Mumbai Horror Stories मुंबई की कहानियाँ |
इंडिया की सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक जो अक्सर या जो हॉरर फिल्म शूट करने के लिए यूज़ की जाती है लेकिन हकीकत में इस जगह पर कई ऐसे किस्से घटे हैं कि बॉलीवुड के बड़े बड़े डायरेक्टर एस इस जगह पर अपनी मूवीज शूट करने से अब बेहद डराने लगे हैं कई सालों पहले यहां पर कॉटन और मूल के कपडे बनते थे
लेकिन नाइंटी नहीं थी तो में एक ऐसी आग लगी जिससे सब कुछ जलकर राख हो गया
आज तक कोई नहीं जानता कि वो आग कैसे लगी लेकिन तब से यह जगह वीरान पड़ी है
और इसके आसपास कोई भी नहीं जाता
एक बार की बात है मुकेश में इसमें एक हिन्दी हॉरर फिल्म की शूटिंग चल रही थी फिल्म की हिरोइन ग्रीन रूम में अकेले अपने डायलॉग संघर्ष कर रही थी तभी उसकी नजर एक बहुत ही सुंदर झुमकों पर पड़ी जो जमीन पर नीचे गिरे हुए थे
उसने झुमके उठाए और शीशे के सामने अपने कान में लगाकर वह झुमके देखने लगी कि तभी उसके असिस्टेंट प्रिया ग्रीन रूम में आ गई प्रिया ने जैसे ही शीशे में देखा तो वो एकदम से बहुत ज्यादा घबरा गई शीशे में उसे उस हिरोइन की जगह जली हुई दुल्हन ही जिसमें वो झुमके पहन रखे थे प्रिया डर के मारे चिल्लाई तो हिरोइन के हाथ से झूम के नीचे गिर गए प्रिया को शीशे में वो औरत नहीं दिख रही थी और सब नॉर्मल था
प्रिया को लगा कि शायद उसका वहम होगा
उसने हिरोइन से माफी मांगी और उसे बताया कि शॉट रेडी है और डायरेक्टर उसे शॉट के लिए बुला रहा है कुछ देर बाद जब हिरोइन अपना शॉट दे रही थी तो अचानक से उस फिल्म के सेट पर लाइट जल बुझ होने लगी थोड़ी देर क्लिक करें
एक बड़ा सा धमाका हुआ और वहां की सारी लाइफ ऑफ हो गई प्रोडक्शन असिस्टेंट शाम अपने साथी को लेकर क्यूसेक करने के लिए थोड़ा बाहर निकला बाहर बहुत तेज बारिश शुरू हो गई थी बिजली कड़क रही थी और बादल गरज रहे थे श्याम दोनों मुकेश मिल्स की लॉबी की तरफ गए तो उन्हें अंधेरे में का ही लिखा जो बारिश में खड़ा सिगरेट पी रहा था अंधेरे की वजह से उसका चेहरा ठीक से नहीं दिख रहा था
शाम ने बिजली की थी उसके बारे में उससे पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया शाम को आदमी बेहद अजीब लग रहा था लेकिन कुछ ही पल बाद उस आदमी ने अपने हाथ से के कोने की तरफ इशारा किया दोनों तरफ जाने लगे लेकिन शाम बार बार उस आदमी को पीछे मुड़कर देख रहा था
तभी अचानक से बिजली कड़की अनुसार ही किसी कल शाम को ही जिसे देखकर वो सुन पढ़ गया उस आदमी का चेहरा ही डरावना था
घूर घूर कर शाम को देखे जा रहा था इतने में श्याम के साथ ही ने फ्यूज ठीक कर दिया और लाइट वापस आ गई लेकिन लाइट वापस आते ही वो आदमी गायब हो गया शाम बिना किसी को कुछ बोले धड़ाधड़ वापिस सेट पर चल दिया लाइट वापस आ गई और शूटिंग फिर से शुरू हो गई लेकिन हम उसकी रोइंग के मुंह से डायलॉग ही नहीं निकल रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे वह बोलना चाह रही है लेकिन किसी ने उसका मुंह बंद कर दिया हो तभी उसका शरीर भी करने लगा और अचानक से उसे चक्कर आए और वहीं बेहोश होकर नीचे गिर गई डायरेक्टर ने शॉर्ट ब्रेक अनाउंस किया और हिरोइन के असिस्टेंट प्रिया उसे ग्रीन रूम ले गई प्रिया ने उसे ग्रीन रूम में लिटाया और उसके लिए जूस लेने बाहर जाने लगी तभी उसे टेबिल पर पड़े वह झुमके दिखे जो सिरोही ने पहले पहने थे उसने मुझे उनके लिए बाहर जाते हुए उन्हें डस्टबिन में फेंक दिया
