Tarot - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी

Tarot - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी

हम सभी लोग अपने फ्यूचर को लेकर बहुत क्यूट होते हैं हमारी जिंदगी कैसे होगी किससे शादी होगी और हम कितने अमीर बनेंगे
ये सब चीजें हमें बहुत एक्साइटेड करती हैं
और इसलिए हम पंडित और चूर्ण एस्ट्रोलॉजर और टैरो कार्ड रीडर के पास जाते हैं टैरो रीडिंग एक ऐसी आठ है जहां एक टैरो रीडर कुछ कार्ड के थ्रू आपका फ्यूचर बता सकता है
आसपास की पॉजिटिव एनर्जी से रिक्वेस्ट करता है कि वो आपकी किस्मत की टैरो कार्ड निकालने में हेल्प करें प्रज्ञा होगा
अगर टैरो रीडिंग में पॉजिटिव की जगह नेगेटिव एनर्जी आ जाए तो
पच्चीस साल की महिला को भी यह सब चीजें बहुत एक्सरसाइज करती थी उसे मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर टैरो रीडिंग करना सीखा था और वो इसी में अपना करियर बनाना चाहती थी
अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़ने की वजह से उसके पेरेंट्स उससे बहुत नाराज थे
और इसी के चलते मेहेर अपना दिल्ली का घर छोड़कर जयपुर में अकेले रहने आ गई थी मेहर के पास कई क्लाइंट्स आना शुरू हो गए थे वो सब अपनी टैरो कार्ड रीडिंग करवाते थे
और हेर एकदम साफ नीयत से उनकी रीडिंग्स भी करती थी
एकदम मेहर की छोटी बहन खुशी उससे मिलने जयपुर आएंगे
इतने वक्त बाद खुशी से मिलकर में है बहुत खुश थी
मगर खुशी मेहर को एक बुरी खबर देने आई थी 
उसने मेहर को बताया कि मेयर के पापा की तबीयत बहुत नाम है
और डॉक्टर में बोला कि वह कुछ ही दिन जी पाएंगे यह सुनकर मेहर बहुत उदास हो गई
और रोने लगी
खुशी ने में है से घर वापस चलने को कहा और खुशी ने कहा कि उसे मामा के आखिरी वक्त में उनके साथ होना चाहिए
मैंने डिसाइड किया कि वह सुबह होते ही खुशी के साथ वापस घर लौट जाएगी यह सब बातें करते करते दोनों बहुत उदास हो गए अपना मुंह थोड़ा अच्छा करने के लिए दोनों बहनें अपने बचपन की बातें करने लगे
नहर के पास एक एल्बम भी थी
जिसमें उसने बचपन की बहुत सारी फोटोज लगाई हुई थी वो दोनों वही ऐल्बम देखने लगे उस एलबम के पीछे वाले पेज में मैहर में बहुत सारे टैरो कार्ड के देख की फोटोज भी लगाई हुई थी कि देखकर खुशी को याद आया कि वह मेहर के लिए एक नया टैरो कार्ड डेक लेकर आई है
उसने मेहर को देख दिया और बहुत फ्यूरियस होकर बार बार मेहेर से अपनी वेडिंग देखने के लिए जिद करने लगे दोनों घर की बाकी सभी लाइट्स ऑफ करके टेबल पर बैठ गए
मेहर इंस्ट्रक्शन बुक से उस नए टैरो डेक के बारे में पढ़ने में वो टैरो डेक थोडा अजीब
शहर को उन टैरो कार्ड से एक अलग सी फीलिंग भी आ रही थी
पर खुशी इतने प्यार से उसके लिए वो के फ्लाइट थी
वह अपनी बहन को मना नहीं कर सकती थी
इंस्ट्रक्शन पढ़ने के बाद महल में टैक्स फ्री किया और अपने आसपास प्रेजेंट सभी पॉजिटिव एनर्जी को इनवाइट करने लगे मेहर ने अपनी बहन खुशी के लिए पाँच कार्टून का को कार्ड उसकी जिंदगी से जुड़े कुछ इंपॉर्टेंट हिस्सों को रिप्रेजेंट करते थे
