Postmortem - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी | Bhoot Ki Kahani |
यह कहानी 35 साल के राजीव की है
राजीव एक सज्जन था और वह पिछले कुछ सालों से पोस्टमॉर्टम करने के लिए अपने शहर में काफी मशहूर हो गया था राजीव कॉम्प्लेक्स कॉम्प्लेक्स डेड बॉडीज का असानी से पोस्टमॉर्टम कर लेता था उसकी एक्सपर्टीज और कमाल के हुनर को देख शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल ने उसे अप्वाइंट कर लिया था राजीव को वहां काम करते करते प्रिय महीना भर हो गया था वह वहां बहुत खुश था लेकिन उसे नहीं पता था के उसके साथ आखिर कार क्या होने वाला है उस दिन की तारीख थी आठ मार्च दो हज़ार बारह होली का दिन था और सब डॉक्टर्स मूसली छुट्टी पर थे और इसलिए हॉस्पिटल खाली पड़ा था राजीव उस दिन हॉस्पिटल में ड्यूटी पर था हर रोज की तरह वह हॉस्पिटल लाया पर सीधा पोस्टमार्टम रूम में चला गया और उसने अपना काम शुरू कर दिया उसका असिस्टेंट उस दिन छुट्टी पर था और राजीव अकेले ही बॉडी पर ऑपरेट करने वाला था
उसके सामने एक लडकी की भयानक बॉडी थी
और उस लड़की का चेहरा इतनी बुरी तरह से जख्मी था कि राजीव से भी देखा नहीं जा रहा था
काफी कोशिशों के बावजूद भी राजीव को उसकी मौत की वजह पता नहीं लग पा रही थी राजीव को ऐसा लग रहा था जैसे उस लडकी की बॉडी कई सालों से चल रही हो इसलिए कुछ भी पता लगा पाना मुश्किल हो रहा था राजीव उसकी बॉडी को ऑपरेट कर ही रहा था लेकिन जैसे ही वह लडकी की गर्दन के पास अपने नुकीला सर्जिकल नाइक लेकर गया उस लडकी की आंखें एकदम से खुल गई यह देखकर राजीव के हाथ से गिर गया और वो तुरंत पीछे हो गया राजीव पिछले सात सालों से लोगों की बॉडी का पोस्टमार्टम कर रहा था कई बॉडीज जिनकी हालत पुलिस भी नहीं देख पाती थी उन्हें भी राजीव बड़ी आसानी से ऑपरेट कर लेता था
पर जो उसके साथ उस रात हुआ बोस ने जिंदगी में पहले कभी एक्सपीरियंस नहीं किया था कुछ दूर खडे होकर तो बस उसकी बॉडी को घबराकर देख रहा था उस लड़की की आंखें अब बंट गया
और वो बॉडी एक लाश की तरह बस वहां पड़ी हुई थी राजीव को लगा कि मरा हुआ इंसान कैसे अपनी आंखें खोल सकता है तो उसने सोचा कि शायद ही उसका वहम होगा और उसने आगे जाकर फिर से अपना सर्जिकल लाइफ उठा लिया
राजीव ने उस लडकी की गर्दन में चाकू का प्लेट घुस आया और उसकी खाल को गर्दन से नीचे गिरने लगा लेकिन ऐसा करते ही उस लड़की की आंखें फिर एक बार खुली और ईसाई से बाएं ओर घूमने लगी देखते ही देखते उस लड़की की आंखों का रंग गायब हो गया और उसकी दोनों आंखें बिल्कुल सफेद पड़ गई इसके बाद उस लड़की के हाथों की उँगलियाँ और दोनों पैर से हिलने लगे