उसे लगा कि हो ना हो उन झुमकों की वजह से ही शायद सब कुछ बिगड़ रहा है शाम जिसे सिगरेट पीते हुए उस आदमी को देखा था डरा मुकेश में में इधर से उधर घूम रहा था उसे बार बार ऐसा लग रहा था कि कोई छोटी सी बच्ची उस भयानक बिल्डिंग के अंदर कैद है और वह रो रही है धीरे धीरे पुनर्वास और तेज होती गई उसके कानों में गूंजने लगी उधर हिरोइन के असिस्टेंट प्रिया जूस लेकर ग्रीन रूम में पहुंचे तब उसने जो देखा उसे देखकर चौंक उठी उसने देखा कि वो हिरोइन शीशे के सामने वहीं झुमके पहने बैठी है जिसे उसने अभी फेंका था उस हिरोइन की आंखें लाल हो चुकी थी उसने अपने हाथ में स्क्रिप ले रखी थी और वो पागलों की तरह कुछ भी बढ़ जा रही थी
अचानक उसने सारे भी पर फाड़ दिए और उन्हें खाने लगी यह सब देखकर कांप उठी और जल्दी से रूम से भाग आई उसने सीधा जाकर डायरेक्टर को पूरी बात बताई और सब लोग मिलकर उस ग्रीन रूम में पहुंचे पर वहां सब कुछ नॉर्मल था वो हिरोइन वहीं पर बैठी हुई अपनी स्क्रिप्ट पढ़ रही थी प्रिया कुछ समझ नहीं पा रही थी उस एक्ट्रेस ने डायरेक्टर से कहा क्या वो आज की शूट कैंसिल कर सकते हैं डायरेक्टर फॉर मान गया और उसने अपनी क्रू को पैक करने के लिए बोल दिया हिरोइन बाकी एक्टर डायरेक्टर सब लोग अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से निकल गए लेकिन उसके असिस्टेंट अब भी ग्रीन रूम में ही थी वह का सामान पैक कर रही थी कि उसे वह झूम के फिर से दिखे उसने जैसे ही वह झूम के अपने हाथ में लिए उसे फिर से शीशे में थी जिसके पीछे खड़ी दिखी वह मोदी तो वहां कोई नहीं था उसने झुमके वहीं छोड़ दे और वहां से जल्दी से निकल गई वहां से निकलते ही उस हिरोइन की तबीयत एकदम ठीक हो गए
लेकिन वो प्रोडक्शन का लडका पूरी तरह से पागल हो गया और कुछ ही दिनों में उसकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उसने उस मई में जाकर अपने आप को जला डाला वह जली हुई झुमके वाली औरत जब रोती हुई बच्ची की गूंज या सिगरेट पीता डरावना आदमी यह सब कई बार कई लोगों ने महसूस किया है कहते हैं कि एक बार मुकेश में में नाइट ड्यूटी करते हुए एक गार्ड ने उस मिल्स के अंदर से म्यूजिक बजने की आवाजें सुनी कि बहुत अजीब था क्योंकि उस दिन कोई शूटिंग नहीं हो रही थी और न ही मिल्स के अंदर कोई भी इवेंट था उस रात उस गार्ड ने अंदर जाकर देखा तो उसे काली परछाई दिखी
वह से देखकर इतना डर गया कि उसने नौकरी छोड़ दी और तो और वहां एक बार एक दस साल की लडकी शूटिंग करते समय अचानक से बहुत अजीब तरीके से भेद करने लगी उसने पहले तो एक मठ की आवाज में सब को वहां से भाग जाने के लिए कहा और फिर अपने हाथों के बल उल्टा होकर चलने लगी और कुछ ही पल में बेहोश हो गई यह देख सब लोग वहां से जल्दी से निकल गए जैसे ही उसके पिता उसे उस मेल से कुछ दूर लेकर गए वो एकदम नॉर्मल हो गई
