रहस्य पुरानी खाट का | सच्चा कहानी
नौकरी छूटने के बाद जब मैं घर वापस आया तो कई तानों का सामना करना पड़ा दोबारा से परिवार के माहौल में ढलने में मुश्किल भी हुई पर सबसे ज्यादा तकलीफ तब हुई जब घरवालों ने मेरे पलंग को ही भेज दिया था कि बड़े भैया
ने मुझे कुछ पैसे दिए कि में एक नई काट लें मगर जितने पैसे थे उसमें एक पुरानी खाद भी नहीं आ सकती थी दुकान पर पूछने गया तो वहां भी उतने में कुछ नहीं मिला पर दुकान के बगल वाले घर से एक आदमी जो लगातार मुझे देखे जा रहा था
बाहर निकला और बोला कि मेरे यहां एक पुराना खाट पड़ा है सस्ते में दे दूंगा उसने कार्ड दिखाया तो एकदम सही हालत में था कुछ नया जैसा ही था और उस आदमी ने ज्यादा पैसे नहीं मांगे देखकर मुझे हैरानी हुई मगर अपना फायदा होते हुए देख मैंने कुछ नहीं कहा रात को खाना खाने के बाद मैंने राहत की सांस ली कि अब सोने का तो ठिकाना हुआ कम से कम थोड़ी देर टहलने के बाद बिस्तर लगाकर में सोने चला गया सोते सोते मुझे ऐसा लगा कि अचानक ही कोई धक्का दे रहा है और फिर मुझे किसी गड्ढे में धकेल रहा है पूरा शरीर दर्द कर रहा था चीखते हुए मेरी नींद खुली तो मैं पसीने से लथपथ था मुझे लगा कि कोई बुरा सपना होगा तो मैं दुबारा सोने लगा लेकिन खाट पर लेटते ही मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे कंधो को जकड़े हुआ है और मेरे पैरों को किसी ने पकड़ लिया है दुबारा से मेरा पूरा शरीर दर्द करने लगा मैं चाह कर भी उठ नहीं पा रहा था हैरत की बात तो ये थी कि यह कोई सपना नहीं था सच में कोई मेरे शरीर को जकडे हुआ था मेरी चीख सुन सभी घरवाले भाव फौरन आ गए और उतने में ही यह सब अजीब चीजें भी रुक गई
बुरा सपना था यह बोलकर उन्होंने फिर से सो जाने को बोला पर खाट पर दोबारा बैठने की अब मेरी हिम्मत नहीं थी पुरातन मैंने जमीन पर ही गुजारी पर अगले दिन मुझे लगा कि शायद जो कल रात हुआ वह सब मेरा एक वहम था
खुद को समझाते हुए मैं अगली रात फिर उसी खाट पर सोया कुछ देर तो मुझे नींद ही नहीं आई
फिर जब कुछ देर तक कोई भी अजीब चीज नहीं हुई तो मेरी आंख लग गई पर आधी रात में एक बार फिर मुझे लगा कि कोई मेरे शरीर को पीछे की ओर खीच रहा है में आगे भले ही नहीं पा रहा था क्योंकि मेरे पैरों को जैसे किसी ने जंजीरों से बांध रखा था फिर मुझे वैसा ही शरीर को झकझोर देने वाला दर्द हुआ मैं चीखता इससे पहले ही मुझे एक आवाज सुनाई दी बूढ़ी औरत की आवाज गुस्से से भरी हुई मेरी जगह पर आखिर क्यों आए तो गिन्नी दिखता है निकल जाओ यहां से जा रहा है बहुत देर तक की आवाज मेरे आसपास भटकती रही फिर इतना पास आ गई कि लगा मेरे दिमाग से ही निकल रही हो न कि बाहर से शरीर के साथ साथ मेरा सर भी फटा जा रहा था तब अचानक मुझे लगा कि मेरी मां मुझे बुला रही हैं उनके आवास से मेरी नींद ही टूट गई मैं जब उठा तो पसीने से लथपथ था
