बचपन में गर्मी की छुट्टियां हम सभी की फेवरेट हुआ करती हैं और उन छुट्टियों में समर कैंप हम सब कभी न कभी गए ही होंगे पर क्या हो अगर यही समर कैम्प आपकी जिंदगी की सबसे ज्यादा खौफनाक याद बन जाए घटना जॉर्ज के साथ दो हज़ार दस में हुई थी जब वह चौदह साल का था और वो अपने शहर से दूर पहाड़ों में एक समर कैम्प के लिए गया था समर कैंप की कैंप सहित उसके नाना नानी के घर के काफी पास थी इसलिए वह काम शुरू होने से पहले कुछ दिन के लिए वहीं चला गया उसके नाना ने कैम्प के ऑर्गनाइजर से बात कर ली थी कि जॉर्ज को बीच रास्ते से ही पिक कर लें कैंप ऑर्गनाइजर में जॉर्ज के नाना को एक्सपोर्ट बता दिया जहां से वह लोग जॉर्ज को प्रकट करने वाले थे जॉर्ज और उसके नाना उस लोकेशन पर पहुंच गए लेकिन वहां कोई बस नहीं थी उन्होने कैम्प ऑर्गनाइजर को कॉल किया और उसका फोन आउट ऑफ नेटवर्क के दिया था उन्होंने काफी देर इंतजार भी किया पर वहां कोई नहीं आया इसके बाद जॉर्ज के नाना ने डिसाइड किया कि वो उसको खुद कैंप साइट तक छोड़कर आएंगे वो लोग वहां शाम तक पहुंच गए
क्योंकि कैम साइट मेन रोड से थोड़ा अंदर जाकर थी तो उसके नाना उसे कैम साइट तक ले गए काम को ऑर्गेनाइजर उनके पास आया और जॉर्ज के नाना से मिला जॉर्ज के नाना ने कैंप के ऑर्गेनाइजर को जॉर्ज को पिकअप न करने के लिए खूब सुनाया लेकिन ऑर्गनाइजर कुछ बोला नहीं उसके बाद जॉर्ज के नाना जॉर्ज को कैंप में छोड़कर वहां से वापस लौट गए जॉर्ज जैसे ही कैंप साइट पहुंचा तो जॉर्ज ने देखा कि उस ज्ञान का माहौल बेहद अजीब था सारे बच्चे चुपचाप एक सर्कल में बैठे हुए थे और जॉर्ज को अजीबो गरीब नजरों से देख रहे थे जॉर्ज के नाना के जाते ही ऑर्गेनाइजर बिना कुछ बोले बस वहां से चला गया जॉर्ज भी उसके पीछे पीछे कैंप को एक्सप्लोर करने लगा उसने देखा कि गेंद पर उसका नाम लिखा था जॉर्ज ने अपना सामान उस टेंट में रखा और बाहर सबके साथ आकर सर्कल में बैठ गया उसके बैठते ही सभी बच्चे फिर से उसकी तरफ एक अजीब नजर से देखने लगे
जॉर्ज ने एक दो बच्चों से बात करने की कोशिश भी की मगर कोई कुछ बोल नहीं रहा था सब बस उसे घूर घूरकर देखे जा रहे थे सभी सर्किल में बैठा एक बच्चा उठा उसने जमीन पर पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठा लिया और गुस्से से जॉर्ज की तरफ आगे बढ़ने लगा उसे देखकर आसपास बैठे बच्चे भी उठे और जॉर्ज की तरफ आने लगे सबके चेहरों पर बेहद गुस्सा था जॉर्जेट है कर बहुत डर गया वह बार बार कैंप के ऑर्गनाइजर को आवाज लगाने लगा जब इतनी बार बुलाने पर भी ऑर्गेनाइजर नहीं आया तब जॉर्ज वहां से तुरंत उठा और भाग कर अपने टेंट में छुप गया अचानक ही जॉच के टैंक के बाहर बिल्कुल शांति छा गई जैसे कि वहां कोई हो ही ना अचानक से शाम पूरी तरह ढल गए और रात के अंधेरे ने स्कैम साइट को चारों तरफ से घेर लिया तभी जॉर्ज को देखा कि कुछ ही दूरी पर एक लडकी जमीन खोद रही है जॉर्ज हिम्मत करके उसके पास गया जॉर्ज ने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वो