लेकिन उसे कुछ भी याद नहीं रहा कि उसके साथ क्या हुआ था मुकेश मिल्स की ऐसी कई कहानियां हैं और वहाँ ऐसे कई राज छुपे हैं
लेकिन मुकेश मिल्स का सच कोई नहीं जानता
मेरा नाम पिछले बीस सालों से में ऑटो चला
मैं मुंबई का चप्पा चप्पा जानता हूं और सभी इलाकों से गुजर चुका हूं मुंबई में एक ऐसी जगह है जहां मैं कभी नहीं जाता वह है मुंबई के गोरेगांव में स्थित आर्य खोले करीब आठ नौ साल पहले
देर रात में एक पैसेंजर को रॉयल सोसाइटी में छोड़कर मैं घर वापस लौट रहा है पूरा रास्ता सुनसान जंगल के बीचों बीच था उस दिन हम आपको बहुत जोरों से चल रही थी हल्की हल्की ठंड किशोर कुमार का हैं रहे मेरी ओशो के सामने एक औरत झटके से गाड़ी रोकी और उस औरत से माफी मांगने के लिए उतरे मगर बहुत दूर दूर तक कोई नहीं मुझे लगा कि मेरी आंखों का कुछ रुका हुआ है तुम्हें ऑटो में वापस बैठते हैं
जैसे ही मैंने ऑटो स्टार्ट करें मेरी बगल में खड़ी
और उसने मुझसे कहा थोड़ा भी तक चले गए
और पीछे बैठ गए उस औरत ने फटे पुराने कपड़े में परिसंपत्ति मिली उसका चेहरा उसके बिखरे बालों से छुपा हुआ थोड़ा अजीब सा लग रहा था कि रात के तीन बजे बूढ़ी औरत को कहा जाता है
मैंने उससे पूछा कहां जाना है जवाब में कहा बस बहुत दरअसल जब मैंने उसे आंखों में जब उसके बाद हवा से उन्हें तो उसका गला सा चेहरा देख मेरी आँखें फटी की फटी रह मेरे पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो तब मुझे सूझा कि शायद मेरे पीछे जो औरत बैठी है वो एक चुड़ैल है जो कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैं चुपचाप ऑटो को तेजी से आगे बढ़ा रहा से मेरी ऑटो में हुए बंद पड़े मैंने तुरंत होकर के बिना उस औरत की नजर में है को ठीक करने में लगे जैसे ही मैंने ऑटो ठीक करके ऑटो स्टार्ट किया तब मैंने देखा कि वो औरत मेरे पीछे वाली सीट पर है ही नहीं तभी मेरे बगल से कौतुक गुजरात में मैं उस इलाके से जैसे तैसे लीगल है और सीधे जाकर सो गए
अगले दिन मुझे मालूम हुआ कि उस इलाके में एक ऑटो का एक्सिडेंट हुआ है और ऑटो ड्राइवर की उसी समय डेथ होगा और सबसे चौंका देने वाली बात ये थी कि वह वही ऑटो था जिसमें वह बूढ़ी औरत बैठकें निकली थी
इस किस्से के बाद मैंने कई कहानियां सुनी की आरे कॉलोनी में ऐसी सफेद साड़ी वाली रेलवे
किसी इसे ऋत्विक अभी हाल ही में अपने एक्टर बनने की टीम को पूरा करने के लिए मुंबई शिफ्ट हुआ था यह शहर उसके लिए बिल्कुल नया था
यहां पर आकर तीन लड़कों के साथ एक वन बीएचके फ्लैट शेयर कर रहा था वह तीनों लड़के भी एक्टर बनना चाहते थे और वो भी कई सालों से मुंबई में ही रह रहे थे उनके सामने ऋत्विक एक नौसिखिया था इसलिए ऋतिक को लगा था कि शायद वो लड़के उसे भी मुंबई में रहने के तौर तरीके सिखा देंगे लेकिन उनमें से एक लडका वे ने ऋत्विक को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था