उसे देखकर राजीव बहुत ज्यादा डर गया और वह उस बॉडी से दूर हो गया काफी देर तक उस बॉडी में कोई मूवमेंट नहीं हुई बॉडी चैक करने पर उसकी कोई पद नहीं थी और न ही उसका दिल धड़क रहा था लेकिन फिर क्यूँ उसकी बॉडी मूवमेंट दिखा रही थी एक साइंटिस्ट होने की वजह से राजीव अपने साथ हो रही घटनाओं की मेडिकल एक्सप्लेनेशन खोज रहा था इसलिए उसने उस लडकी की फाइल को फिर से देखना शुरू किया पर जैसे ही राजे ने फाइल खोल कर उस लड़की का नाम ध्यान से पढ़ा और उसकी तस्वीर देखी उसके रोंगटे खड़े हो गए प्रोफाइल उसके हाथ से मानो झलकी कहीं दूर गिर गई
राजीव के चेहरे पर बुरी तरह पसीने छूटने लगे
वो लड़की और कोई नहीं बल्कि राजीव की मेडिकल कॉलेज की लवर प्रिया थी लेकिन इससे पहले कि राजीव कुछ समझ पाता उसके गले को किसी ने पीछे से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया
राजीव ने पीछे मुड़कर देखा तो प्रिया की लाश वहां खड़ी उसका गला दबा रहा था कमरे में चल ही लाइट्स जोर जोर से ट्रिगर करने लगी राजीव को समझ नहीं आ रहा था कि वहां क्या हो रहा है
राजीव चीख भी नहीं पा रहा था उसने किसी तरह अपने पास रखा अपना सर्जिकल नहीं उठाया
और उस लड़की के हाथों पर गत मांगने लगा
पर वो लड़की अपनी सफेद आंखों से बस राजीव को घूरे जा रही थी और उसका गला दबाए जा रही थी देखते ही देखते उस लड़की का रूप ही बदल गया उसके बिखरे काले बाल हवा में लहराने लगे और वो जोर जोर से हसने लगी जैसे उसका कोई पुराना बदलाव नहीं हो गया है ऐसा लगने लगा था कि रिश्वत राशि नहीं पर बल्कि कोई भी बहुत ही भयानक आत्मा है राजीव ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की कुछ ही देर में हिम्मत हार गया और उसकी आंखें बंद हो गई
कुछ देर बाद जब राजीव की आंखें खुली दोष हॉस्पिटल का पीएन उसके पास एक पानी का ग्लास लिए खड़ा था उस पोस्टमार्टम रूम में अब किसी लड़की की बॉडी नहीं थी और उस पीएम ने बताया कि कोई भी बॉडी उस पोस्टमार्टम रूम में उस दिन नहीं भेजी गई थी उसने यह भी बताया कि उसे अचानक से पोस्टमार्टम रूम से राजीव के चीखने की आवाज सुनाई दी वह जल्दी से जब पोस्टमार्टम रूम में आया तो उसने देखा कि राजीव खुद ही अपना गला दबा रहा था और अपना गला दबाते दबाते ही वह बेहोश होकर नीचे गिर गया था यह सब सुनकर राजीव शौक था जब उसने प्रिया के बारे में रिसर्च की तो उसे मालूम पड़ा कि मेडिकल कॉलेज में एक लड़का प्रिया को प्रेग्नेंट करके उसे छोड़कर चला गया था
जिसकी वजह से प्रिया ने चलती ट्रेन के सामने आकर सुसाइड कर ली उसकी भरने की तारीख आठ मार्च दो हज़ार दो यानी उस दिन से एक जैकलीन दस साल पहले राजीव यह सब सुनकर इलाका हिला रह गया क्योंकि वह लड़का और कोई नहीं बल्कि राजीव खुद था उसी ने प्रिया को प्रेग्नेंट करके उसे छोड़ दिया था उस दिन के बाद से प्रिया की वो खौफनाक आत्मा उसे जगह जगह पर दिखने लगी वो एक साया बनकर राजीव के पीछे पड़ गई थी प्रिया की आत्मा राजीव को खुदकुशी करने के लिए उकसाती रहती थी और एक दिन वही हुआ राजीव इतना ज्यादा डर गया था कि उसने ट्रेन के आगे आकर अपनी भी जान
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