एक नगर में एक सेट रहता था उस सेठ के दो लड़के थी के का नाम था शंकर और छोटे का नाम था गोपाल शंकर जो की सीट का बड़ा लड़का था वह अपने छोटे भाई गोपाल से अंदर ही अंदर सकता था और इस भीड़ का कारण धन संपत्ति नहीं बल्कि घर परिवार और नगर के लोगों से मिलने वाला मान सम्मान और प्रेम था सेट भी अपने छोटे बेटे गोपाल पर ज्यादा भरोसा करता था व्यापार से जुड़े महत्वपूर्ण कामों को भी बड़े बेटे की बजाय छोटे बेटे को ही ज्यादा सौंपता था साथ ही व्यापार और घर के किसी भी निर्णय पर छोटे बेटे की राय को अधिक महत्व दिया जाता था नगर के अन्य बड़े लोग और छोटे मोटे व्यापारी जिनके की सेट के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध थे वो भी सेठ के बाद उसके छोटे बेटे गोपाल पर ही अधिक विश्वास करते थे और उसके साथ ही लेन देन व्यापार करना पसंद करते थे समाज और नगर के लोगों के बीच गोपाल की एक सकारात्मक छवि थी लोग उसे एक ईमानदार और बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में देखते थे लेकिन बड़े भाई शंकर को छोटे भाई गोपाल की इतनी लोकप्रियता से जलन होती थी वह सोचता था कि बड़ा तो मैं हूं और इस नाते मुझे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए घर में मेरी बात को ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए और पिता जी व अन्य व्यापारियों को भी व्यापार के काम में उस पर ज्यादा भरोसा दिखाना चाहिए लेकिन उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था कभी कभी यह समझने का प्रयास भी करता कि आखिर मेरे छोटे भाई में ऐसी कौन सी विशेषताएं हैं जिसकी वजह से उसे समाज में ज्यादा मान सम्मान मिलता है और मुझसे भी ज्यादा महत्व दिया जाता है लेकिन उसे कभी भी अपने इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया जिस वजह से उसके अंदर कि यह गुस्सा छोटे भाई के प्रति नफरत में बदल दी जाए रही थी एक दिन उसने अपनी यह मानसिक परेशानी अपने एक बहुत ही नजदीकी मित्र से बताई मित्र समझदार था और सीट के बेटे का शुभचिंतक भी था उसने सिर की बेटी से कहा मेरे पास तो तुम्हारी इस समस्या का कोई हल नहीं है लेकिन में एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूं जो तुम्हारी सारी समस्याओं का समाधान बता सकते हैं बस तुम पल्स वे मेरे साथ चलो सुबह होते ही वह युवक सेट के बेटे को लेकर नगर के बाहर स्थित एक भारी की तरफ चल पड़ा भारी ऊंची और रास्ता मुश्किल था दोनों काफी देर तक चलने के बाद उस पहाड़ी के शिखर पर पहुँच जाते हैं उस पहाड़ी के शिखर पर उन्हें एक छोटी सी कुटिया दिखाई देती है कुतिया को देखते ही वह युवक सेठ के बेटे से कहता है इस कुतिया में एक महात्मा जी रहते हैं जो कि बहुत ही ज्ञानी और बुद्धिमान है जो भी इनके पास आता है अपनी समस्या का समाधान लेकर ही जाता है तुम भी उनके समक्ष अपनी सारी मानसिक व्यथा कह देना तुम्हें तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे इसके बाद दोनों कुटिया के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जहां पर महात्मा जी ध्यान की अवस्था