और उन दोनों का छोटी छोटी बातों पर अक्सर झगड़ा हो जाता था ऊपर से रुपये को मुंबई में कोई काम ही नहीं मिल रहा था वो रोज तीन चार ऑडिशंस देता था पर उसे आज तक कभी भी कोई कॉलबैक नहीं आया था अब ऋत्विक बहुत उदास रहने लगा था एक बार विनय ने उसके साथ एक प्रैंक करने का सोचा उसने एक प्रोडक्शन हाउस की इमेल आईडी बनाकर ऋत्विक को उस आईडी से ऑडिशन मेल भेजा उस ईमेल में लिखा था कि ऋत्विक को एक नई हॉरर मूवी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है
उस ईमेल को पढ़कर ऋत्विक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा इतने वक्त से वह ऐसे ही किसी मौके का इंतजार कर रहा था एक्साइटमेंट के चलते उसने उस ईमेल का तुरंत ही रिप्लाई कर दिया विनय ने इसके बाद कुछ ऐसा किया जो शायद उसे कभी नहीं करना चाहिए था उसने एक और जिसमें उसने ऋत्विक को एडिशन की डेट टाइम और जगह बताई मेल में लिखा था कि ऋत्विक को अगली रात ग्यारह बजे डिसूजा चॉल पहुंचना था डिसूजा यह कोई मामूली चॉल नहीं था बल्कि लोगों की मानें तो यह एक जगह थी
सोल में रहने वाली एक औरत की कुएं में गिरकर मौत हो गई थी और उसके बाद से उस चॉल में भयानक चीजें होना शुरू हो गई पड़ोस में रहने वाले लोगों ने रात में बाहर निकलना छोड़ दिया था सब जगह खबर फैल गई थी कि उस चॉल में बने कुएं के पास अक्सर सफेद साड़ी पहने एक और भटकती है मुंबई में रहने वाले ज्यादातर लोगों को इस स्टॉल के बारे में पता होता है
ऋत्विक डिसूजा चॉल के बारे में कुछ भी नहीं जानता था हालांकि उसे ऑडिशन की टाइमिंग देखकर थोड़ा अजीब तो लगा और उसने सोचा कि यह उसकी लाइफ की पहली चुनौती है
और उसे से छोड़ना नहीं चाहिए ऑडिशन की रात ऋत्विक तैयार होकर डिसूजा चॉल पहुंच गया
डिसूजा चॉल के गेट के सामने आते ही उसे अचानक से ठंड लगने लगी और एक अजीब सी घुटन महसूस होने लगी पर हैरानी की बात तो ये थी कि डिसूजा चॉल बंद था वहां पर उसे दूर दूर तक कोई नहीं दिख रहा था कोयला इलाका बिल्कुल सुनसान था और ऋतिक को वहां पहुंचकर ठीक नहीं लग रहा था ऋत्विक वहां से वापस जाने ही वाला था कि उसके कंधे पर किसी ने बाद रखना लेकिन जब उमड़ा वहां कोई नहीं था पर अब उस स्टॉल का गेट खुला हुआ था
और अंदर से एक रोशनी आ रही थी
ऋत्विक को सब कुछ अजीब लग रहा था
पर अंदर से आती रोशनी देख उसे लगा कि शायद वही ऑडिशन का एरिया होगा
और वो उस तरफ चल दिया जैसे ही रिट्रीट अंदर गया उसे एक बड़ा सा कंपाउंड दिखा जिसके बीचोंबीच एक बड़ा साथ वहां था
ऋत्विक की नजर अब उस में पर गई
और जो उसने देखा उसे देखकर उसके होश उड़ गए हुए के किनारे पर एक औरत खड़ी हुई थी
और उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह हुए में कूदने की वाली हो औरत दिखने में बेहद अजीब थी और वो पृथ्वी को घूरे जा रही थी ऋत्विक को देखकर बोली उचाना थाना में मैं मरना नहीं चाहता जब देखते ही ऋत्विक ने उस औरत को आवाज लगाई और उसे बचाने के लिए भगा पर उसकी आवाज लगाते ही को औरत को हुए के अंदर खूब गई ऋत्विक भाग कर कोई तक पहुंचा तो उसने देखा कि उस कुएं के अंदर कोई भी नहीं था यहां तक कि पानी के हिलने तक कभी निशान नहीं था ऋत्विक बहुत घबरा रहा था क्योंकि उस औरत को कूदते हुए उसने अपनी आंखों से देखा था कुछ वक्त तक उसे इंसिडेंट के बारे में सोचते हुए ऋत्विक वहीं खड़ा रहा लेकिन फिर वहां से जाने लगा उसने जैसे ही अपने कदम वापस गेट की तरफ बधाई उसे पानी में कुछ हलचल होती हुई दिखाई दी ऋत्विक ने फटाफट अपने फोन की दौड़ जॉन की पुरुष हुए में झांक कर देखने लगा
