Suchana Seth Case | सच्ची कहानी

Suchana Seth Case | इस घटना ने दहला दिया था हर माँ का दिल

जनवरी दो हज़ार चौबिस की शुरुआत में एक ऐसी खबर आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया यह खबर थी एक माह द्वारा अपने ही चार साल के मासूम बेटे की हत्या की और जिस मां पर हत्या का आरोप लगा था वो कोई मामूली औरत नहीं बल्कि डेटा साइंटिस्ट
तथा एक बड़ी कंपनी की सी ई ओ थी
आप समझ गए होंगे कि हम सूचना सीट केस की बात कर रही है
तो आखिर सूचना सेट की पूरी कहानी क्या है सूचना से ने अपने चार साल के मासूम बेटे की हत्या क्यों की सूचना पुलिस की पकड़ में कैसे आई और अब तक कि पुलिस जांच में इस केस के बारे में क्या कुछ सामने आया है चलिए जानते हैं सब कुछ सिलसिलेवार तरीके से इस वीडियो में उससे पहले अगर आपने अब तक
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दोस्तों जैसा की हमने बताया यह कहानी हाल ही में सुर्खियों में रहने वाले सूचना सेट केस की है
सूचना सेट मूल रूप से बंगाल की रहने वाली थी
इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता से की थी
आगे चलकर इन्होंने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला किया यह पेशे से एक एथिक्स एक्सपर्ट और डेटा साइंटिस्ट है
सूचना सेट हंड्रेड ब्रिलिएंट मैन एआई एथिक्स लिस्ट में भी शामिल रहीं हैं इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से फेलोशिप भी किया है
इतना ही नहीं यह रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में भी रिसर्च फेलो रह चुकी है सूचना के नाम नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के पेटेंट भी है
फिलहाल बैंगलोर में रह कर काम कर रहीं सूचना सेट रात के लगभग साढ़े ग्यारह बजे गोवा के कल अंगूर बीज के पास मौजूद सोल बनियान ग्रैंड सर्विस अपार्टमेंट होटल में एंट्री करती है
सूचना नहीं यह होटल पिछले ही दिनों छः जनवरी से लेकर दस जनवरी तक के लिए बुक किया था बुकिंग के हिसाब से सूचना को इस होटल में दस जनवरी तक रुकना था मगर अचानक सात जनवरी को रात के लगभग नौ बजकर दस मिनट पर सूचना होटल के काउंटर पर फोन करती है और कहती है कि मैं अभी इसी वक्त होता
तेल से निकलना चाहती हूं क्योंकि मुझे एक बेहद ही अर्जुन काम के सिलसिले में बैंगलुरु जाना है
सूचना की बात सुनकर होटल स्टाफ सूचना से कहते हैं कि आप जब चाहे जा सकती है इस पर सूचना जवाब देती है कि मैं अभी जाना चाहती हूं और मुझे बैंगलुरु तक जाने के लिए एक टैक्सी चाहिए
इस पर होटल का स्टाफ सूचना को जवाब देता है कि टैक्सी से बैंगलुरु तक जाना काफी महंगा भी होगा और उसमें समय भी अधिक लगेगा इससे बेहतर है या फ्लाइट से चले जाइए
होटल स्टाफ के समझाने के बावजूद सूचना एक ही जिद पर अड़ी रहती है कि जितनी जल्दी हो आप मुझे एक टैक्सी अरेंज करके दीजिए
सूचना की जिद करने के बाद होटल स्टाफ एक टैक्सी ड्राइवर से संपर्क करते हैं कई टैक्सी ड्राइवर तो बैंगलोर तक जाने से मना कर देते हैं मगर रॉय डिसूजा नाम का एक टैक्सी ड्राइवर अपनी टैक्सी लेकर बैंगलुरु तक जाने के लिए रेडी हो जाता है मगर बदले में बत्तीस हजार रुपए किराया मानता है
