हिस्सा बनना है कौन से काम का हिस्सा बनना है और कहां न बोलना है यह सब उन्हें ठीक से पता होता है सीमाएं पता होता है ये लोग पछतावा नहीं कर रहा है कि काश मैं ऐसा कर लेता हूँ काश मैं वैसा कर लेता है इन लोगों का सीधा जवाब होता है यह करना है या नहीं करना है मानसिक रूप से मजबूत लो ना इस तरह से कहते हैं कि सामने वाले को बुरा महसूस भी नहीं होता है जो कि एक प्रभावशाली बातचीत का हिस्सा है साथ में चीज
मानसिक रूप से मजबूत लोग जोखिम लेने से नहीं डरते चुनौतियों से डरकर नहीं भाग एक चीज निश्चित है कि तो अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर पाओगे अगर चुनौतियों का सामना नहीं करोगे कई बार हमारी भावनाएं हमारी समझ को ढक लेती है जो चीज हमें डरावनी लगती है हम वहां छोटा सा भी जोखिम नहीं लेते हैं लेकिन जहां उत्साहित होते हैं वहां हम बिना सोचे समझे बड़ा जोखिम लेते हैं लेकिन एक मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति ऐसा नहीं करता पहले को पता करता है इस जोखिम को लेने के बाद बुरा से
बुरा क्या होगा क्या में उसका सामना करने में सक्षम हो और अगर अच्छे परिणाम आए तो उसके बाद का अगला कदम क्या होगा वह पागलों की तरह जोखिम नहीं उठा था बल्कि अच्छे से सोच समझकर ही खतरा मोल लेता है आठवीं चाहिए ये लोग एक ही गलती बार बार नहीं करते हैं सबसे पहली बात कि एक ही गलती बार बार वही लोग करते हैं जो अपने गलती को स्वीकार नहीं करती हैं और उसे कुछ सीखती नहीं है मानसिक रूप से मजबूत लोग मानते हैं कि हां यह मेरी गलती है और वह से सीखकर आगे बढ़ जाते हैं और उसे दोबारा नहीं करते नौमी चीज मानसिक रूप से मजबूत लोग अपने अतीत को लेकर रोते नहीं है अपने अतीत से कुछ सीखा जाए तो यह हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है लेकिन हर समय अपने अतीत के निर्णयों पर प्रश्नचिन्ह लगाना और हर समय यह सोचते रहना कि कुछ बेहतर हो सकता था या फिर कुछ खुशी के पलों को याद कर करके खुश होना यह सब अभी वर्तमान में जीने से और भविष्य के लिए योजना बनाने से रोकते है मानसिक रूप से मजबूत लोग अपने अतीत को अपने भविष्य से छेड़छाड़ करने नहीं देते ये लोग कास्ट को लेकर नहीं बैठती कि काश ऐसा हो गया होता काश वैसा हो गया होता ये लोग अतीत के अनुभवों से काम की चीज उठाकर अपने काम पर ध्यान देते हैं और मन लगाकर काम दशमी चीज ये लोग पहली हार के बाद में रुकते नहीं यह हाथ धोकर पीछे पढ़ने वालों में से होते हैं इस बात को समझते हैं कि अगर कोई इंसान सफल हुआ है तो वह एक ही बार में नहीं हुआ है अगर तुम एक ही बार में सफल हो गए तो तुम्हें कुछ भी पता नहीं लगा अगर तुम दस बार गिरी तो तुम्हें पता चला कि यहां यहां कर दी हैं और तुम्हें पता है कि इस तरह से इन गड्ढों से बचा जा सकता है मानसिक रूप से मजबूत लोग इस बात को समझते हैं कि कामयाबी अक्सर लंबी नाकामयाबियों के बाद मिलती है असफलता सफलता का ही एक हिस्सा है कि आर्मी चीफ मानसिक रूप से मजबूत लोग खुश रहने के लिए किसी पर निर्भर नहीं होते हैं कि यह मेरे साथ रहेगा यह मेरे से अच्छे से बात करेगा यह मेरी तारीफ करेगा तो मुझे खुशी मिलेगी ये लोग दूसरों से जुड़ाव रखते हैं लेकिन अकेले में भी मस्त रहते हैं ये लोग ऐसा महसूस नहीं करते हैं कि ये दोनों क्या इनका ध्यान देगी ये लोग इस बात को अच्छे से समझते हैं कि लोग आकर उनका ध्यान दें उनका भला सूची यह जरुरी नहीं है कोई अगर नहीं सोचे तो यह परेशान नहीं होते हैं और ना ही रोने बैठते हैं सिर्फ मानसिक रूप से कमजोर लोगों का यह कहना होता है कि यह दुनिया बहुत बड़ी है यहां कोई अपना नहीं है तो कोई साथ नहीं देता मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति अपनी खुशी खुद ढूंढता है बार मानी हम मानसिक रूप से मजबूत लोग अकेले होने से डरते नहीं हैं ऐसे बहुत से लोग हैं जो अकेले होने से डरते हैं बार बार किसी के साथ रहने की कोशिश करते हैं दिमाग में जो आ रहा है उसे भागने की कोशिश करते हैं लेकिन सच तो यह है कि कोई भी विचार जो बार बार दिमाग में आ रहा है उससे तुम कुछ समय के लिए तो भाग सकते हो लेकिन कभी न कभी तो उसके बारे में अच्छे से सोच कर रहा समाधान निकालना ही पड़ेगा मानसिक रूप से मजबूत लोग अकेले पढने और अकेलेपन से डरते नहीं हैं बल्कि वह अकेलेपन का उपयोग खुद को समझने और खुद के विकास के लिए करती है दीवानी है मानसिक रूप से मजबूत लोग इस बात की उम्मीद नहीं रखते हैं कि हाथों हाथ परिणामी जाएंगे अपार में रिश्तों में स्वास्थ्य में या कहीं पर भी अगर कोई आदत बदलनी है तो यह उम्मीद लगाकर नहीं बैठते हैं कि एक ही बार में परिणाम मिल जाएंगे यह समझते हैं कि बड़े बदलाव लाने में समय लगता है इसीलिए यह लंबी योजना बनाकर पूरे धैर्य से काम करते हैं तो ये थी वह तेरह गलतियां जिन्हें अगर तुम करना बंद कर दो तो तुम भी एक मजबूत मानसिकता वाले इंसान बन जाओगे
और तुम्हारी नब्बे प्रतिशत से भी ज्यादा समस्याएं सिर्फ तुम्हारी मानसिक रूप से मजबूत होने पर ही समाप्त हो जाएंगे इतना कहते हुए गुरु ने अपनी बात समाप्त तेरह गलतियों के बारे में पता चल चुका था जो मानसिक रूप से मजबूत लोग नहीं करते उसने इस जानकारी के लिए गुरु का धन्यवाद किया और अपने काम में लगा दोस्तों उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आई होगा 
Thanks for Reading ❣️