अचानक पानी के ऊपर से एक सड़ा गला इंसानी हाथ आया और उसने ऋत्विक का हाथ पकड़ लिया आठ उसी औरत का था क्योंकि उसकी कलाई पर चोरियां थी पृथ्वी को गले हुए आंतकी की जकड़ में था और वह बुरी तरह से डर के मारे आप रहा था उसने किसी तरह अपना हाथ छुड़ाया और कुंए के पास ही गिर गया देखते ही देखते वो डूबती हुई औरत बिना किसी रस्सी के कोई की दीवार से ऊपर चढ़ने लगी उसका पूरा शरीर गला हुआ था और उसका चेहरा बहुत ही ज्यादा भयानक था ऋत्विक के पैर वहीं जम गए
उस औरत को ऊपर आता देख उसकी जान सूखी जा रही थी औरत अब कोई के ऊपर आ गई
और ऋत्विक को घूर कर देखने लगी उसने ऋत्विक से कहा यह न जाएं मुझे को बचाने नहीं आया रखकर तो ऐसे ही मारेगा यह सुनते ही ऋत्विक ने अपने होश संभाला और फौरन उस जाल से बाहर भागा भागते भागते उसने अपनी साथ वाली दीवार पर देखा तो से दिखाकर काली परछाई उसके साथ साथ ही दौड़ रही थी जब गेट से बाहर निकला दोस्त ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बस कुछ समय तक उस खाली रोड पर पागलों की तरह भागता रहा
यह कहानी मुंबई में रहने वाली गुप्ता फैमिली किए मिसेज गुप्ता अक्सर काम के चलते घर से दूर रहते थे मिसेज गुप्ता को इसकी आदत थी
पर दो छोटे बच्चे मैं फ्लैट नई जगह अकेले मैनेज करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था छब्बीस
मुंबई में जोरदार बारिश हो रही थी उस रात में गुप्ता ऑफिस के काम से बाहर थे और मिसेज गुप्ता दोनों बच्चों को सुलाकर हॉल में टीवी देखने
रात की कुछ एक बज रहे थे उन्हें लगा कि सोमनाथ नोट थे कुछ मस्ती कर रहा है गुस्से में बोले शुभम थे तो सोया नहीं अभी तक परिभाषा नहीं बल्कि एक अट्ठारह उन्नीस साल का है अजीब सा दिखने वाला लड़का मिसेज गुप्ता थोड़ा डर गए कि लड़का छोटे बच्चों की तरह अजीब अजीब हरकतें कर रहा है जैसे ही वो
उल्टा सीधा बच्चों के कमरे में चला सिटी सेंटर गई और पर उतरेंगे नहीं फिर जैसे ही उन्होंने बच्चों के कमरे की अलमारी लड़का आते हैं मिसेज गुप्ता ने तुरंत अपने फोन किया लेकिन फोन में में और कोई दवा से को जोर ज़ोर से टीसी गुप्ता ने
बाजार खुले पैसे एक थोड़ी सी और हाथ में फावड़ा लिए बच्चों के कमरे की तरफ बड़ी मिसेज गुप्ता भी उसके पीछे पीछे अंदर बातें रुक जाओ
कौन हो तो क्या चाहिए तुम को रुक जाओ
