Bhooton Ki Holi - Horror Stories in Hindi।

अर्णव ऋषि और आकाश बहुत अच्छे दोस्त है
तीनों सेम कॉलेज में पढ़ते थे और कॉलेज से उन्होंने एक ट्रिप प्लान की थी होली के चलते उन्हें कॉलेज से एक हफ्ते की छुट्टी मिली थी कुरैशी ने आगरा जाकर होली मनाने का आइडिया दिया तीनों ही उस आइडिया को लेकर बहुत एक्साइटेड हो गए और होली मनाने के लिए आगरा के लिए निकल गए आगरा में अक्सर होली का त्योहार बहुत ही जोरो शोरो से मनाया जाता है होली का त्योहार पूरे जलसे की तरह होता है अभिनव ऋषि और आकाश होली से एक दिन पहले आगरा पहुंचे और अगली ही सुबह सफेद कुर्ता पहनकर होली सेलिब्रेट कर में आगरा की गलियों में निकल गए तीनों ने पूरा दिन बहुत एन्जॉय किया होली खेलते खेलते उन्होंने ठंडाई समझकर काफी सारी भंग पीली पूरा दिन रंगों से खेलने के बाद अब सूरज ढलने लगा था और तीनों ही बहुत बुरी तरह थक चुके थे अभिनव ऋषि और आकाश अब अपने होटल की तरफ वापस जाने लगे थे पर कहीं न कहीं वो तीनों ही भांग के नशे में थे जिसकी वजह से वो वापस जाने का रास्ता भटक गए थे अभिनव के कहने पर उन्होंने चलते हुए एक नया रस्ता ले लिया और उनमें से कोई नहीं जानता था कि उनकी गलती उन्हें कितनी भारी पड़ने वाली है जहां आगरा की हर गली में शोर शराबा था वहीं वो नया रास्ता काफी सुनसान सा था वो तीनों बस उस पर चलते जा रहे थे चलते चलते उन्हें अपनी दायीं ओर एक पुराना सा खंडर हुआ किला देखा वह उसके सामने से निकल ही रहे थे कि तभी उन्हें खंडर के अंदर से कुछ अजीब सी आवाजें आने लगी ऋषि में ध्यान से सुना वह शोर असल में लोगों के हसने खेलने का था उस खंडर से ऐसी आवाजें सुनकर उन तीनों को काफी अजीब लगा और वो तीनों ही देखना चाहते थे कि आखिर अंदर क्या हो रहा था वो तीनों उस खंडर की दीवार के पास जाकर खड़े हो गए वह दीवार एक जगह से थोड़ी सी टूटी हुई थी
और में वहां से अंदर देखा तो उसके होश उड़ गए
उस खंडर के अंदर पचास से भी ज्यादा लोग आपस में होली खेल रहे थे किसी को भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था आखिर एक अंदर में सूरज ढलने के बाद इतने लोग होली क्यों खेल रहे थे पर इससे पहले कोई कुछ समझ पाता अकाश उसी टूटी हुई दीवार से अंदर घुस गया और नाचते हुए उन लोगों के पास चला गया और सबके साथ नाचने लगा उसके पीछे पीछे अन्ना व ऋषि भी अंदर चले गए दोस्तो उन सबके नाचते नाचते उस खंडर के अंदर से अंधेरा छाने लगा जैसे एकदम से रात हो गई है वहीं ऋषि का पर नाचते हुए फिसल गया और वो एक औरत से टकरा गया ऋषि ने तुरंत ही माफी मांगी पर वो औरत बस खड़ी होकर ऋषि को घूरने लगी और देखते ही देखते सभी नाचते हुए लोग वहीं रुक गए और सिर्फ ऋषि आकाश और को घूरने लगे
