Malini Bajpayi Murder Case | आख़िर क्या हुआ Lucknow के बंगला नंबर 1 में?
2020 में जब देशभर में कोरोना ने पैर पसारना शुरू किया था
तभी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीवीआईपी इलाके में एक ऐसी घटना घटी थी जिसने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक तहलका मचा दिया था
मामला डबल मर्डर का था
और यह मर्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस से महज चंद कदम की दूरी पर स्थित रेलवे के एक बड़े अधिकारी के बंगले में हुआ था
मामला इतना वीआईपी था कि महज तीन से चार घंटे के अंदर ही पुलिस ने केस को सॉल्व कर लिया था इसके बावजूद केस मिस्टीरियस ही रह गया और आगे यह केस बाप बेटी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर देने की हद तक पहुँच गया
तो आखिर क्या है इस केस की पूरी कहानी हत्या किसकी हुई थी हत्या किसने की थी और कि इस केस में क्या कुछ हुआ चलिए जानते हैं सब कुछ सिलसिलेवार तरीके से इस वीडियो में आगे इस केस में बाप बेटी के बारे में जो बातें सामने आई थी उसे सुनकर यकीनन आप शॉक्ड रह जाएंगे
उससे पहले अगर आपने अब तक क्राइम की कहानी चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो जल्दी से चैनल को सब्सक्राइब कर बेल आइकन जरूर दबा लीजिए
दोस्तों जैसा कि हमने बताया यह कहानी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके गौतम पल्ली पुलिस स्टेशन के विवेकानंद मार्ग स्थित बंगला नंबर नौ की है
अगस्त दो हज़ार बीस में यह बंगला रेलवे के बड़े अधिकारी आईडी बाजपेयी के परिवार का आशियाना हुआ करता था
उन्नीस सौ अट्ठानवे बैच के रेलवे अधिकारी आईडी वाजपेयी का कुछ समय पहले ही लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था
दिल्ली में फिलहाल आईडी वाजपेयी रेलवे बोर्ड के स्पोक्सपर्सन के पद पर कार्यरत थे
तब देश के रेल मंत्री थे पीयूष गोयल ड्यूटी के चक्कर में आईडी बाजपेयी उनतीस अगस्त दो हज़ार बीस को दिल्ली में थे
जबकि उनकी पत्नी मालिनी तख्त बाजपेयी बेटा सर्व तहत बाजपेयी और एक पंद्रह साल की बेटी लखनऊ के इसी बंगले में रह रहे थे
बेटी फिलहाल लोरेटो हाई स्कूल में नाइंथ क्लास में थी
और वे प्रोफेशनल शूटिंग की प्लेयर भी थी इसने बहुत कम उम्र में ही कई बड़े शूटिंग टूर्नामेंट जीते थे
बेटा गोमतीनगर संस्कृति यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहा था
क्योंकि घटना के समय लड़की नाबालिग थी इसलिए कहीं भी हम आईडी वाजपेयी की बेटी का नाम नहीं ले रहे हैं
है उनतीस अगस्त को आईडी वाजपेयी का जन्मदिन था मगर काम की वजह से बाजपेयी लखनऊ में परिवार के साथ नहीं थे इसलिए बाजपेयी की पत्नी और बेटा फैसला करते हैं कि उनका बर्थडे घर पर ही मनाएंगे और बाजपेयी शाम में उस प्रोग्राम में वीडियो कॉल के माध्यम से शामिल होंगे
सब कुछ पलायन करने के बाद दोपहर के समय मालिनी और सर्व तहत कमरे में आराम करने के लिए चले जाते हैं जबकि उनकी बेटी भी अपने कमरे में चली जाती है
अभी दोपहर लगभग तीन बज रहे थे
वाजपेयी के सास ससुर यानी मालिनी के माता पिता मालिनी के सरकारी बंगले से लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर गोमतीनगर इलाके में रहते थे लगभग तीन बजे शाम में आईडी बाजपेयी की बेटी घबराई आवाज में अपनी नानी को फोन करती है और उनसे कहती है कि मैं में भाई और मां को उठाने की कोशिश कर रही हूं मगर
मगर वह उठ नहीं रहे हैं
उनकी हालत उनकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही है जितनी जल्दी हो आप अब एंबुलेंस लेकर यहां आज जाओ
इतना कहने के बाद वह लड़की फोन पर ही जोर जोर से रोने लगती है
लड़की के रोने की आवाज सुनकर मालिनी की मां घबरा जाती है वह तुरंत इस बात की जानकारी अपने पति को देती है और फिर दोनों बस कुछ मिनट के अंदर ही भागते हुए आईडी वाजपेयी के बंगले पर पहुँच जाते हैं