उस औरत के अंदर घुसते ही दरवाजा बेहद जोर से बंद हुआ मिसेज गुप्ता ने जैसे ही दरवाजा खोला उन्होंने देखा की बालकनी में औरत उसी लड़के के साथ रेलिंग पर खड़ी है उस औरत ने मिसेज गुप्ता को मोड़कर मिसेज गुप्ता को कुछ समझ नहीं आ रहा था उन्होंने तुरंत अपने दोनों बच्चों को वहां से उठाया गाड़ी की चाबी ली और अपने फैमिली फ्रेंड के घर चली पता करने पर मालूम कि उस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के समय छब्बीस जुलाई दो हज़ार पाँच को एक औरत और उसका मानसिक रूप से हमारे एक लड़का पच्चीस पर माले से नीचे गिरकर मर गए थे
फ्लैट आज तक खाली पड़ा है और कोई इस घटना को सुनकर बाहर नहीं रहना चाहता
कहानी नाइंटीज के दशक की है जब नवी मुंबई का इलाका पहाड़ी हुआ करता था और वहां कुछ ही लोग रहा करते थे किशन नाम का एक नौजवान अपने गांव से नौकरी की तलाश में नया नया मुंबई शहर आया था किशन नवी मुंबई में अपने मामा के घर रह रहा था उसके मामा एक ड्राइवर थे और वो एक बड़े अफसर के लिए काम करते थे जिसकी वजह से बॉक्सर शहर से दूर ही ड्यूटी करते थे और वह दिनों दिनों तक घर नहीं आते थे किशन भी रोज दो घंटे ट्रैवेल करके नौकरी की तलाश में मुंबई की तरफ निकल जाता था और शाम को घर लौटता था लेकिन शाम को वह इलाका एकदम सुनसान हो जाता था
एक दिन जब किशन ने अपने मामा से पूछा कि वहां के लोग शाम को घर से बाहर क्यों नहीं निकलते तो उसके मामा ने उसे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी सुनाई उन्होंने कहा कि वहां के लोग यह मानते हैं कि नवी मुंबई और मुंबई की गलियों में एक चुड़ैल घूमती है जिसके तीन फायर है लोग उसे तीन बूंदी वाली चुड़ैल बुलाते हैं
वो रात में निकलती है और जब लोग सो जाते हैं तो वो उनके घर जाकर उन्हें अपने वश में कर लेती है वो उनके अंदर की शक्ति ही खाती है
और उन्हें बेहोशी की हालत में है वहां से चली जाती है कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि वो तीन मुंडी वाली चुड़ैल एक डायन है और लोगों की शक्ति क्षीण छीनकर व अपने आप को अमर बना रही है छोटे बच्चों से लेकर घर के बड़े बूढों तक सभी लोग उससे इस कदर डरते हैं कि शाम होते ही वह अपने अपने घरों के दरवाजे अंदर से कसकर बंद कर लेते हैं यह सुनकर किसी ने अपने मामा से पूछा कि क्या वो भी ऐसा मानते हैं तो उसके मामा ने कहा कि पहले वह यह सब नहीं मानते थे लेकिन हाल फिलहाल में उस इलाके में कई लोग अपने ही घर के बाहर सुभाष सुधा बेहोश मिले हैं और जब उन्हें होश आया तो उन्होने सबको बताया कि पिछली रात उन्होंने उस तीन मुंडी वाली चुड़ैल को देखा था इतना ही नहीं वहां के लोकल अखबारों में भी उस चुड़ैल के बारे में खबरें छपने लगी है किसान को यह कहानी बड़ी रोमांचक लगी लेकिन उसे उस पर विश्वास नहीं हुआ और वह सोने चला गया कुछ ही दिनों में किशन की नौकरी लग गई और एक रात वह अपने काम के चलते बड़ी देरी से घर पहुंचा रात के करीब एक बज रहे थे और उसके मामा भी अपनी ड्यूटी के सिलसिले में बाहर थे किशन बहुत थक गया था तो उस रात वह बिस्तर पर लेटते ही सो गया लेकिन कुछ ही पलों में उसके घर की डोरबेल बजी डोर बेल की आवाज सुनकर किशन थोड़ा घबरा गया क्योंकि इतनी रात कभी कोई नहीं आता था उसने दरवाजा खोला तो उसके सामने उसके मामा खड़े थे लेकिन वो बहुत अजीब से देख रहे हो दरवाजे पर खड़े किशन को घूरे जा रहे थे किशन ने उन्हें अंदर बुलाया और उनके लिए पानी लेने किचन में गया रात के दो बज चुके थे किशन जैसे ही किचन से वापस भाषा से पानी है जहां उसके मामा खड़े हैं उसके सामने एक जिसमें उसके मामा की जगह उसे वो तीन सेर वाली चुड़ैल खड़ी देख रही थी
किशन उसे देखते ही घबरा गया और उसने बेडरूम में जाकर अपना दरवाजा अंदर से बंद कर लिया कुछ ही देर में किशन के दरवाजे पर जोरों से धर्म धर्म शुरू हो गई किशन के पसीने छूट गए लेकिन उसमें डर के मारे दरवाजा नहीं खोला कुछ देर बाद जब हमदम बंद हुई तो उसने हिम्मत करके दरवाजा खोला घर में उसे पूर्ण नहीं रहा था लेकिन तभी उसे किसी लड़की की आवाज आई बुद्ध डरते डरते हैं पीछे मुड़ा बुद्धिहीन मुन्नी वाली चुड़ैल उसके सामने खड़ी थी तो किसान को देखकर बहुत जोर से हंसने लगी किशन ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन तब तक दीवाली चुड़ैल चंगुल में फंस चुका था
सुबह जब उसके मामा वापस आए तो उन्होंने देखा कि किशन बेहोशी की हालत में है और उसका पूरा बदन नीला पड़ा है कुछ समय बाद जब किशन को होश आया तो उसने अपने मामा को पिछली रात के बारे में बताया उसने कहा कि कल रात उस तीन मुंडी वाली चुड़ैल ने उस पर हमला किया और उसे ऐसा लगा कि जैसे उस चुड़ैल ने उसकी सारी जान ही निकाल ली हो
एशियन उस रात के बाद मुंबई छोड़कर वापस अपने गांव चला गया और वो तीन मुंडी वाली चुड़ैल भी समय के साथ एक कहानी बनकर रह गई लेकिन किशन जैसे कई लोग आज तक कभी भी उस तीन मुंडी वाली चुड़ैल के खौफ को भूल नहीं पाए हैं क्या आपने भी तीन मुंडी वाली चुड़ैल के बारे में सुना है ग्रांड पराधीनता वर्ष सपनों का शहर मुंबई जहां लाखों की तादात में लोग पैसा कमाने और फेमस होने आते हैं और इसी वजह से यहां अक्सर रहने की जगह के लिए बहुत मारामारी देखी जाती है मगर इसी शहर में एक घर ऐसा भी है जहां रहने के लिए अगर कोई पैसे भी देगा तो शायद वहां कोई नहीं रहना चाहेगा
ऐसा फ्लाइट जिसमें रहने से आपके सर पर मौत मंडराए तो क्या होगा हम बात कर रहे हैं मुंबई के ग्रांट पराधीनता वर्ष की जो कि इंडिया की सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक मानी जाती है नाइनटीन सेवेंटी फाइव में बने या अपार्टमेंट वर्ष यूं तो बहुत लग्जरी और सुंदर है मगर इनसे जुड़ी कहानियां उतनी ही खौफनाक हैं सत्ताईस साल की नेहा अपने पूरे परिवार को पुणे में ही छोड़कर दो महीने पहले अपनी दोस्त मंडी के फ्लैट पर रहने आई थी
मान भी ग्रैंड पराधीनता वर्ष की पहली बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर के फ्लैट में रहती थी नेहा का हाल ही में डिवोर्स हुआ था जिसके चलते वो बहुत परेशान रहने लगी थी उसका वेल स्टैब्लिश बिजनेस भी लॉस में जाने लगा था और तब उसने डिसाइड किया कि वो मुंबई में आकर थोड़ा वक्त अपने दोस्तों के साथ गुजारे की भी एक रेडियो जॉकी थी और उसकी रात की शिफ्ट होती थी
इसलिए ने यहां रात में अक्सर अकेले ही उस फ्लैट में होती थी एक रात करीब साढ़े बारह बजे के आसपास ने यहां अपनी बिल्डिंग से बाहर एक सिगरेट पीने निकला जब उसकी नजर अचानक टावर्स की तीसरी बिल्डिंग के फ्लोर पर खड़े उसने देखा कि बहुत ही सुंदर सी और उस फ्लोर की बालकनी पर खड़ी थी पहले तो वह एकटक लगाए बालकनी से नीचे देखी जा रही थी
फिर जब उसे फील हुआ कि नेहा उसे देख रही है तो वो नेहा को देखने लगी नेहा वहीं रुक गई और अपनी नजरें चुराने लगे लेकिन वो औरत अब यहां को देखे जा रही थी निहारने नजर उठाकर दोबारा उस औरत की तरफ देखा को इस बार उसे कुछ अजीब सा फील होने लगा उसका मन मानो बिल्कुल भारी सा हो गया था उस औरत की तरफ देखते हुए अचानक नेहा की आंखों से आंसू आने लगे उसने आंसू पोछने के लिए अपनी आंखे मलिंगा और जब दुबारा उसने इस रोड की तरफ देखा तो वहां कोई नहीं खड़ा था ये सिलसिला अब रोज होने लगा यहां रोज रात को उसी फ्लैट की बालकनी के बाहर खड़ी हो जाती है और वहां एक तक लगाए देखती रहती के साथ उसकी आँखों से आँसू बहते रहे नेहा की तबीयत भी अचानक से खराब रहने शुरू हो गई उसका पूरा शरीर सूखता जा रहा था और चेहरा बिल्कुल नीला पड़ने लगा था एक दिन मम्मी ने डिसाइड किया कि वह कुछ दिन काम से छुट्टी लेकर नेहा के साथ टाइम स्पेंड करेगी मानवी नेहा को मुंबई की सारी फेमस जगाएं दिखाने लगी मगर नेहा का बिहेवियर पूरा वक्त बहुत अजीब था गुनाह तो कुछ बोल रही थी और न ही कोई रिएक्शन दे रही थी रात होते होते मानवी उसे पार्टी कराने एक क्लब में ले गए मगर नेहा को अचानक कुछ ऐसा हुआ कि भी घबरा उठी नेहा को अचानक से एक सीजर आने लगा नेहा को ऐसे दौरे पर रहे थे कि उसका पूरा शरीर कांप उठा था और फिर वह अचानक से जमीन पर गिर पड़ी इसी तरह मानवी ने नेहा के मुंह पर पानी की छींटे मारें तब जाकर निहाँ नॉर्मल हुई उसके बाद दोनों वापस प्लाट पर लौट गए और फ्रेश होकर सोने चले गए मानवी ने यह तय कर लिया था कि वो अब अगली ही सुबह नेहा कोई थेरेपिस्ट के पास ले जाएगी लेकिन उस दिन देर रात में नींद से उठी और सीधा अपने फ्लैट से बाहर चली गई चलते हुए ने यहां ग्रैंड पर आदि दावत की तीसरी बिल्डिंग के नीचे जाकर खड़ी हो गई और एक्सप्लोर की तरफ देखने लगे
देखते ही देखते में हाउस बिल्डिंग के अंदर चली गई नामी स्कूल में इस पर के पांव धीमी अपना ने
वो लिफ्ट में घुसी और एक फ्लोर पर पहुंच गई
उस फ्लोर पर सब कचरा बिखरा पड़ा था
जैसे वहाँ कई सालों से कोई न रहा हो
नेहा दरवाजे के सामने जाकर रुक गई
और वो उस पर लगे ताले को देख ही रही थी
कि अचानक से उस अपार्टमेंट का दरवाजा अपने आप खुल गया हैरानी से वहीं खड़ी थी
उस अपार्टमेंट में से बहुत सर्दी बदबू आ रही थी तभी नेहा को एक औरत ने आवाज लगाई उसमें सर उठाकर सामने देखा तो वहां वही औरत थी जिससे वो रोज देखा और उस फ्लैट की बालकनी में खड़ी थी उस औरत ने हंसकर नेहा को अपने पास आने का इशारा किया ने हां यह देखकर उस फ्लैट के अंदर चली गई वह बालकनी तक जारी रही थी कि अचानक वो औरत वहां से गायब हो गई यह देखकर नेहा घबरा गई और सीधा दरवाजे की तरफ वापस भागे लेकिन वो दरवाजा लॉक था
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