Maut Dot Com - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी |

Maut Dot Com - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी |
मौत डॉट कॉम
रंजीत को साथ यह पता नहीं था कि वो एक वेबसाइट उसकी जिंदगी हमेशा के लिए तबाह कर देगी रंजीत जो छब्बीस साल का था गवर्नमेंट के साइबर सेल में काम करता था और वो ग्रीवांस रिड्रेसल डिपार्टमेंट का सबसे होनहार एम्प्लोयी था हर रात की तरह वह उस रात भी बैठा हुआ लोगों की कंप्लेंट से कर रहा था जब एकदम से एक के बाद एक देश के अलग अलग सोच से उसके सिस्टम पर कंप्लीट जाने लगी जब उसने कंप्लेंट खोलकर देखी तो सारी की सारी कंप्लेन एक साइट को लेकर थी जिसका नाम था मौत डॉट कॉम और सारी कंप्लेन में यही लिखा था कि साइट ने हमें काफी नुकसान पहुंचाया है रणजीत सिंह स्पैम साइट्स और कंप्लेन का आदी था तो उसने उसे इग्नोर कर सीधे कंप्लेंट पर फोकस करना शुरू कर दिया व अपना काम करता गया और कुछ दिनों में उस साइट को लेकर कंप्लेन भी आना बंद हो गई लेकिन फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसने रंजीत की जिंदगी बदल दी कुछ दिनों से काम खत्म करते करते रात के ग्यारह बज गए थे जैसे ही अपना सिस्टम बंद करने वाला था
कि तभी फिर से बहुत सारे मेल से एकदम से आने लगे हैं जिनमें उसी वेबसाइट के बारे में लिखा था रंजीत परेशान होकर उस वेबसाइट मौत डॉट कॉम को इंस्पेक्टर करना शुरू कर दिया
मौत डॉट कॉम खोलते ही एक सफेद कलर की वेब पेज ने उसके कंप्यूटर की पूरी स्क्रीन को घेर लिया रंजीत ने देखा कि उस सफेद वेब पेज पर एक टाइमर था जिस पर दो दिन बाद की एक डेट लिखी हुई थी और जिसके नीचे लिखा था आपकी मौत का दिन मतलब वेबसाइट रणजीत सिंह कह रही थी क्यू उसकी मौत दो दिन में हो जाएगी
रंजीत को लगा कि यह किसी कॉलेज के बच्चे की शरारत है और उसने उस वेबसाइट को हमेशा के लिए बंद कर दिया और फिर वो अपना कंप्यूटर स्विच ऑफ करके अपने घर के लिए निकल गया
घर पहुंचते पहुंचते बोस वेबसाइट के बारे में बिल्कुल भूल ही गया था उस रात सोने से पहले रंजीत को भूख लगी तो वो सैंडविच बनाने के लिए किचन में चला गया ब्रेड बटर लगाने के बाद को टमाटर काटकर उसमें डालने लगा वह चाकू से टमाटर काट रहा था कि तभी पता नहीं एकदम से उसे ऐसा लगा कि जैसे उसके हाथ पर उसका कंट्रोल ही नहीं है और उसने चाकू से टमाटर की जगह खुद की उंगली काट ली दर्द के मारे रंजीत के हादसे को चाकू छूटकर नीचे गिर गया उसने फटाफट अपनी उंगली पर पट्टी लगाई और पेन किलर खाकर सो गया हालांकि हल्की फुल्की चाकू से चोटों से पहले भी लगी थी पर ऐसे अपने हाथ का कंट्रोल एकदम से खोना जो उसके साथ पहली बार हो रहा था अगली सुबह वह अपने फोन पर ढेर सारी पॉप अप नोटिफिकेशन की आवाजों से उठा उसने जब अपना फोन चेक किया तो उस पर बहुत सारे अंधेरे में थे उसने जैसे ही उनमें से जिसको देखने के लिए अपना फोन अनलॉक किया तो उसकी मोबाइल स्क्रीन बाइट हो गई और उस पर लिखा था आपकी मौत में अब एक दिन बाकी है उसने ध्यान से देखा तो उसके मोबाइल ब्राउजर में मौत डॉटकॉम खुली हुई थी यह देखकर उसे बहुत अजीब लगा क्योंकि आज तक उसने जो भी साइट रिमूव करीब थी