में बैठे वे थे दोनों के अंदर प्रवेश करते ही महात्मा जी अपनी आंखें खोलते हैं और मुस्कुराकर उनके आने का कारण पूछते हैं दोनों युवक महात्मा जी को प्रणाम करते हैं और फिर सेट का बेटा अपनी परेशानी बताना शुरू कर देता है वह कहता है मुनिवर हम दो भाई हैं लेकिन मेरे छोटे भाई गोपाल को हर जगह मुझसे अधिक महत्व दिया जाता है परिवार और समाज दोनों जगह उसे मुझसे अधिक काबिल समझा जाता है पिताजी भी व्यापार के सबसे महत्वपूर्ण काम उसे ही सौंपते हैं वे सबकी नजरों में एक समझदार बुद्धिमान और जिम्मेदार इंसान है जबकि में एक कारा और इस वजह से मुझे अपने छोटे भाई से ईर्ष्या होने लगी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि में गलती कहाँ कर रहा हूँ आखिर में भी अपने छोटे भाई की तरह समाज में मान सम्मान और इज्जत कैसे पा सकता हूं सेठ के बेटे की पूरी बात को ध्यान से सुनने और समझने के बाद महात्मा जी ने कहना शुरू किया समाज में जिन लोगों को दूसरों से ज्यादा मान सम्मान और प्राथमिकता मिलती है
उनके अंदर कुछ खास विशेषताएं और आदतें होती हैं जिसकी वजह से वह भीड़ से हटकर अपनी एक अलग पहचान बना पाते हैं आज मैं तुम्हें पंद्रह ऐसी बातें बताऊंगा जिन्हें अगर तुम अपनाते हो तो तुम भी लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना पाई और उचित मान सम्मान हासिल कर पाउंड महात्मा जी ने कहना शुरू किया पहली आदत बेढंग तरीके से रहने वाले व्यक्ति को लोग कभी भी जब नहीं देते जो लोग साफ सुथरी और चुस्त दुरुस्त होते हैं उन्हें लोग एक अलग नजरिए से देखते हैं इसीलिए सबसे पहले अपने व्यक्तित्व में सुधार लाने की कोशिश करो अमीषा समय सिन्हा उर्दू और साफ सुथरे कपड़े पहनो और दाढ़ी व बालों को अच्छे से बनाकर को क्योंकि सबसे पहली चीज इन्सान का दिखावा ही होता है कोई चाहे कितना ही ज्ञानी क्यों न हो लेकिन अगर वह सही ढंग से और साफ सुथरा नहीं रहता है तो लोग उसे नजरअंदाज करना ही बेहतर समझते हैं और कोई भी ऐसे व्यक्ति की इज्जत नहीं करता है दूसरी आदत किसी से भी मदद अगर तुम सोच रहे हो कि लोगों के बीच अपनी जब कैसे बढ़ाऊं तो आज से ही देना बंद कर दो यहां इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हें किसी से भी लड़ जाना है या फिर लोगों का सम्मान करना बंद कर देना है निडर होने का मतलब है खुद पर पूरा भरोसा रखना और गलत के सामने झुकना अगर तुम्हें लगता है कि तुमने कुछ गलत नहीं किया तो फिर सामने वाला चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो तो मैं उसके सामने झुकना नहीं यही सच्ची मित्रता यहां दृढ़ता का दूसरा अर्थ यह भी है कि तुम्हें अपने भविष्य को लेकर डरना बंद कर देना है क्योंकि कोई भी इंसान ऐसे व्यक्ति को गंभीरता से नहीं लेता जो अपने भविष्य को लेकर हर समय डरा हुआ रहता है भविष्य के लिए योजना बनाना और उस पर चिंतन करना ठीक है लेकिन हर समय भविष्य की चिन्ता करके डरा हुआ रहना व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति की इज्जत कोई नहीं करता इसलिए तुम्हें भी लीडर बनना है और समाज को यह दिखाना है कि