Jinn Horror Story | सच्ची कहानी
ये दुनिया बहुत बड़ी है और इस दुनिया में दिखने वाली हर चीज ऊपर वाले की देन है पर कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो दिखती नहीं है पर ऊपर वाले ने ही बनाई है उन्हीं में से एक मायावी जीव है जिन
जिन हो या जिन्ना इनके बारे में इस्लामिक रिलीजन में काफी बार बात की गई है
बल्कि अलादीन के चिराग से निकलने वाला जीबी या जिनके बारे में शायद ही कोई होगा जो नहीं जानता होगा ऐसा माना जाता है कि जिन भी इंसानों जैसे ही होते हैं
मगर ये अपनी अलग दुनिया में रहते हैं
कभी कभी हमारी दुनिया में इंटर भी कर जाते हैं आज की कहानी तेईस साल के इमरान के बारे में इमरान दो साल पहले ही अपना गांव छोड़कर अकेले दिल्ली में रहने आया था जहां वो एक कॉल सेंटर में जॉब करता था
पर अपनी कमाई का ज्यादातर पैसा घर भेज देता था एक शाम इमरान ऑफिस से जल्दी फ्री हो गया तो उसने सोचा कि वह पास वाले बाजार जाकर घर के लिए कुछ सामान खरीद लेगा वह अपने घर के लिए एक शोपीस हो रहा था असल में इमरान की अम्मी अक्सर घर में शोपीस रखने की बात किया करती थी
और वह हर समय अपने सरपंच के घर में रखे एक नीले वर्ष के बाद ईद आने वाली और इमरान इस ईद पर अपनी अम्मी को खुश करना चाहता था वो उसी नीले पास साथ एक पास अपनी अम्मी की आदि के रूप में है
काफी देर तक बाजार में होने के बाद भी इमरान को वैसा कुछ नहीं मिल रहा था वो थक हार कर मार्केट से निकल ही रहा था तभी उसकी नजर एक पुरानी सी दुकान पर थे
वह दुकान देखने में वर्षों पुरानी लग रही थी
पुरुष दुकान में एक नीला वास पड़ा था ठीक वैसा ही जैसा इमरान की अम्मी बताया करती थी
इमरान की खुशी का ठिकाना नहीं था
वो जल्दी से उस दुकान में गया और दुकान में घुसते ही उसने वो वास उठा लिया और दुकानदार से पूछा क्यों वास कितने का है उस बुरे दुकानदार ने जवाब दिया पैसो में इसकी कीमत शायद गर्म हो पर इस की असली कीमत चुकाने में शायद तुम कर असरदार होता
इमरान को दुकानदार की बात कुछ समझ नहीं आई और वह बहुत थक चुका था और उसे बस अब अपने घर जाना था इमरान ने उस दुकानदार को हजार रुपए पकड़ाए और उस वास को एक डब्बे में बैक करवाकर उस दुकान से बाहर जाने लगे
दुकानदार ने उसे पीछे से आवाज का जितना ख्याल रखो है यह तुम्हारा भी उतना ही ख्याल रखेगा
इमरान को लगने लगा था कि शायद दुकानदार सती आ गया है
इसलिए उसने उस बूढ़े की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और वो ऑटो करके अपने घर चला गया
ऑटो से निकलकर जैसे ही इमरान अपने घर के अंदर घुसने लगा घर की दहलीज पर उसका पैर फिसला और वह स्वास्थ्य के साथ जमीन पर गिर गया
जैसे ही इमरान जमीन पर गिरा वास नीचे गिरकर टूट गया और तभी इमरान को जोर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई
साथ ही टूटे हुए वास के टुकड़ों में इमरान को एक काले धुएं का बादल उसमें से निकलता दिखाई
इमरान ने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे उस बांस के टूटने का बेहद दुख था
राष्ट्रीय इमरान ने उस टूटे हुए वास्को को पूरे में डाला
और फ्रेश होकर अपनी लिए चाय बनाने लगा जैसे ही गैस पर रखा पानी उबलने लगा इमरान उसमें चाय पत्ती डालें के लिए लेकिन उसने जाएगा
उसे देखकर वह उठकर चाय के बर्तन के अंदर पानी खून जैसा लाल
देखकर इमरान की आंखें फटी की फटी रह गई पर कुछ ही सेकेंड्स बाद ध्यान से देखने पर उस बर्तन का पानी फिर से नॉर्मल ही लग रहा था
आंखों लगा कि शायद उसे कोई अहम हो गया है पर इमरान को उस रात एक अजीब सी थकान महसूस हो रही थी जो से उस रात से पहले कभी नहीं है
रामवृक्ष आईडी और वो सोने चला गया सोते हुए इमरान को अचानक ऐसा महसूस हुआ कि जैसे उसके चेहरे के बहुत पास कोई शोरों से सांसें ले रहा है
इमरान की आंखें खुली तो उसके सामने एक अजीब सी काली परछाई थी
जो ठीक उसके मुँह के सामने हवा में तैर रही थी