उस खंडर का माहौल अब बहुत भयानक सा हो गया था इससे पहले कि उन तीनों में से कोई कुछ कर पाता उस औरत का चेहरा बदलने लगा कि वहां खड़े सभी लोगों का चेहरा बदलने लगा और नीला पड़ने लगा तभी ऋषि के सामने खड़ी उस औरत की आंखें सफेद हो गई यह सब देखकर उन तीनों दोस्तों की रूह कांप गई अकाश और नव सीधा वहां से भागने लगे परदेशी अपनी जगह पर ही रुका हुआ था बोस औरत को सुन्न होकर देखे जा रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे विषयक पुतला बन गया हो अकाश ने उसे वहां से खींचने की कोशिश की पर ऋषि मानो वहीं पर जम गया था काश ने उसे और जोर से खींचा और जो उसने देखा उसे देख उसका दिल दहल गया किसी की आंखें भी सफेद पड़ने लगी थी जो देखते ही अकाश ने का कहा छोड़ा और वहां से भागने लगा अकाश अरनव दोनों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था वह जहां भी नजर डाल रहे थे वहां वो नीले परदे लोग उन्हें भयानक सफेद आंखों से देख रहे थे बस कुछ भी करके उस खंडर से बाहर निकलना चाहते थे ऋषि अब भी वहीं एक पुतले की तरह खड़ा था हमने देखा कि जिस दिवार से बॉर्डर आए थे वहीं बाहर जाने का इकलौता रास्ता था तो वो उसकी तरफ जाने का रास्ता होने लगा तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे अब में प्रकाश की सांसे थम सी गई वहां पर खड़े सभी लोगों की लड़कियां चटकने लगे और वो धीरे धीरे अनुभव और आकाश की तरफ बढ़ने लगे उन दोनों की जान सूख चुका था उन्हें लगने लगा था कि उनके साथ कुछ बहुत ही बुरा होने वाला था और तभी अनवर आकाश ने मिलकर कृषि को वहां से खींचा और उसे अपने कंधे पर उठाकर वो दोनों उसी दीवार की तरफ भागने लगे जहां से वो तीनो अंदर आए थे बिना कुछ सोचे तो बस उस दीवार की तरफ भागते गए और उसके लिए से
बाहर कूद गए के लिए से बाहर निकलते ही ऋषि की आंखें पहले जैसी नॉर्मल हो गई और वह वहीं पर बेहोश हो गया इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते उस खंडर से आग की लपटें निकलने लगीं और उस किले के अंदर मौजूद सभी लोग आग में जलने लगे वह भयानक नजारा अनवर आकाश से देखा भी नहीं जा रहा था पहले तो उन्हें लगा कि ये सब जोन के साथ घटा वह कुछ नहीं बल्कि भांग का नशा था लेकिन वो दोनों जैसे तैसे वीसी को उठाकर जब आपने होटल तक पहुंचे और वहां के मैनेजर को उन्होंने सब कुछ बताया कि मैनेजर की बात सुनकर वो लोग दंग रह गए उस मैनेजर ने उन्हें बताया कि जिस किले के पास को थे उसके लिए में कई साल पहले गांव के लोग होली मना रहे थे और तभी उनके गांव पर एक मुगल बादशाह ने हमला कर दिया था किले को चारों ओर से घेरकर मुगलों ने उस पूरे किले को आग लगा दी थी उस किले में मौजूद हर एक इंसान की वहीं पर मौत हो गई थी आज भी होली के दिन शाम को कोई भी उसके लिए के पास से नहीं निकलता कहते हैं उस सारी आत्माएं उस किले के अंदर कैद हो गई है और वहीं पर भटकती रहती है और हर साल होली के दिन वहां भूतों की होली खेली जाती है यह सब सुनकर अरनब और आकाश के होश उड़ चुके थे ऋषि अब भी बेहोश था पोर्टल के मैनेजर ने उसे दिलासा दिया कि अब वो तीनों बिल्कुल सुरक्षित हैं सुबह होते ही अरनव ऋषि और आकाश तुरंत ही आगरा से निकल गए ऋषि को उस दिन के बारे में ज्यादा कुछ याद तो नहीं है पर अनावरण काश उस दिन को शायद ही कभी भूल पाएंगे
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