तुम्हारे अंदर किसी भी चीज को लेकर कोई खौफ नहीं है और तुम सत्य और न्याय के लिए हमेशा सच बोलने के लिए तैयार हो खुद को मजबूत दिखाओगे तो अपने आपको ज्यादा संबंध निडर लोगों का लुक कुछ सम्मान करते हैं तीसरी आदत हर समय उपलब्ध रहना छोड़ दो तुमने एक बात तो जरूर सुनी होगी कि किसी भी जगह पर बार बार जाने से या किसी के लिए भी तुरंत हाजिर हो जाने से आदमी अपनी इज्जत खुद कम कर लेता है ऐसी स्थिति में लोगों की नजरों में हमारा महत्व कम हो जाता है और वह यह सोचने लगते हैं कि अरे उसे तो कभी बुला लो या फिर उसे भुनाने की जरूरत नहीं है वह तो अपने आप या जाएगा मतलब की ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति हमें गंभीरता से नहीं लेता आज के समय में लोगों को थोड़ा सा इंतजार करना बनता है तभी हमारा सम्मान करते हैं चौथी आदत अपने जवान के पक्के बनो समाज में भौतिक कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी दिव्य जवान पर खरे उतरते हैं अगर तुम सोच रहे होंगे कि समाज में अपनी इज्जत कैसे बढ़ाने तो खुद को ऐसा बना कि लोग तुम पर तुरंत विश्वास करने को तैयार हो जाएं कहने का अर्थ यह है कि अपनी दिव्य जवान को हमेशा पूरा करो अगर तुमने एक बार लोगों के सामने कुछ करने का वादा कर लिया तो समझो कर लिया अब तुम्हें वह काम पूरा करना है ऐसे व्यक्ति को लोग बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं और उसकी इज्जत करते हैं तो ऐसा बनने का प्रयास करो पांचवीं आदत सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लो गांव या नगर के सभी लोग हमें का पहचानते हैं जहां सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं और वहां अपने काम के दम पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं समाज में अपना सम्मानजनक स्थान बनाने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है यही मौका होता है जब हम सभी लोगों की नजरों में आते हैं लोग हमारे काम और व्यवहार से प्रभावित होते हैं और उनके मन में हमारे लिए इच्छित बढ़ती इसीलिए जब भी तुम्हें अपने गांव या नगर के लिए कोई धर्म का काम या फिर लोगों की सेवा करने का अवसर मिले तो जरूर करो मौका मत छोड़ो छठी या दर्द बेझिझक जवाब दो आज वह दौर है जहां कमजोर व्यक्ति को तुरंत दबाने की कोशिश की जाती है और एक बार दबने के बाद वह बार बार हम पर हावी होने लगते हैं फिर उन्हें देखकर दूसरे लोग भी हमारे साथ ऐसा ही करने का प्रयास करते हैं जिससे लोगों के बीच अनेक मजाक बनकर रह जाते हैं
व्यक्ति को अपने साथ ऐसा होने से रोकना चाहिए बेझिझक होकर जवाब दें कि सामने वाला व्यक्ति और दूसरे लोग तुरंत समझ जाइए कि यह आदमी काबू में आने वाला नहीं है और वह तुमसे बेबजह उलझन बंद कर दें आज के दौर में अपनी इज्जत खुद करवानी पड़ती है सातवीं आदत अपने समय का सदुपयोग करो अगर तुम जानना चाहते हो कि अपनी एक अलग और शानदार पहचान कैसे बनाएं तो आज से ही समय को बर्बाद करना छोड़ दो अन्य बहुत से ऐसे लोगों को देखा है जो अपने जीवन को इतने अनुशासन से जीते हैं कि उनकी बराबरी कर पाना मुश्किल