नाना नानी और परिवार के दूसरे सदस्यों को देखकर लडकी और जोर से चिल्लाने लगती है और उनको एक कमरे की तरफ जाने का इशारा करती है
जब सभी कमरे में जाते हैं तो वहां का नजारा देखकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है
वहां उन्हें नजर आता है कि कमरे में मालिनी और उनका बेटा सिर्फ तहत खून से लहूलुहान स्थिति में पड़ा हुआ था
वहां मौजूद लोग उन्हें जगाने की कोशिश करते हैं मगर दोनों की ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां पर मौजूद लोग जल्द ही इमरजेंसी नंबर एक एक दो पर फोन कर देते हैं
बस चंद मिनट में एंबुलेंस भी बंगले के बाहर पहुंच जाती है इसके अलावा स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी भी मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच जाते हैं
कमरे में ही मेडिकल टीम द्वारा दोनों का परीक्षण किया जाता है और उन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है
दोनों के सिर में गोली लगी थी
इतने वीआईपी इलाके में एक बड़े सरकारी अधिकारी की पत्नी और बेटे की दिनदहाड़े हत्या की खबर से पूरे प्रशासन में हड़कंप मच जाता है इस बात की जानकारी दिल्ली में काम कर रहे आईडी बाजपेयी को भी दी जाती है
क्योंकि बाजपेयी तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल के करीबी अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे इसलिए मामले की जानकारी पीयूष गोयल को भी हो जाती है
तुरंत पीयूष गोयल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी फोन करके मामले की जानकारी देते हैं और उनसे मामले में तुरंत आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध करते हैं
क्योंकि अब इस मामले में दिल्ली और लखनऊ भी इन्वॉल्व हो चुका था इसलिए राज्य के आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचना शुरू हो जाते हैं सबसे पहले डीजीपी एचसी अवस्थी मौके पर पहुंचते हैं और अपनी जांच शुरू कर देते हैं
घटना के समय इस घर में इन तीनों मां बेटे और बेटी के अलावा एक नौकर भी था
पहले शक नौकर पर जाता है कि कहीं नौकर ने तो कुछ गलत नहीं किया है मगर शुरुआती कुछ ही देर की जांच के बाद नौकर शक के दायरे से बाहर हो जाता है
अब पुलिस दूसरे एंगल से जांच करना शुरू कर देती है कि कहीं बाहर से आकर तो किसी ने इन दोनों की हत्या नहीं कर दी मगर जल्द ही पुलिस इस संभावना को भी खारिज कर देती है क्योंकि जांच में कहीं से भी घर के अंदर किसी बाहरी व्यक्ति के आने के संकेत नहीं मिलते हैं अब इस मामले में पुलिस की कोई मदद करे
सकता था तो वह थी घर में मौजूद लडकी
जब पुलिस पहले इस लडकी से पूछताछ शुरू करते हैं
तो वह कुछ भी बताने से इनकार कर देती है और कहती है कि जब पापा आएंगे तभी में उन्हें सब कुछ बताऊंगी
जिस दिन यह घटना घटी थी उस समय तक देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ चुका था और हवाई जहाज का परिचालन भी बंद हो चुका था इसलिए मामले की जानकारी मिलने के बाद आरती वाजपेयी कार से ही दिल्ली से लखनऊ आ रहे थे
बेटी की जिद थी कि पिता के आने पर ही वह सबकुछ बताएगी मगर फिर भी पुलिसवाले संयम और समझदारी से जांच आगे बढ़ाते हैं और लडकी से इस घटना के बारे में कुछ को जानकारी निकालना शुरू कर देते हैं
पूछताछ के दौरान लड़की अजीबोगरीब हरकत करती रहती है और वह घर में भूत प्रेत होने जैसी बातें करती रहती है
इन सब बातों के दौरान पुलिस वाले नोटिस करते हैं कि लड़की लगातार अपने दोनों हाथ को छुपा रही है और वे लगातार दुपट्टे को भी संभाल रही थी कि हाथ पर किसी की नजर न पड़े
लडकी की इस हरकत को देखकर पुलिस वाले उसे हाथ से दुपट्टा हटाने को कहते हैं मगर लड़की ऐसा नहीं करती है फिर पुलिस के कुछ अधिकारी प्यार से समझाते हुए लड़की के हाथ से दुपट्टा हटाते हैं तो वे सभी दंग रह जाते हैं