वो कभी ऐसे वापस नहीं आई थी उसने उस वेबसाइट को अपने फोन पर बंद करने की कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ उसका फोन तब तक ही रहा जब तक उसने फोन को रीस्टार्ट नहीं कर लिया तुम्हारा मोबाइल खोलने पर सब नॉर्मल था और मौत डॉट कॉम की वेबसाइट भी अब खुल नहीं रही और उसने फिर भी सोचा कि वह ऑफिस जाकर इसके बारे में अच्छे से जांच करेगा उस दिन जब ऑफिस पहुंचा तो उसने देखा कि उसका पूरा सिस्टम करप्ट हो चुका था
अब और कन्फ्यूज हो गया था और बस यह समझने की कोशिश कर रहा था कि जो कुछ भी उसके साथ भी हो रहा है वह सब सच था कि नहीं यही सोचता सोचता हूँ बाहर चाय की टपरी पर जाकर चाय पीने लगा कुछ देर बाद उसके ऑफिस से उसे अर्जेंट कॉल आया और वह ऑफिस वापिस जाने लगा और उसी बीच रास्ते में उसे याद आया कि वह अपना वॉलेट चाय की टपरी पर ही भूल गया था बोस चाय की टपरी से अपना वॉलेट लेने वापिसी जा रहा था कि तभी उसके फोन पर एक और नोटिफिकेशन आएगा
उसने अपना फोन खोला तो देखा कि उसे एक और मैसेज आया था जिसमें मौत डॉट कॉम का लिंग था यह देख कर वह इतना गुस्सा हुआ कि उसने अपने फोन को जमीन पर दे मारा तभी उसके सर के ऊपर लगा एलईडी बिलबोर्ड काले से सफेद हो गया और उस पर लिखाया आपकी मौत में सब कुछ घंटे बाकी हैं इससे पहले रंजीत कुछ कर पाता वो बिलबोर्ड अचानक से उसी के ऊपर गिर गया रंजीत की आँखें खुली तो वह अस्पताल में था और उसके पूरे शरीर पर पत्तियां लगी थी सुबह का वक्त था मतलब पिछला दिन बीत चुका था और अब दूसरा दिन शुरू हो गया था रंजीत के होश में आते ही उसकी पत्नी वीणा उठकर डॉक्टर को बुलाने के लिए भागे तभी रंजीत ने बिना के पीछे पड़ी हार्ट रेट मेजर करने वाली मशीन की ओर देखा तो वो एकदम से बंद पड़ गई लेकिन फिर वह वापस ऑन हुई और उस पर भी एक वाइडस्क्रीन थी जिस पर वही टाइमर था और जिस पर लिखा था आप की मौत का दिन आ गया है रंजीत में जोर से चिल्लाने की कोशिश की और उसकी हालत के कारण उसके मुँह से आवाज ही नहीं निकला उसके देखते देखते ही आसमान जो एकदम शांत था बहुत जोरों से बरसने लगा और तेज आंधी चलने लगी वॉन ही इतनी तेज हो गई की खिड़की के बाहर के पेड़ की एक बहुत मोटी गांड टूटकर खिड़की तोड़ते हुए अंदर आई और सीधा रंजीत के शरीर के अंदर घुस गई की वजह से उसकी वहीं मौत हो गई खिड़की टूटने के शोर से पीना और बाकी डॉक्टर्स जब वहां आए तो रंजीत की लाश उस हालत में देखकर सब के पसीने छूट गए तभी वीणा के फोन पर एक के बाद एक नोटिफिकेशन जाने लगी बीना जो उस वक्त सदमे में थी उसने उन मैसेज को इग्नोर कर दिया रंजीत के अंतिम संस्कार के बाद एक दिन वो बैठी रंजीत का मोबाइल देख रही थी तो उसने देखा कि रंजीत के फोन में उस दिन के बहुत से मैसेज पड़े हैं और सभी में में एक ही वेबसाइट का लिंक था मौत डॉट कॉम वहीं वेबसाइट जिसे रंजीत कभी बंद नहीं कर सका लेकिन कुछ टाइम के बाद वेबसाइट हमेशा के लिए बंद हो गई पर क्या था उस वेबसाइट में और कौन उस वेबसाइट को चला रहा था यह कभी किसी को पता नहीं लग पाया क्या आप उस वेबसाइट को कभी खोलना पसंद करेंगे
Thanks for Reading ❣️