वह हिस्से थे लव करियर फैमली कौशल ग्रोथ और लाइफ एक्सप्रेस सिंह मेहर वो रीडिंग शुरू करने ही वाली थी कि उसे अचानक से अपने रूम से कुछ अजीब आवाजें
वह खुशी को वहीं छोड़कर अपने रूम में चैक करने गई
तो उसने देखा कि उसकी अलमारी खुली पड़ी थी
और उसमें से सभी टैरो कार्ड टैक्स जमीन पर गिरे पड़े थे
देखकर मैं बहुत हैरान थी
क्योंकि अलमारी का दरवाजा बंद था तो फिर अचानक कैसे वह अपने आप खुल गया महज जमीन पर फैले अपने कार्ड जुट होने लगी
कि तभी उसे ऐसा लगा कि जैसे कोई उसे उसके बेड के नीचे से झांक रहा हूं
मेहर ने जैसे ही बैठ की तरफ देखा तो अचानक सिक्सर पेड़ के नीचे से चला गया मानो भेद से छुप रहा हो
जिसे देखकर मेहर के हो गए
उसने धीरे से बेड के नीचे झांका तो वहां कोई नहीं था
उसे लगा कि शायद यह सब उसके मन का वहम होगा मगर जब मेहर अपनी टैरो कार्ड वापस उठाकर उन्हें अलमारी में रख कर अपने रूम से बाहर जाने ही वाली थी तो उसने देखा कि बच्ची उसके रूम के बाथरूम में से झांक रही था
और अचानक मेहर को देखते ही वो लडकी बाथरूम के दरवाजे के पीछे छूट गई
महज चौंक उठे
उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह बच्ची उसके घर में कैसे घुसी और कब घुसी में ने सेफ्टी के लिए अपने हाथ में एक बांस उठा लिया और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी
वो बाथरूम में गई
और उसने देखा कि सात आठ साल की मासूम बच्ची उसके बाथरूम के दरवाजे के पीछे सहमी सी बैठी था
मिहिर को को बच्ची जानी पहचानी लगने लगी मगर उसे याद नहीं आ रहा था कि आखिर वो थी कौन मेहर निवास साइड में रख दिया और उस बच्ची के पास बैठ गई
मेहर में उस बच्चे से पूछा कि आखिर वो कौन थी और उसके घर में कैसे आए तो उस बच्ची ने बिना कुछ कहे मेहर को गले लगा लिया और धीमी आवाज में सिसकियाँ भरने लगी
मिहिर को देखकर बहुत दया आ गई और उसने उस बच्ची को गले लगाते हुए गोद में उठा लिया उसने सोचा कि शायद बच्ची किसी मुसीबत में होगी और वो छपने के लिए महिला के घर में घुस गई होगी मेहर उस बच्ची को गोद में उठाए हुए खड़ी हो गई और रूम की तरफ ले जाने लगे
मगर उससे पहले ही मेहर ने कुछ ऐसा था जिसे देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई
बाथरूम के मेरठ में उस बच्ची का रिफ्लेक्शन ही नहीं देख रहा था
मेहर यह देखकर बहुत ज्यादा डर गई और डर के मारे बौखला उठे उसका पैर पीछे रखी बांटी से टकरा गया और वो नीचे गिर पड़ी
मिहिर की गिरने की आवाज सुनकर खुशी भागती हुई मेहर के रूप में आई और जमीन पर पड़ी मेहर को उठाकर भर टेबिल पर ले आई के साथ अभी जो हुआ उससे वो बहुत ज्यादा डर गई थी वो छोटी लड़की आसपास कहीं नहीं दिख रही थी मेहर खुशी को सब कुछ बताने लगे खुशी ने मेहर को पानी दिया और मेहेर से कहा कि