क्योंकि लडकी के दोनों हाथों पर कम से कम सौ कट के निशान थे और कुछ जख्म तो बिल्कुल ताजा थे
हथेली पर का घाव तो इतना ताजा था कि जैसे मानो हथेली को अभी थोड़ी देर पहले ही काटा गया है हथेली पर बैंडेज बना हुआ था
इसके बारे में जब पुलिस वाले उससे पूछते हैं तो वह कुछ भी क्लियर नहीं बताती है और अजीब हरकत करना शुरू कर देती है
इस बीच जब पुलिस वाले लड़की के कमरे की तलाशी लेते हैं तो कमरे में कुछ अजीब सी भूत प्रेत वाली किताबें मिलती है
बाथरूम के मिरर पर दिस क्वालीफाइड ह्यूमन लिखा हुआ मिलता है और इसके बीचों बीच भी एक गोली दागी हुई मिलती है
गर्मी लडकी का लाइसेंसी पिस्टल भी मिलता है
लड़की प्रोफेशनल शूटिंग प्लेयर थी इसलिए उसे बंदूक का लाइसेंस मिल चुका था
उसी लाइसेंसी बंदूक से तीन गोली फायर की गई थी घटना वाले समय भी घर में तीन ही गोली चलने के सबूत मिलते हैं एक गोली सर्वदा के सिर में मारा गया था दूसरी गोली मालिनी के सिर में मारी गई थी जबकि एक गोली बाथरूम के शीशे पर दिस क्वालिफाइड ह्यूमन लिखकर उसके बीचों बीच
लाया गया था
पुलिस को शुरुआती जांच में ही संकेत मिलने लगते हैं कि ये दोनों हत्याएं किसी और ने नहीं बल्कि इस लड़की ने ही की है फिर भी पुलिस वाले आईडी वाजपेयी के लखनऊ पहुंचने का इंतजार करने लगते हैं जब आईडी वाजपेयी लखनऊ पहुंचते हैं तो उनकी बेटी उनसे लिपटकर रोने लगती है और फिर उनसे कहना शुरू करती है कि
जो कुछ भी हुआ है वे भूत ने किया है इसमें उसकी कोई गलती नहीं है लडकी लगातार इधर उधर की बातें करके पुलिस को लीड करती रहती है
मगर जब पुलिस वाले थोड़ी सी सख्ती दिखाते हैं तो तुरंत लडकी अपनी मां और भाई की हत्या की बात कबूल कर लेती है
साथ ही वह कहती हैं कि घर में भूत है जिसने उसे इन दोनों को मारने के लिए कहा था पूछताछ में लडकी यह भी कहती है कि मैं उस भूत के बारे में पिछले काफी समय से अपनी मां और भाई को बताया करती थी मगर उन लोगों को भूत के होने का यकीन ही नहीं होता था
पूछताछ में खुलासा होता है कि जब मालिनी बाजपेयी अपनी बेटी के साथ आराम करने चली जाती थी तब लगभग तीन बजे के आसपास उनकी बेटी अपनी लाइसेंसी पिस्टल लेकर अपनी मां के कमरे में दाखिल होती है
और बिना किसी को कुछ कहे सीधा फायर अपनी मां के स्तर पर कर देती है
लडकी ऑलरेडी प्रोफेशनल शूटिंग प्लेयर थी इसलिए उसका निशाना बिल्कुल भी नहीं चूकता है और गोली सीधे उसकी मां के सर के बीचों बीच जाकर लगती है जिससे उन्हें उफ़ तक करने का मौका नहीं मिलता है और वह वहीं पर मर जाती है
लड़की का भाई पास में ही आराम कर रहा था मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही लड़की उसके सिर में भी गोली मार देती है और वह भी वहीं पर ढेर हो जाता है
दोनों को गोली मारने के बाद वह पास में ही रखी हुई एक बैकसीट इन दोनों के शरीर पर डाल देती है फिर वह अपनी नानी को फोन करके कहानी बनाना शुरू कर देती है
घटना के लगभग चार घंटों के बाद ही पुलिस वाले खुलासा कर देते हैं कि रेलवे अधिकारी आईडी वाजपेयी की पत्नी और बेटी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनकी नाबालिग बेटी नहीं की है
हालांकि पुलिसवाले साथ में यह भी बताते हैं कि लड़की की स्थिति से पता चलता है कि वह गहरे डिप्रेशन में है और उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है उसने डिप्रेशन की हालत में ही अपनी मां और भाई की हत्या कर दी है
पुलिस यह भी बताती है कि लड़की की दिमागी हालत इतनी ज्यादा खराब है कि पिछले कई दिनों से वे खुद को ही चोटिल कर रही है
पुलिस लड़की के पास से एक ब्लेड और रेसर भी बरामद करती है जिससे वह अपना हाथ काटा करती थी
इस मामले में ट्विस्ट तब आता है जब आईडी वाजपेयी पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज करवाते हैं
वो अपने बयान में अपनी बेटी को अपनी पत्नी और बेटी का कातिल मानने से मना कर देते हैं और वह दावा करते हैं कि उनकी बेटी ने ये हत्याएं नहीं की है बल्कि घर में किसी बाहरी व्यक्ति ने घुसकर ये सब कुछ किया है