इस बात की जानकारी होटल स्टाफ द्वारा सूचना सीट को दी जाती है जवाब में सूचना कहती हैं कि पैसे की चिंता मत करो बस मुझे टैक्सी दिलवा दो किराया तय होने के बाद थोड़ी देर बाद डिसूजा अपनी कार लेकर होटल तक पहुंचाता है
थोड़ी ही देर बाद सूचना सीट भी अपने लगेज के साथ होटल के बाहर आ जाती है
रात के लगभग एक बजे ड्राइवर अपनी इनोवा कार में सूचना सेट को बैठाकर बेंगलुरु के लिए निकल जाता है
यहां तक सब कुछ बिल्कुल नॉर्मल था
अमूमन जब कोई गेस्ट होटल से निकल जाता है तब उसके कमरे की साफ सफाई की जाती है ताकि दूसरे केस आकर ठहर सकें
जिस कमरे में सूचना सेट रुकी थी उस कमरे में भी सफाई के लिए एक होटल कर्मचारी जाता है जब होटल कर्मचारी अपना काम शुरू करता है तभी उसकी नजर कमरे के फर्श पर कुछ लाल धब्बों पर पड़ती है
तब्बू को देखकर कर्मचारियों को लगता है कि शायद यह खून के कतरे हो सकते हैं इसलिए वह इस बात की जानकारी होटल के मैनेजर को देते हैं
मैनेजर भी जाकर कमरे का जायजा लेता है और फिर तुरंत ही लंगोट पुलिस स्टेशन में फोन करके कमरे में मौजूद खून के धब्बे की जानकारी देता है यह जानकारी मिलते ही अंगूठी स्टेशन से पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंचती है और वह भी कमरे की तलाशी लेती है
उन्हें भी खून का धब्बा नजर आता है
इसके बाद पुलिस वाले होटल की सीसीटीवी फुटेज को खंगालने का फैसला करते हैं
सीसीटीवी फुटेज में दिखता है कि जब महिला होटल के अंदर दाखिल हो रही थी तो उसके साथ एक छोटा सा बच्चा भी था मगर जब वो रात के लगभग एक बजे होटल के बाहर निकलती है तो उसके साथ बच्चा नहीं था
इतना देखते ही पुलिस वाले तुरंत सूचना सेट के मोबाइल पर फोन करके उससे बात करने की कोशिश करते हैं मगर सूचना सेट का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आता है
इसके बाद पुलिस अधिकारी होटल से उस ड्राइवर का नंबर लेते हैं जो ड्राइवर सूचना सीट को अपनी कार से बैंगलुरू लेकर जा रहा था
पुलिस वाले ड्राइवर को फोन करते हैं और ड्राइवर से कहते हैं कि फोन पैसेंजर को दो पुलिस वाले महिला से बात करते हैं और पूछते हैं कि आपके साथ आपका बेटा भी होटल के अंदर दाखिल हुआ था मगर वापस जाते हुए उसे किसी ने नहीं देखा तो आप बताएं कि आपका बेटा कहां है
इस पर सूचना सेट बड़े आराम से जवाब देती है कि मैंने बच्चे को शाम के समय ही पास में ही रहने वाली अपनी एक रिश्तेदार के यहां छोड़ दिया था
पुलिसवाले सूचना से उस रिश्तेदार का एड्रेस मानते हैं जहां उसने अपने बेटे को छोड़ने का दावा किया था
पुलिस के कहने पर सूचना सेट पुलिसवालों को एक एक्ट्रेस लिखवाती है
तत्काल ही लंगोट पुलिस सूचना से द्वारा दी गई एड्रेस के नजदीकी थाने से संपर्क करती हैं और उनसे कहते हैं कि इस एड्रेस पर जाकर पता करो कि कोई बच्चा वहां है या नहीं
अब कुछ पुलिसवाले सूचना द्वारा दिए गए एड्रेस पर जाकर बच्चे के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं
शुरुआती जांच में ही पता चलता है कि सूचना नहीं जो एड्रेस पुलिसवालों को दिया था वह एड्रेस ही फर्जी है