शायद यह सब उसका वहम है महज जब थोड़ा शांत फेल होने लगी तब ने महज से कहा कि उसकी टैरो रीडिंग बीच में ही रह गई है
और उन्हें उसे पूरा कर लेना चाहिए मगर मेहेर हालत में नहीं थी कि वह कुछ भी कर पाती वह खुशी को अपने साथ हुए इंसिडेंट के बारे में वापिस बताने लगे कि तभी मेहर का फोन बज उठा
फोन पर मेहर की मॉम का कॉल आ रहा था
मेहर ने फोन उठाया तो उसकी मॉम फोन पर बहुत ही ज्यादा रो रही थी महल को लगा कि शायद उसके पापा की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई होगी
मैंने उनसे पूछा कि उसके पापा कैसे हैं
उसकी मां ने कहा कि उसकी बाबा तो बिल्कुल ठीक हैं
मगर उसकी बहन खुशी का एक्सिडेंट हो गया है
उन्होंने आगे बताया कि दोपहर में खुशी उसी से मिलने जयपुर के लिए निकली थी जब उसकी गाड़ी एक ट्रक से टकराकर खाई में गिर गई
आसपास के लोगों ने बुलडोजर बुलवाकर उसकी गाड़ी को खाई से बाहर निकलवाया तब भी उसकी सांसे चल रही थी
तो लोकल लोग खुशी को हॉस्पिटल ले गए और को अभी बहुत क्रिटिकल कंडीशन में है
यह सब सुनकर मेहेर को ऐसा लगने लगा कि जैसे वो भी बेहोश हो जाएगी
उसका सर एकदम से बहुत भारी होने लगा उसका पूरा शरीर ठंडा पड़ने लगा था और वो डर के मारे कांपने लगी थी उसके सामने बैठी खुशी उसे देखकर मुस्कुराने लगी तभी अचानक खुशी का चेहरा बदलने लगा हो उसी छोटी बच्ची में बदल गई जिसे अभी कुछ देर पहले महेंद्र देखा था
धीरे धीरे वो हंसती हुई छोटी लड़की मेहर के पास आने लगी
उसका चेहरा डरावना होता जा रहा था
ऐसा लग रहा था कि वह मेहर को चोट पहुंचाना चाहती है
अचानक ही उसने मेहर पर अटैक कर दिया और मैहर नीचे गिर पड़े
कुछ छोटी सी लडकी मेहर के ऊपर चढ़कर उसका गला घोटने लगी
किसी तरह पास में पड़ा वास लिया और अपनी पूरी ताकत से उस छोटी लड़की के सर पर दे मारा वो लड़की कहीं व में ग़ायब हो गई और मैहर बेहोश हो गई
जब नहर को होश आया तो उसने देखा कि उसके आसपास कोई नहीं है
न छोटी लडकी और ना ही खुशी बस को टैरो कार्ड पड़े हैं जो उसने खुशी की टैरो रीडिंग के लिए निकाले थे
उसने कांपते हुए एक एक करके उनका को सीधा किया तो देखा कि वो सभी कार्ड ब्लैंक बस आखरी फेस्ट कार्ड ही प्रिंटेड था उस कार्ड को में है में गिरा किया तो उस पर लिखा था
तभी महल का फोन फिर से बचाने और उन्होने मेहर को बताया कि खुशी की हॉस्पिटल में ही ढेर हो गई है
मेहर को कुछ समझ नहीं आया कि अचानक उसके साथ यह सब क्या हो गया
मेहर ने जब मालूम किया तो से पता चला कि जयपुर की जिस घर में रहती थी उसमें एक छोटी लड़की की मौत हो गई थी
और उस छोटी लड़की की आत्मा अक्सर वहां भटकती है इस इंसिडेंट के बाद मेहर कई दिनों तक शॉप में थी
उसमें टैरो रीडिंग करना बिल्कुल बंद कर दिया था
और वो वापिस अपने मम्मी पापा के पास ही दिल्ली शिफ्ट हो गई
आज भी वो रात में ठीक से सो नहीं पाती उसे अक्सर अपनी बहन खुशी और उस छोटी सी लडकी के अपने पास होने का एहसास होता रहता है