Mom Dad Ki Anniversary Horror Stories in Hindi |

Mom Dad Ki Anniversary | सच्ची कहानी | Horror Stories in Hindi |
मॉम डैड की एनिवर्सरी पास आ रही थी
पर इस बार मेरे पास उन लोगों के लिए एक सरप्राइज था मॉम डैड हमेशा हमारे स्पेशल देश को और स्पेशल बनाने के लिए न जाने कितनी मेहनत करते हैं ब्रिस्टल मैंने उनके स्पेशल डे को थोडा और स्पेशल बनाने के लिए कुछ सोचा था
उनकी एनिवर्सरी वीकएंड पर थी और मॉम और डैड को पहाड़ों में ट्रैवल करने का बहुत शौक था
तो दरअसल प्लैन यह था कि हमारी डेस्टिनेशन सिर्फ मुझे और मेरे छोटे भाई मिंटू को पता थी
मम्मी पापा के लिए यह सब कुछ एक सरप्राइज प्राइस था ने सुबह मैं मम्मी पापा और मिंटू को लेकर फैमिली ट्रिप पर निकल गया मैंने अपने मोबाइल लोकेशन डाली हुई थी और पापा ड्राइव कर रहे थे मैं उन्हें रिश्ता बढाता जाता पापा उस रस्ते पर गाड़ी चलाते जाते हैं मॉम और डैड ने बहुत ट्राई किया और मैंने अपनी लोकेशन रिवील नहीं की करीबन छः घंटे की ड्राइव के बाद हम पहाड़ों में आ गए थे हम सब अपने फेवरेट चलाकर गाड़ी में इंजॉय करते हुए जा रहे थे
कि तभी हमारे सामने एक चैनल क्रॉसिंग आई और जैसे ही हमारी गाड़ी उस टनल के नजदीक पहुंची कुछ ऐसा हुआ जिससे हम सबके दिल दहल गए पहाड़ के ऊपर से बड़े बड़े पत्थर हमारी गाड़ी के ठीक सामने आकर गिरे पापा ने जोरों से ब्रेक लगाई हम लोगों के साथ उस दिन बहुत बुरा हादसा हो सकता था पर हमारी जान बाल बाल बची थी उस इंसिडेंट के बाद पूरा प्लान खराब हो गया था हम सब बस घर जाना चाहते थे पापा ने कुछ देर के लिए गाड़ी साइड में लगाई और फिर जुटे लेकर वापस दिल्ली की तरफ जाने लगे उसी रोड पर वापस जाते हुए मुझे एक साइन दिखा
थैली तू इतनी किलोमीटर फिर कुछ पंद्रह मिनिट बाद मुझे वह साइन फिर से दिखाई दिया डेली टूटी किलोमीटर मुझे लगा कि शायद मुझे पढने में गलती हुई है पर फिर कुछ देर बाद मुझे वह साइन फिर से तीसरी बार दिखा डेली तू एक किलोमीटर
हम रास्ते पर चले जा रहे थे लेकिन डेली वाले साइन पर किलोमीटर से कम ही नहीं हो रहे थे
मैंने पापा से गाड़ी रोकने को कहा मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की पर किसी को मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था सबका मूड ऑलरेडी बहुत खराब था इसलिए पापा ने मुझे चुप कराया और गाड़ी चलाना शुरू कर दिया कुछ ही दूर जाने के बाद हमें दिखा कि रोड पर एक बहुत ही बुरी सी औरत बैठी हुई कीनू बेच रही थी मिंटू को कीनू खाना बहुत पसंद था इसलिए हमने रुक कर उस औरत से थोड़े बहुत कीनू खरीद ली और गाड़ी में आकर बैठ गए पापा गाड़ी चला रहे थे पर कुछ ही देर में कुछ ऐसा हुआ जिससे सबके होश उड़ गए
हमें वही कीनू बेचती औरत फिर से दिखाई हमें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह मुमकिन कैसे था हम लोग एक सीधी रोड पर चल रहे थे
तो फिर दुबारा हमें वरद कैसे दिख सकती थी
तभी मैंने अपने फोन पर मैं से किए तो मैप्स के अकॉर्डिंग हमारी गाड़ी एक ही जगह पर खड़ी थी
हमें लगा कि शायद उस रोड पर नेटवर्क का इश्यू है लेकिन हम सब को बेहद अजीब लग रहा था