इमरान उस पर छाई को देखकर डर गया और डर के मारे चिल्ला रानी जैसे ही लाइट्स ऑन करें
तो परछाई वहां से कहीं गायब हो गई और इमरान के अलावा उस कमरे में और कोई नहीं था अगले दिन इमरान अभी जॉब पर निकल गया अपनी डेली की कॉल करते हुए अचानक से इमरान का मोबाइल फोन खेल
की हॉट ही अंजू क्योंकि अपना काम करते समय इमरान हमेशा ऑफिस का फोन यूज करता था और अपना पर्सनल मोबाइल फोन हमेशा ऑफ रखता था
ईरान ने अपना फोन उठाया और जैसे ही हेलो कहा सामने से उसे गहरी सांसे लेने की आवाजाही
और धीरे धीरे वह वहां से तेज होने लगी
शाम को बहुत अजीब लगा और उसने फोन काट दिया जब उसने इनकमिंग कॉल का नंबर चेक किया तो इमरान के को छोड़ गए बकौल कहीं और से नहीं बल्कि इमरान की दिल्ली वाले घर से आ रही थी और इमरान जानता था कि उसके घर पर और कोई नहीं है
उड़ान को अब सब बहुत अजीब लगने लगा था इमरान को अब उस बुरे दुकानदार पर शक होने लगा था
वो फिर से सीधा निकलकर तुरंत उस पुरानी दुकान पर चला गया जहां से उसने वास खरीदा था
वह गुस्से में उस दुकानदार से कहने लगा कि क्या अजीब सी चीज तेरी तुमने मुझे एक बार गिरने पर टूट गई और ऊपर से सब कुछ उसकी बात को उस दुकानदार ने बीच में ही काट दिया कि जानकर कि वह वास टूट गया है
उस दुकानदार का पूरा चेहरा सफेद पड़ गया और उसने मिलान को उसकी दुकान से फौरन निकल जाने को कहा
वह इमरान को धक्के मारकर शॉप से निकालने लगा और बार बार वह पूरा दुकानदार सिर्फ एक ही चीज आ रहा था
यहां से चले जाओ तुम वरना वो आ जाएगा
को बाहर नहीं आना चाहिए
चले जाओ यहाँ से चले जाओ
इमरान को कर रहे हैं
रहा था उसने हाथ जोड़कर उस दुकानदार से पूछा कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है
बहुत विनती करने के बाद उस दुकानदार ने बताया कि उस वास के अंदर पिछले पांच हजार सालों से एक जिन कैद है
चूहे विश्वास को संभालकर रखता है
उसके घर में पैसा आता है और उसकी बरकत होती है
पर उसने लिबास में उस दिन का घर था जिसे इमरान ने तोड़ दिया था अब भोजन आजाद है और अब वो किसी को नहीं छोड़ा
यह बताते बताते अचानक उस घोड़े दुकानदार को सांस लेने में तकलीफ होने लगी
ऐसा लगने लगा था कि जैसे कोई उसका गला दबा रहा है
उसके गले पर इमरान को काले निशान तो दिख रहे थे
पर उसे कोई और नहीं दिख रहा था
कभी इमरान की नजर दुकान में रखे एक शीशे पर है और उसके अंदर जो इमरान को दिखा उसे देख उसका दिल दहल गया कालेज हुए से सिपाही
के बड़े बड़े साथ थे और वो अपने भयानक लंबे हाथों से उस दुकानदार का गला घोंट रहा था
इमरान उसे देख कर सीधा वहां से भागा
उसी समय अपना शहर छोड़कर अपने गांव वापस जाना चाहता था
को अपना सामान लेने जैसे ही घर पहुंचा उसने देखा कि उसकी अम्मी दरवाजे पर खड़ी इमरान ने अपने घर का दरवाजा खुला और अपनी अम्मी को अंदर ले आया लेकिन कुछ ही पलों में इमरान फूट फूटकर रोने लगी
और उसने अपनी अम्मी को गले लगा लिया लेकिन जैसे ही इमरान की नजर अपने लिविंग रूम के शीशे पर गई उसकी रूह भी कांप गई इमरान जिसे गले लगा रहा था उसकी अम्मी नहीं बल्कि वही भयानक चयन था
वहीं डरावना इमरान को देखकर मुझे बहुत ही भयानक ठंड से में लगाया और इमरान कमजोर पड़ने लगा
ऐसा लग रहा था कि मुझे इमरान के अंदर से उसकी जान खींच रहा है
उधर मिलान के में उसे फोन मिलाया जा रही थी लेकिन उसका फोन लग ही नहीं रहा था
जब दो दिन तक इमरान की कोई खबर नहीं आई तो उसकी अम्मी ने इमरान के बड़े भाई को उसे देखने दिल्ली भेजा जब उसका बड़ा भाई वहां पहुंचा तो उसके रोंगटे खड़े हो गए
इमरान का पूरा शरीर नीला पड़ चुका था
पर इमरान की से बंद हो चुकी थी मतलब साफ था इमरान की मौत हो चुकी थी और उसकी बॉडी के पास टेबिल पर वहीं महिला रखा था
एकदम सही सलामत उस पर एक भी खरोंच नहीं थी
दोस्तो आपको क्या लगता है क्या सच में जिस करते हैं
अगर आपने भी जिन से जुडी कोई कहानी सुनी है