इसलिए वह हत्या का आरोप अज्ञात पर लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाते हैं
इस बीच घर में मौजूद दोनों लाश को अपने कब्जे में लेकर पुलिस वाले पोस्टमॉर्टम के लिए भेज देते हैं और फिर पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों का अंतिम संस्कार भी करवा दिया जाता है
लड़की की हालत तब तक इतनी ज्यादा खराब हो जाती है कि वह अपनी मां और भाई के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होती है और वह अपनी नानी के साथ उनके घर पर रहती है
अंतिम संस्कार के बाद पुलिस वाले अपनी जांच आगे बढ़ाते हैं लड़की के बयान तथा सबूतों के आधार पर लडकी को अपनी हिरासत में ले लेते हैं
आगे लड़की को चौदह दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया जाता है पुलिस कस्टडी में सबसे पहले लड़की का मेडिकल एग्जामिनेशन किया जाता है जहां उसे डिप्रेस्ड करार दिया जाता है
फिर लड़की को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाता है यह आईडी वाजपेयी अदालत से रिक्वेस्ट करते हैं कि उनकी बेटी की हालत ठीक नहीं है इसलिए उसे जेल में रखने की बजाय उनके घर में ही कस्टडी में रखा जाए
कोर्ट आईडी वाजपेयी की रिक्वेस्ट को मान लेता है और फिर लड़की को उसके घर में ही कस्टडी में रखा जाता है साथ ही सिविल ड्रेस में पुलिस वाले उसके घर पर तैनात कर दिए जाते हैं
आगे इस मामले में पुलिस बहुत कुछ नहीं कर पाती है क्योंकि लडकी दिमागी तौर पर बीमार पाई जाती है
उसका इलाज साइकेट्रिस्ट द्वारा किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में शुरू होता है
आगे इस केस में लड़की के खिलाफ बहुत कुछ नहीं होता है
जल्द ही उसे अदालत द्वारा बिल भी मिल जाती है और फिर कुछ महीने बाद लड़की अपने पिता के साथ दिल्ली में ही रहने चली जाती है
धीरे धीरे लोग इस केस को भी भुला देते हैं
इसी बीच लगभग एक साल का समय भी भी चाहता है तभी एक बार फिर से आईडी वाजपेयी और उनकी बेटी जबरदस्त तरीके से चर्चा में आते हैं
और इस बार इन दोनों की चर्चा में आने की वजह बहुत ही शर्मनाक और भयानक थी
जिस नाबालिक लड़की पर पागलपन की हालत में अपनी मां और भाई की हत्या का आरोप लगा था वहीं लडकी तेईस नवंबर को अपने पिता आईडी बाजपेयी तथा अपनी बुआ पिंकी तिवारी के खिलाफ अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए शिकायत करती है कि उसके पिता दो हज़ार तेरह से ही उसका शोषण कर रहे हैं
इतना ही नहीं लडकी दावा करती है कि मां और भाई की मृत्यु के बाद जब वह दिल्ली में अपने पिता के साथ रहने गई तो वहां उसकी बुआ ने जबरदस्ती उसे पिता के कमरे में भेजना शुरू कर दिया था
लड़की अपने पिता और बुआ पर इतने गंभीर आरोप लगाती है कि पिता और बुआ के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया ही जाता है इसके अलावा उन पर छेड़खानी और की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है
चूंकि बेटी ने अपने पिता और बुआ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था इसलिए मामला दर्ज होने के बाद ये दोनों आरोपी स्थानीय अदालत में जाकर अरेस्ट स्टे ले लेते हैं यानी पुलिस उन्हें चाह कर भी गिरफ्तार नहीं कर सकती है
अब इस केस की मौजूदा स्थिति की बात करें तो अदालत में साबित हो गया कि लड़की ने डिप्रेशन में आकर ही अपनी मां और भाई की हत्या की थी
इसलिए उसके खिलाफ कोई भी कठोर कार्यवाही नहीं की गई और मामला आज भी अदालतों की फाइलों में पड़ा हुआ है
वहीं लडकी ने जो आरोप अपने पिता और वह पर लगाया था उस मामले में दोनों को आरोपी बनाते हुए पुलिस दो हज़ार बाईस में चार्जशीट फाइल कर देती है फिलहाल यह मामला अभी अदालत में चल रहा है
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