लडकी बस पागलों की तरह जमीन खोदी जा रही थी जॉर्ज ने उससे फिर पूछा कि वह कौन है और क्या कर रही है उस लडकी ने जॉर्ज की तरफ ग़ुस्से से देखा और कहा कि वह जॉच की कब्र खोद रही है सुनकर जॉर्ज राउत और जल्दी से उस लडकी से दूर भाग गया जॉर्ज को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उस कैंप में आखिर हो क्या रहा है उसने सोचा कि वह कॉल करके अपने नाना को वापस बुला लेगा और उनके साथ वापिस घर चला जाएगा फोन कॉल करने के लिए बुक कैम्प ऑर्गनाइजर के तहत में गया उसने जैसे ही उस टेंट में झांका तो वहां कोई नहीं था लेकिन अचानक किसी ने जॉर्ज को पीछे से धक्का दिया और गेंद के अंदर जाकर गिर पड़ा जब जॉर्ज ने मुड़कर देखा तो उसके होश उड़ गए उसके सामने वहीं ट्रेन का और है और उसके साथ कैंप के चौबिस बच्चे खड़े थे उनका हुलिया बहुत ही ज्यादा डरावना लग रहा था इसी का शरीर जला हुआ था तो किसी की हड्डियां टूटी हुई थी उन सब ने हाथ में कोई न कोई औजार पकड़ा हुआ था
और ऑर्गनाइजर हाथ में होना लिए जॉर्ज की तरफ बढ़ रहा था जोर जोर जोर से चिल्लाते हुए मदद मांग रहा था उसने अपने हाथों से अपनी आँखें बंद कर ली तभी किसी ने उसके हाथ पकड़े
से आवाज लगाने लगा जॉर्ज में जब आंखें खोली तो उसने देखा कि उसके सामने उसके नाना बैठे थे उसके नाना ने बिना कुछ बोले सोच का हाथ पकड़ा और उसको वहां से सीधा अपनी कार में ले गए जॉर्ज अभी भी बहुत डरा हुआ था और उसकी आंखों से आंसू बहे जा रहे थे हम साइट से बाहर जाते जाते जॉर्ज और उसके नाना को ढेर सारे लोगों की चिल्लाने और रोने की आवाज सुनाई दे रही थी जॉर्ज काफी देर तक एकदम शांत बैठा रहा और उसने अपने नाना से बिल्कुल बात नहीं की उसके नाना ने उस ज्ञान साइट से करीब सत्तर अस्सी किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी रुकी जॉर्ज किनारा ने जैसे ही उससे उसका हाल
तो वो जोर से रोने लगा और उसने अपने नाना को सब बताया वो सब जोश के साथ उस स्कैम साइट पर हुआ था उसके नाना ने उसे शांत किया और जॉर्ज को गले लगाकर उसे एक ऐसी बात बताई जिसे सुनकर जॉर्ज का दिल दहल गया जॉर्ज के ने उसे बताया कि जब वापिस लौट रहे थे उनका फोन आउटलुक नेटवर्क हो गया था जब कुछ दूर जाकर उनका फोन नेटवर्क में आया उनको एक फोन आया फोन समर कैंप की टीम से था उन्होने उसके नाना से कहा कि वह बहुत देर से उनका फोन मिला रही हैं उन्होंने जॉर्ज के नाना को बताया कि जिस बस में सब बच्चे और कैंप ऑर्गनाइजर था उसका राज ते में ही आ गया था
और उस एक्सिडेंट में कैंप ऑर्गेनाइजर के साथ साथ बस में मौजूद सारे बच्चे भी मारे गए उस फोन कॉल के तुरंत बाद जॉर्ज के नाना जी फौरन ही जॉर्ज को स्कैम से वापिस लेने आ गए जॉर्ज और उसके नाना जी काफी देर तक एक दूसरे को गले लगाए रहे उस दिन जॉर्ज दो बार मौत के मुंह से बचा लेकिन उसके साथ जो भी हुआ उसके बाद से कभी भी वो की इसी कैंप में नहीं गया और ना ही कभी बोस भूटिया कैंप को भुला पाया है
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