है यकीन मानो हर व्यक्ति ऐसे इंसान का सम्मान करता है जो जिंदगी को अनुशासन के साथ जीता है लेकिन अगर तू अपने समय को ही बकवास बाजी टालमटोल और फालतू के कामों में बर्बाद कर रहे हो तो कोई तुम्हें पसंद नहीं करेगा फिर इज्जत करना तो दूर की बात लोग तुम्हारे बारे में तानी मारेंगे और उनके सीधी बातें करेंगे इसीलिए अपने खाली समय में भी कोई ऐसा काम करो जिससे तुम्हें नहीं तो कम से कम किसी दूसरे को ही लाभ हो रहा आठवीं बार किसी एक क्षेत्र में सफल बनाएं अगर तुम किसी भी क्षेत्र में सफल हो जाते हो तो फिर लोग तुम्हारी अपने आप ही जिद करने लगे रहा क्योंकि आज के जमाने में लोग सिर्फ सफल लोगों की कद्र करते हैं तुम चाहे कितने ही बुद्धिमान और ज्ञानी क्यों न हो लेकिन अगर तुम सफल नहीं हो तुम्हारे पास कोई अच्छा काम या व्यापार नहीं है तो फिर लोग तुम्हें पूछेंगे तक नहीं इसीलिए इंसान को सबसे पहले सब कुछ भूलकर अपने काम पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि जैसे ही तुम सफल हो जाओगे लोग अपने आप ही तो में सम्मान देने लगे टॉमी यादव अपने हुनर और खूबियों को लोगों के सामने आने दो कुछ लोग वैसे तो हर समय सोचते रहेंगे कि अपनी जब कैसे बढ़ाएं लेकिन उसके लिए जो जरूरी कदम है वह नहीं उठाते समाज में लोग इज्जत करते हैं उमर की काबलियत की अच्छे व्यवहार की न कि किसी इंसान की आज के समय में समाज में इज्जत पाने के लिए तुम्हें अपने अंदर छुपे हुनर को लोगों को दिखाना होगा तभी तो लोग तुम्हें खास समझेंगे और तुम्हारी एक अलग पहचान बनी है इसीलिए तुम्हार अंदर जितने भी अच्छे गुण और हुनर हैं उन्हें लोगों के सामने आने पर अभी तुम्हारी इज्जत दशमी यादव दूसरों से ज्यादा ज्ञान और जानकारी हासिल करो अगर तो अपने मोहल्ले और नगर में सबसे ज्यादा सम्मान पाना चाहते हो तो तुम्हें अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ज्ञान हासिल करना होगा जानकारी हासिल करनी होगी और खुद को जागरूक रखना होगा ताकि जब तुम बोलो तो लोग तुम्हारी बातों को ध्यान लगाकर में इसके लिए तुम किताबें पढ़ सकते हो और जानकार व ज्ञानवान लोगों से वार्तालाप कर सकते हैं कि जितना ज्यादा ज्ञानी होता है उसे लोग उतना ही पसंद करते हैं और उसकी उतनी ही ज्यादा इज्जत करते हैं गर्मी यादव थोड़ा सा धन अपनी सुख सुविधा पर भी खर्च करो समाज के कुछ लोग सिर्फ दिखावे को ही महत्व देते हैं और अगर तुम धन कमाकर सिर्फ उसे जमा करते रहोगे और उसे अपनी सुख सुविधा पर बिल्कुल भी खर्च नहीं करोगे तो लोग तुम्हें कंजूस कहेंगे
ऐसे में इज्जत करना तो दूर की बात है लोग तुम्हें कंजूस कहकर अपने सामने तुम्हारा मजाक उड़ाएंगे अगर तुम्हारे पास धन है तो लालच करना ठीक नहीं है वह अपने ढंग से कुछ ऐसा काम करो कुछ ऐसी चीजें खरीद हूं जिसे तुम लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच अगर लोगों को लगेगा कि तुम सच में अपने जीवन को अच्छे से जी रही हूं लोग तुम्हारे प्रशंसक बन जाएंगे बार नहीं आता महिलाओं की इज्जत करो समाज में महिलाओं का एक विशेष स्थान होता है अगर तुम जानना चाहते हो