पापा ने गाड़ी रोकी और उतर कर इधर उधर देखने लगे तभी अचानक हमारी गाड़ी के शीशे पर एक आदमी ने जोरों से घटकर कि हम डर गए
पर मैंने गाड़ी की विंडो खोलकर उस आदमी से पूछा कि वह कौन है उस आदमी ने मुस्कुराकर मुझसे कहा आपलोग दिल्ली जा रहे हैं यह रास्ता तो पहाड़ी गांव जाता है अब यूटर्न ले लीजिए
इतना कहकर वो आदमी वहां से चला गया पापा ने वैसा ही किया जैसा उस आदमी ने कहा पर फिर पंद्रह मिनिट के बाद हम लोग उसी जगह पर वापस आ गए पापा ने परेशान होकर गाड़ी अब सबकी हालत बहुत खराब हो गई थी और तभी फिर से किसी ने हमारी गाड़ी के शीशे को बजाय
हमारे रोंगटे खड़े हो गए जब हमने देखा कि गाड़ी के बाहर फिर से वही आदमी था जिसने हमें अभी कुछ देर पहले ही रस्ता बताया था पापा गुस्से में गाड़ी से बाहर निकलें उस आदमी ने फिर से मुस्कुराकर वहीं कहा आपलोग दिल्ली जा रहे हैं
गिरा तो पहाड़ी गांव की तरफ जाता है
अब यूटर्न ले लीजिए मेरे पापा को गुस्सा आ रहा था लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कर पाते वो आदमी पापा की आंखों के सामने से गायब हो गया पापा और हम सबकी आंखें फटी की फटी रह गई वह दौड़कर गाड़ी में वापस आए और तेज स्पीड से गाड़ी को थोड़ा आगे ले गए हम जिस भी डायरेक्शन में जा रहे थे घूमकर वहीं वापस आ रहे थे हमें समझ नहीं आ रहा था कि हम इस चक्रव्यूह से कैसे बाहर निकलें हमें अभी भी बुरी औरत बार बार देख रही थी पापा ने हिम्मत करके उस बूढ़ी औरत के पास गाड़ी लगाई और गाड़ी से उतरकर उस रस्ते के बारे में उस बूढ़ी औरत से पूछने चले गए हम सब भी पापा के पीछे पीछे चल दिए पापा ने जैसे ही उस औरत से बात करने की कोशिश की वो औरत जो पहले हमें हंस हंसकर कीनू बेच रही थी अब बिल्कुल चुप होकर नीचे देख रही थी पापा ने उसे कई बार पुकारा पर उसने कोई जवाब नहीं दिया तभी पापा ने उस औरत के कंधे पर हाथ रखा और अचानक उस औरत ने झटके से पापा की तरफ देखा उसके बाद जो हमने देखा वह हम आज तक नहीं भूल पाए हैं उस औरत का आधा जबड़ा गायब था
और उसके बचे हुए मुंह से खून टपक रहा था पापा ने चीखते हुए हमें गाड़ी के अंदर बैठने को कहा और तेजी से गाड़ी भगा उस औरत को देखकर बाबा की हालत इतनी खराब हो गई थी कि कुछ ही दूर जाते ही पापा से गाड़ी का कंट्रोल छूट गया था हमारी गाड़ी एक पेड़ से जाकर टकरा गई मेरी आँख खुली तो हम सभी गाड़ी के अंदर ही बैठे थे और हमारी गाड़ी उसी टनल के सामने खड़ी थी जहां पर बड़े बड़े पत्थर गिरे हुए थे
पर अब उस टनल के सामने कुछ भी नहीं था
न तो हमें और न ही हमारी गाड़ी को एक खरोच तक आई थी हम सब को लगने लगा था कि शायद हमारे साथ जो कुछ भी हुआ है वो रियालिटी नहीं थी पर तभी मॉम ने देखा कि उनकी सीट के पास सड़े गले किरणों से भरी एक थैली पड़ी थी हमने तुरंत उनकी इन्हों को गाड़ी से बाहर फेंका और किसी तरह दिल्ली की तरफ निकल गए हम सही सलामत वापस घर तो पहुंच गए लेकिन उस दिन कदर आज भी हम सबके जहन में बसा है हमारे साथ जो कुछ भी हुआ वह क्या था और क्यों हुआ हमें आज तक समझ नहीं आया पर हम बस खुश किस्मत हैं कि हम सही सलामत घर वापस आ गए मम्मी पापा शायद अपनी इस एनिवर्सरी को कभी नहीं भूल पाएंगे
और न ही मुझे और मिंटू को कभी भूले नहीं हैं
Thanks for Reading ❣️