मेरी मां मेरे पास खड़ी थी और वह बुरी तरह से कतरा रही थी मैंने अपने पैरों को देखा तो मेरे पैरों पर रस्सी और खरोंच के निशान दिखे तो में भी चौंक उठा मैं समझ गया कि जो मैं महसूस कर रहा था वह कोई सपना नहीं था सुबह होते ही मैंने उस घाट को उठाया और बाहर फेंक आया कुछ देर बाद वो वहां था ही नहीं जरूर ही कोई उसे उठाकर कहीं ले गया होगा अगली रात भी मैंने जमीन पर गुजारी लेकिन उस खाद का खयाल मुझे सोने नहीं दे रहा था थोड़ी बहुत नींद लेकर सुभाव था दोस्तों दो हज़ार पंद्रह में इंडिया में एक ऐसा केस बाहर आया जिसमें स्टार प्लस के हेड पीटर और उनकी वाइफ इंद्राणी को कर लिया गया पुलिस के अकॉर्डिंग इंद्राणी और पीटर ने मिलकर इंद्राणी की बहन शीना बोरा मर्डर किया था लेकिन जैसे जैसे केस आगे बड़ा एक के बाद एक ऐसे राज खुले जिन्होंने पूरे इंडिया को चौंका कर रख दिया कौन थी शीना बोरा और क्या हुआ उसके साथ जानने के लिए देखें शीना बोरा मर्डर केस स्टोरी सिर्फ हमारे क्राइम जाने तक क्राइम शो पर लिंक डिस्क्रिप्शन और कॉमेंट में तो खाट के साथ एक आदमी भी घर के बाहर मिला जो कि गुस्से में भरा पड़ा था कि आखिर क्यूँ मैंने इतना खतरनाक आठ यूं ही खुले में बाहर छोड़ दिया था झटके दर्द और बुरे सपने क्या कुछ नहीं देता था एक हाथ ये सब बोलकर वह खाट वहीं छोड़ गए मुझे इतना तो समझ आ गया था कि मैं पागल नहीं हूं और इस खाते में बात कई कुछ दिक्कत है मैं उस खाद को अंदर ले गया और दोबारा उस रात उस पर सोने का सोचा था कि बता कर सकूं कि आखिर आवाज किसी बुजुर्ग औरत की थी लेकिन वे मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी इस बार न शरीर में दर्द हुआ और न ही झटके लगे और जल्द ही नींद भी आ गई पर थोड़ी ही देर में उस औरत की आवाज फिर आई
चिल्लाते हुए उसने बोला फिर आ गए.आखिर क्यों मुझे चैन से सोने नहीं देते कि मेरे सोने की जगह जाओ यहाँ से यह कहते ही फिर मेरे शरीर में बेहद खतरनाक दर्द उठने लगा ऐसा लगने लगा कि मैं कहीं ऊपर से बहुत जोर से गिर रहा हूं थोड़ी देर बाद यह सब रुक गया पर ऐसा लगने लगा जैसे खाट हवा में झूल रहा हो अपने कंधो पर कोई उसे उठाए कहीं ले जा रहा हो मेरा मन सहमा जा रहा था दर में जैसे चारों ओर से मुझे घेर लिया था में नींद में था फिर भी सब महसूस कर पा रहा था अचानक मेरी सांसें घुटने लगी मैंने सर दोबारा नीचे करके देखा तो खाद के चारों ओर आग लगी थी मैंने चिल्लाने की कोशिश की मगर गले से आवाज ही नहीं निकल रही थी लेकिन उसके कुछ ही पल बाद मेरे हाथ और पैर अचानक आजाद हो गए मैं तुरंत उठकर बैठा लेकिन मैंने जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए
एक डरावनी सी बूढ़ी औरत मेरे ठीक सामने बैठी थी उसे देखते ही मैं चिल्ला उठा और मेरी नींद टूट गई हांफते हुए में चारों ओर देखने लगा पर सब कुछ एकदम नॉर्मल था बस मेरे पूरे शरीर पर घाव थे मैं समझ चुका था कि किसी बूढ़ी औरत के सोने की जगह थी जो शायद अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन फिर भी उसे यहीं सोना पसंद है
अगली सुबह में वह खाद दोबारा उस आदमी को दे आया जिससे इसे खरीदा था उसे इन सब चीजों के बारे में बताया तो मालूम हुआ कि उसकी मां ने कुछ ही दिन पहले इस घाट पर दम तोड़ा था
उसके बाद से वह खाट उसने अपने कमरे में ही खाली पड़े देने दी ताकि उसकी माँ अब चैन से सो सकें खैर जो भी हो मैं उस पुरानी घाट के भयानक एक्सपीरियंस को कभी नहीं भूल पाऊंगा
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