इसके बाद पुलिस वालों को लगने लगता है कि दाल में कुछ काला है
इसलिए अब एक बार फिर से कलंकित पुलिस वाले कार ड्राइवर को फोन करते हैं और उसे कहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके तुम कार को लेकर नजदीकी पुलिस स्टेशन में चले जाओ मगर इस बात की भनक पैसेंजर को नहीं लगनी चाहिए कि तुम कार लेकर थाने की तरफ जा रहे हो जैसा कि पुलिस वालों ने ड्राइवर को आदेश दिया था
डिसूजा वैसा ही करता है
थोड़ी दूर चलने के बाद सूचना से ड्राइवर कहता है कि आगे बहुत ज्यादा जाम लगा हुआ है
और अगर हम इस रास्ते से गए तो बहुत ज्यादा वक्त लग सकता है इसलिए मैं आपको दूसरे रास्ते से लेकर चलता हूँ फिर इसी बहाने ड्राइवर चुपचाप कार को लेकर कर्नाटक के चित्रदुर्ग इलाके के बांग्ला पुलिस स्टेशन में खड़ा कर देता है
ड्राइवर कार से उतरकर पुलिस स्टेशन के अंदर जाता है और मंगला पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों की बाद गोवा पुलिस के अधिकारियों से करवाता है
गोवा पुलिस के अधिकारी मंगला स्टेशन की अधिकारियों से कहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके इस महिला के सामान की तलाशी लोग जब यहां पुलिसवाले सूचना सेट के सामान की तलाशी लेना शुरू करते हैं तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है
पुलिस वालों के कहने पर सूचना अपना बड़ा सा बैग खोलती है तो पहले उसमें कुछ कपड़े दिखाई देते हैं उसके नीचे बच्चे का खिलौना नजर आता है
यह खिलौना सूचना के बेटे का ही था
जब सभी सामान को वहां से हटाया जाता है तो बैग में सबसे नीचे चार साल के मासूम का शव दिखाई देता है
जब पुलिस वाले सूचना से पूछते हैं कि बच्चा कौन है और इसकी हत्या किसने की है तो जवाब में सूचना कहती है कि मेरा बेटा है और इसे किसने मारा मैं नहीं जानती तुरंत ही इस बात की जानकारी गोवा पुलिस को भी दे दी जाती है
सूचना को कर्नाटक में ही गिरफ्तार कर लिया जाता है
कर्नाटक में सूचना की गिरफ्तारी के बाद गोवा पुलिस की भी एक टीम कर्नाटक आ जाती है और फिर वहां से सूचना सीट को कर्नाटक पुलिस अपनी हिरासत में ले लेती है
फिर आगे उसे कोर्ट में पेश किया जाता है जहां से उसे पुलिस रिमांड में भेज दिया जाता है
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात का पता लगाना था कि इस हत्या का मोटिव क्या है इसलिए पुलिसवाले सूचना सीट से पूछताछ शुरू करते हैं
शुरुआती पूछताछ में ही सूचना से कहती है कि मुझे नहीं पता कि मेरे बेटे की हत्या किसने की है क्योंकि जब मैं सोनी गई थी तो मेरा बेटा जिंदा था और जब मैं जागी तो मेरा बेटा मर चुका था
इसलिए मैं इसे अपने साथ बैक में लेकर जा रही थी ताकि मैं इसके साथ हमेशा के लिए रह सकूं
आपको जानकर हैरानी होगी कि पुलिस वाले लगभग दस से बारह दिनों तक लगातार सूचना सीट से पूछताछ करते रहते हैं
मगर सूचना लगातार एक ही बात की रट लगाए रहती हैं कि उसे नहीं पता कि बेटे की हत्या किसने की है
वो खुद को बेकसूर बताती रहती है
भले ही सूचना खुद को बेकसूर बता रही थी मगर जब बच्ची का पोस्टमॉर्टम किया जाता है तो बताया जाता है कि पोस्टमॉर्टम से लगभग छत्तीस घंटे पहले बच्चे की हद तक ये से मुंह दबाकर या फिर गला घोटकर की गई है मतलब कि जिस समय बच्चे की हत्या की गई उस समय बच्चा अपनी मां सूचना सीट के ही पास था
जब कई दिनों की मेहनत के बावजूद सूचना कोई भी जानकारी नहीं देती है तो आगे की पूछताछ के लिए पुलिसवाले कुछ जाने माने साइकोलॉजिस्ट और साइकेट्रिस्ट की मदद भी लेते हैं ताकि सूचना से सटीक और सही जानकारी निकलवाई जा सके
मगर उन लोगों की भी मेहनत बेकार चली जाती है
हालांकि इस बीच पुलिस को उस कमरे से कई ऐसे अहम सबूत मिलते हैं जिससे इस बात को बल मिलता है कि बच्ची की हत्या उसी कमरे में की गई थी
पुलिस की जांच में यह भी सामने आता है कि उस कमरे में सूचना सीट के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति ने एंट्री नहीं की है
ऐसे में सूचना सेट का यह कहना कि किसी और ने उसके बेटे की हत्या कर दी बेमानी नजर आता है
पुलिस के सामने सूचना सईद अपनी जबान नहीं खोलते हैं तो अब आगे की पूछताछ के लिए जांच में सूचना के पति को भी शामिल किया जाता है
और दोनों पति पत्नी से आमने सामने बैठकर पूछताछ की जाती है हालांकि इससे भी बहुत कुछ हासिल नहीं होता है
जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिसवाले सूचना सेट और उसके पति वेंकट रमन की कुंडली खंगालने शुरू कर देते हैं
जांच में पता चलता है कि सूचना सीट का पति वेंकट रमन केरल का रहने वाला था
इन दोनों की मुलाकात जॉब के दिनों में ही होती है और फिर दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं और एक समय बाद दो हज़ार दस में शादी कर लेते हैं शादी के कई साल बाद उनके घर एक बेटी का जन्म होता है
बेटे के जन्म के बाद दोनों का रिश्ता बनने की बजाय बिगड जाता है और धीरे धीरे हालात इतने ज्यादा बदतर हो जाते हैं कि दोनों दो हज़ार तेईस में फैमिली कोर्ट में डिवोर्स के लिए आवेदन कर देते हैं
दोनों पति पत्नी का रिकॉर्ड लगभग तय हो चुका था मगर मामला बेटे की कस्टडी को लेकर अटका हुआ था
सूचना से चाह रही थी कि बेटा उसके साथ रहे जबकि वेंकट रमन चाहते थे कि बेटे की कस्टडी उन्हें मिले
इस बात को लेकर लंबे समय से कोर्ट में सुनवाई भी चल रही थी
सूचना और वेंकट रमन के बीच बात इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी थी कि सूचना वेंकट को बेटे से मिलने भी नहीं दिया करती थी इस बात को लेकर भयंकर अदालत की शरण में जाता है और फिर वहां से फैसला सुनाया जाता है कि हर संडे वेंकट अपने बेटे से मिल सकता है
अदालत वेंकट रमन को महीने का बीस हजार रुपए गुजारा भत्ता के रूप में सूचना सेट को देने का आदेश देता है
इस फैसले के बाद काफी समय बाद दस दिसंबर दो हज़ार तेईस को वेंकट अपने बेटे से मुलाकात करते हैं मगर इसके बाद चार पास संडे यूं ही निकल जाते हैं और बैंक चाह कर भी अपने बेटे से नहीं मिल पाते हैं क्योंकि कोई न कोई बहाना करके सूचना अपने बेटे को लेकर बेंगलुरु से निकल जाया करती थी
वेंकट अपने बेटे से न मिल पाए इसीलिए इकतीस दिसंबर दो हज़ार तेईस को भी सूचना अपने बेटे के साथ बेंगलुरु से गोवा आ जाती है
यहां लगभग तीन दिनों तक अलग अलग जगह पर घूमती है फिर बड़े होटल में रह कर वापस बेंगलुरु चली जाती है
चार दिन बाद ही एक बार फिर से बेटी को लेकर गुवाहाटी है और छः तारीख की रात को होटल में एंट्री करती है
जैसा कि हमने बताया था कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक शव मिलने के लगभग छत्तीस घंटे पहले ही बच्चे की हत्या की गई थी
इस हिसाब से होटल में एंट्री करने के दो घंटे बाद ही सूचना सेट अपने बेटे की कर देती है
अगले अट्ठारह घंटे तक बेटे के शव के साथ ही होटल के कमरे में बंद रहती है इस दौरान सूचना न तो एक बार भी खाने के लिए कुछ मंगाती हैं और न ही किसी से बात करती है
हालांकि इस बीच जब लगातार बेटी से मिलने के लिए सूचना सीट का पति वेंकट रमन सूचना को कॉल करने की कोशिश करता रहता है
तो जवाब में सूचना एक मैसेज करती हैं कि तुम संडे को अपने बेटे से मिल सकते हैं हालांकि ऐसा नहीं हो पाता है क्योंकि तब तक बच्चे की मौत हो चुकी होती है
इस पूरे मामले में सूचना सीट का रवैया शुरू से बड़ा ही अजीब लगता है इसलिए कुछ लोग दावा करने लगते हैं कि शायद सूचना शेर मानसिक तौर पर फिट नहीं है और उसने जो कुछ भी किया है शायद पागलपन में किया है इसलिए गोवा पुलिस द्वारा विशेषज्ञों की मदद से सूचना सीट के मानसिक संतुलन की भी जांच की जाती है और इस
आधार पर अदालत में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा जाता है कि मानसिक तौर पर सूचना सेट बिल्कुल फिट है
आपकी इस की मौजूदा स्थिति की बात करें तो अब तक सूचना सेठ ने एक बार भी बच्चे की हत्या करने की बात कुबूल नहीं की है इस बीच मार्च दो हज़ार चौबिस में सूचना सीट के पिता सीट ने गोवा की एक अदालत में याचिका दायर करते हुए कहा था कि सूचना सीट की मानसिक हालत ठीक नहीं है और इसकी जांच डॉ
एक्टर के एक पैनल से करवाई जाए और इसी आधार पर इस मुकदमे की स्थिति तय की जाए
गोवा पुलिस इस मांग का विरोध करती रही इसके बाबजूद चार मार्च दो हज़ार चौबिस को गोवा की स्थानीय अदालत ने सूचना सीट की मानसिक स्थिति की जांच के लिए पैनल गठित करने का आदेश दे दिया है
आगे डॉक्टर की यह टीम जो भी रिपोर्ट पेश करेगी इस आधार पर सूचना सीट का भविष्य तय होगा
वैसे कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सूचना से एक हाइली क्वालिफाइड इंटेलीजेंट महिला है
इसलिए उसे पता है कि कैसे बचा जा सकता है इसीलिए वह नाटक कर रही है
सच्चाई क्या है वह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा
एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर सूचना सेट मानसिक तौर पर बीमार पाई जाती हैं तो बेटे की हत्या करने के बावजूद वह सभी कानूनी कार्यवाही से बच सकती है या फिर बड़ी ही मामूली सजा नहीं मिलेगी
आगे क्या होता है वह तो समय ही बताएगा
दोस्तों आप के अनुसार अगर बच्चे की हत्या का दोष सूचना सीट पर सिद्ध हो जाता है तो उन्हें क्या सजा मिलनी चाहिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं
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