कि समाज में अपनी एक सकारात्मक छवि कैसे बनाएं तो महिलाओं का सम्मान करना सीखना याद रखो महिलाओं द्वारा किया गया प्रचार बहुत जल्द आसपास के क्षेत्र में फैल जाता है अगर तो सभी महिलाओं की इज्जत करोगे तो तुम्हारे क्षेत्र में बात है लेगी कि तुम असल में एक सम्मानित और अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन इसके विपरीत अगर तुम महिलाओं की नजर में गिर गया तो फिर समाज में अपनी इज्जत बढ़ाने के बारे में सोचना भी मत क्योंकि फिर यह काम लगभग असंभव है तेरह में यादव अपनी कमजोरी किसी को मत बताओ एक मजबूत इंसान होता है जो अपने दुख को खुद अकेले लेकर चलता है
लेकिन खुशियों को सबके साथ बांटता है ऐसा इंसान वास्तव में सम्मान का हकदार होता है क्योंकि यह एक खास गुण हैं जो हर व्यक्ति में नहीं होता है आजकल लोग दूसरे व्यक्ति की कमजोरी पकड़ने की ताक में लगे रहते हैं ताकि उन्हें घेरा जा सके और लोगों के बीच उनकी खिल्ली उड़ाई जा सका तुम्हें ध्यान रखना है कि अपनी कमजोरी और गुप्त बातों को सिर्फ खुद तक ही सीमित रखें अन्यथा लोग तुम्हारी उसी कमजोरी को निशाना बनाएंगे चौगनी बाद कुछ अलग करके दिखाओ खुद की इज्जत बढ़ाने के तरीके तो कई है लेकिन यह वाला ऐसा तरीका है जो एक झटके में तुम्हारी पहचान को चार चाँद लगा सकता है साधारण जीवन तो सभी जीते
हैं और ज्यादातर लोग तो सिर्फ खुद के लिए जीते हैं तो अपने जीवन में कोई ऐसा काम कर दो जिसे सब याद रखेंगे और लोगों के बीच कुमारी साथ जाएगा तुम किसी भी क्षेत्र में अपने गांव या नगर का नाम रोशन करें या फिर कोई धर्म का ऐसा काम करूं जिससे गरीब लोगों को लंबे समय तक फायदा में पंद्रह में आधार सबके साथ प्यार से इज्जत उसी व्यक्ति की होती है जो खुद दूसरों की इज्जत करता है अगर तुम लोगों के साथ खराब व्यवहार करती हूं अपशब्द बोलते हो लड़ाई झगड़ा करते हो तो समाज में तुम्हारी छवि खराब होगी और कोई भी तुम्हारा सम्मान नहीं करेगा अच्छा व्यवहार एक बहुत बड़ी चीज होती है जो गरीब और अनपढ़ व्यक्ति को भी दिलवा देती है
चाहे कोई छोटा या बड़ा अमीर हो या गरीब सबके साथ प्रेम से बात करो उनके साथ जब भी समय बिताओ हंसते मुस्कुराते रहो इस तरह से हर छोटा बड़ा व्यक्ति तुम्हारे बिहार से प्रभावित होकर तुम्हारी इज्जत करें अगर तुमने पंद्रह बातों को अपने जीवन में उतारते हो तो निश्चित रूप से लोकप्रिय पसंद करेंगे और तुम्हारी इज्जत भी करेंगे और एक आखिरी बात की तो ने अपने छोटे भाई गोपाल से ईर्ष्या करने की बजाय उसे सीखने का प्रयास करना चाहिए और यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि उसके अंदर ऐसी कौन सी आदतें हैं जिस कारण लोग उसे इतना महत्व देते हैं और तुम से भी अधिक जिम्मेदार समझते हैं इतना कहकर महात्मा जी ने अपनी बात समाप्त सेठ के बेटे ने अपने छोटे भाई से ईर्ष्या वाली बात पर महात्मा जी से क्षमा मांगी और इन पंद्रह आदतों को अपने जीवन में अपनाने का वचन देकर वहां से चला गया दोस्तों उम्मीद है कि यह कहानी पसंद आई होगी और यहां तक बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद