Shaapit Mandir Ganesh Chaturthi Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी |
यह कहानी 26 साल के सुनील के साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है सुनील भगवान गणेश का बहुत बड़ा भक्त था वह दिल्ली शहर में बहुत अच्छी नौकरी करता था उसका काम था अलग अलग हिस्टोरिकल जगहों को एक्सप्लोर कर के उन पर आर्टिकल लिखना काफी बिजी रहने के बावजूद हर साल सुनील गणेश चतुर्थी पर अपने घर नागपुर जरूर जाता था इस साल भी सुनील गणेश चतुर्थी से दो दिन पहले अपने घर लौटने को तैयार था जब उसे ऑफिस से उसके बॉस का फोन आ गया उसके बॉस ने उसे बताया कि वह जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था वो प्रोजेक्ट रिजेक्ट हो गया था और सुनील को अगले तीन दिन के अंदर अंदर एक नया प्रोजेक्ट बनाकर तैयार करना था यह सुनकर सुनील बहुत ही ज्यादा मायूस हो गया क्योंकि अब वो प्रोजेक्ट की वजह से गणेश चतुर्थी अपने घर पर नहीं बना पाएगा फिर भी सुनील ने उस सिचुएशन के साथ समझौता किया और अपने काम में लग गया
गणेश पूजा वाले दिन सुनील अपने ऑफिस से निकलने में काफी लेट हो गया था मगर उसका बहुत मन था कि वह किसी मंदिर जाकर गणेश जी की पूजा करें इसलिए उसने डिसाइड किया कि वह अपने ऑफिस के पास वाले मंदिर ही चला जाएगा मगर उस मंदिर में बहुत भीड़ थी और सुनील बहुत थक गया था इसलिए उसने सोचा कि वह रास्ते में आने वाले किसी भी मंदिर पर रुक जायेगा सुनील बहुत देर तक गाड़ी चलाता रहा मगर उसके घर के रास्ते में कोई मंदिर नहीं आया तभी उसने अपने पास आने वाले मंदिर इंटरनेट पर दें और उसे एक पास के मंदिर की लोकेशन मिल गई सुनील मैं आपको फॉलो करता हुआ उस मंदिर की तरफ बढ़ने लगा वह जगह सुनील के घर से बिल्कुल डायरेक्शन में थी
और आसपास बहुत अंधेरा था श्रील अभी उस मंदिर की लोकेशन पर पहुंचा भी नहीं था लेकिन दूर से ही उसको कुछ घंटियों की आवाज आने लगी थी जब सुनील ने गाड़ी से उतर कर देखा तो वहीं पास में उसने पुराना मंदिर पाया उसने सोचा कि जिस मंदिर जा रहा था उस तथा कि वहां भी उसे बहुत भीड़ मिले इसलिए वह उसी पुराने मंदिर पर रुक गया और गाड़ी सड़क के साइड में पार करके अंदर चला गया उस मंदिर की बिल्डिंग बहुत पुरानी और टूटी हुई थी दीवारों पर काली कई लगी हुई थी और घंटी टूटकर साइड में गिरी हुई थी सुनील जैसे ही उस मंदिर के अंदर गया वैसे ही उसे एक अजीब सी घुटन महसूस हुई
जब और अंदर गया तो उसने देखा कि उस मंदिर में जिस भी भगवान की मूर्ति थी उन सभी मूर्तियों का मुंह गर्दन से टूटा पड़ा था यूं तो हिन्दू धर्म में खंडित मूर्तियों की पूजा नहीं की जाती थी मगर उस मंदिर में उस टूटी हुई मूर्ति के सामने ढेर सारी मोमबत्तियाँ चल रही थी लेकिन उस मंदिर के दूर दूर तक सुनी के अलावा वहां कोई नहीं था सुनील को उस मंदिर से एक बहुत ही अजीब सी फीलिंग आने लगी थी अचानक ही उस एरिया में ठंड बहुत ज्यादा बढ़ गई जबकि मौसम गर्मियों कथा सुनी में वहां से निकलने का डिसाइड किया लेकिन जैसे ही वह वहां से जाने लगा उसे किसी औरत की आवाज आई कोई है मेरी मदद करो मेरी मदद करो सुनील व आवाज सुनकर बहुत सहम गया मगर फिर भी उसे लगा कि शायद कोई औरत किसी मुसीबत में हैं अब आज उस मंदिर की सबसे अंदर वाली जगह से आ रही थी सुनील पुनर्वास के पीछे अंदर जाने लगा वो टूटी हुई मूर्तियों को पार करता हुआ मंदिर के और अंदर चला गया वहाँ एक कमरा बना हुआ व था
जिसके अंदर ढेर सारी पोटलियाँ पड़ी थी
सुनील के अंदर जाते ही उस कमरे का दरवाजा खुद ब खुद बंद हो गया सुनील अंदर ही फंस गया
उसने दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश की मगर वह दरवाजा खुल ही नहीं रहा था फिर वो दरवाज़ा ज़ोर ज़ोर से पीटने लगा और मदद के लिए चिल्लाने लगा अभी सुनील को अपने पीछे से एक अजीब सी आवाज आई पीछे मुड़ा और उसने देखा कि एक औरत कोने में खड़ी दीवार की तरफ किए उस दीवार को खुरच रहे सुनील का तेल बुरी तरह से दहल उठा बार बार गणेश जी का मंत्र बोलने लगा तभी उस औरत ने दिवार रोजना बंद कर दिया रोबोट कर सुनील की तरफ पढ़ें उस औरत को देखकर सुनील की धड़कनें रुक गई उस औरत के बाल बिखरे हुए थे कपड़े धूल मिट्टी में लिपटे हुए थे ऐसा लग रहा था कि वह सालों से नहाई नहीं है और तो और उसकी आंखें पिघली हुई सी लग रही थी जो से बेहद डरावना बना रही थी गौरव सुनील को देखकर फिर बोली वह सुनील से कह रही थी कि बिना सर वाले देवता ने उसे कैद कर रखा है और सिर्फ सुनील ही था जो से बचा सकता था देखते ही देखते वो औरत सुनील के पास आने लगी और अचानक से उस कमरे में एक एक करके दरवाजों से जमीन से छत से ढेर सारी आत्माएं बाहर आने लगी उन सभी आत्माओं की आंखें पिघली हुई थी जैसे जैसे वो आत्माएं सुनील के पास आ रही थी सुनील के मन का खौफ बढ़ता ही जा रहा था
सुनील ने अपनी आंखें बंद कर लीं और वो बस बार बार अपने गणपति बप्पा का नाम ले रहा था
सुनील को अचानक बहुत तेज ठंड लगने लगी थी और उसे चक्कर आने लगे कुछ ही पलों में सुनील बेहोश हो गया जब कुछ समय बाद सुनील की आंख खुली तो वह अपनी गाड़ी में बैठा हुआ था
उसकी गाड़ी उसी अजीब मंदिर के बाहर पार्क थी
सुनील ने तुरंत ही अपनी गाड़ी भगाई और वो किसी तरह अपने घर पहुंचा अगली सुबह जब ऑफिस के लिए निकला तो वो उसी मंदिर के सामने से गुजरा उसने वहां आसपास लोगों से जब उस मंदिर के बारे में पूछा तो उसके होश उड़ गए उसे पता चला कि जिस मंदिर में घुस गया था
दरअसल वह बहुत ही पुराना शैतान का जानी एक डेविल का मंदिर था वहां के लोगों ने उसे बताया कि रात में उस मंदिर के आसपास भी कोई नहीं जाता पुराने समय में माना जाता था
कि लोग उस मंदिर में शैतान से जो कुछ भी मानते थे शैतान वो सब कुछ उन्हें देखा था लेकिन उसके बदले उस शैतान को किसी इंसान की आंखों की बलि चढ़ानी होती थी बात सुनकर सुनील को समझ आ गया था कि आखिर उन सब आत्माओं की आंखें पिघली हुई क्यों थी हो सकता था कि जिनकी आत्माएं सुनील ने पिछली रात देखी उन सभी लोगों को शिकार बनाकर किसी ने उनकी बलि चढ़ा दी हो खैर जो भी था सुनील ये सब बातें सुनकर दंग था सुनील के साथ उस रात जो भी हुआ वह बहुत ही डरावना था पुरुष से आज तक समझ नहीं आया कि वो अपनी गाड़ी तक वापिस कैसे पहुंचा वहां आज भी बस यही सोचता है कि उसका उस शैतान के मंदिर से बाहर आना गणपति का एक चमत्कार आपको क्या लगता है
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