Haunted Post Office - Horror Stories in Hindi

Haunted Post Office  - भूत की कहानी | डरावनी कहानियाँ हिंदी में | सच्ची कहानी
हॉन्टेड पोस्ट ऑफिस शहर की मेन रोड पर एक पोस्ट ऑफिस था ऑफिस की बिल्डिंग पुरानी हो चुकी थी जिसकी वजह से वहां बस कुछ गिनेचुने ऑफिशिल काम ही होते थे कुछ सालों से उसके बंद होने की बात भी चल रही थी शहर में ऐसे हजारों पोस्ट ऑफिस होते हुए भी उसी बिल्डिंग का फेमस होने का एक रास्ता भाग कोई ऑफिसर नहीं दिखता था और ना ही कोई पोस्टिंग चाहता था पर यह बात किसी को समझ नहीं आती थी क्योंकि इसके पीछे का कारण कोई नहीं जानता था पाँच अगस्त को वहां फिर एक में ऑफिसर की पोस्टिंग हुई उस ऑफिसर का नाम था श्याम श्याम के लिए नौकरी बहुत जरूरी थी
और इसलिए उसने ऑफर मिलते ही तुरंत हां कर दी थी नौकरी के चलते शाम को उसी बिल्डिंग में बने एक सर्विस क्वॉर्टर में कॉमेडियन मिल गई थी
शाम जल्द से जल्द पूरी शिफ्टिंग खत्म करके सीधा काम पर लगाना चाहता था जब शाम पहली बार उस बिल्डिंग में घुसा तो उसे वहां एक अजीब सी ठंडक महसूस हुई वह अपने रूम में गया तो उसे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे उससे पहले ही कोई वहां था पर इस बात को अपने मन का वहम मानते हुए शाम अपना सामान शिफ्ट करने लगा
उस रात जब वह बाहर से खाना खाकर आया तो उसके रूम में सारा सामान बिखरा हुआ था उसे यह चीज बहुत अजीब लगी क्योंकि उसने कुछ देर पहले ही सब समान सेट किया था पर फिर उसकी नजर कमरे की खुली हुई खिड़की पर गई
और उसने सोचा शायद हवा से चीजें बिखर गई होंगी शाम बहुत थका हुआ था और इस वजह से वो सीधा जाकर सो गया अचानक आधी रात को उसके दरवाजे पर किसी ने जोरों से नौ किया
जिससे उसकी नींद टूट गई इतनी रात में किसी का भी आना अजीब था जब उसने गेट खोला तो सामने कोई वॉचमैन यूनिफॉर्म में खड़ा था अंधेरा होने के चलते उसका चेहरा ठीक से नहीं देख रहा था शाम ने उससे पूछा कि ऐसा क्या हुआ जो उसने इतनी रात में शाम को उठा दिया शाम के बार बार पूछने पर भी बुक कोई जवाब नहीं दे रहा था उसका चेहरा देखने के लिए जब श्याम ने कमरे की लाइट जलाई तो अचानक से वह वॉचमैन कहीं गायब हो गया अब शाम के सामने कोई नहीं था एक सेकंड के लिए वह घबरा उठा उसे बिल्कुल समझ नहीं आया कि उसके साथ अभी क्या हुआ था यही सोचते हुए वह जाकर वापस ले गया लेकिन उसके लेटते ही दरवाजे पर फिर से खटखट शुरू हो गया इस बार शाम ने गुस्से में दरवाजा खोला वहीं वॉचमैन वहां खड़ा मुस्कुरा रहा था उस में ने बताया कि वह खुद भी दोष लेने गया था उसने बताया कि वह पास के लॉज में रहता है पर वह सालों से उस बिल्डिंग की देखभाल कर रहा है उसने बताया कि शायद शाम के रूम का नल खुला हुआ है जिसकी वजह से टंकी खाली हो गई है और इसलिए वो इतनी रात में शाम को थाने आया था चांदनी चैक किया तो वह कई उसके बाथरूम का नल खुला पड़ा था
उस रात के बाद धीरे धीरे श्याम की उस वॉचमैन के साथ दोस्ती हो गई उन दोनों की रोज बहुत सारी बातें होती थीं उस वॉचमैन की इवनिंग शिफ्ट होने के चलते वह शाम नहीं आता था
ऐसा करते हुए एक महीना हो चुका था एक महीने बाद शाम को ऑफिस का एक महिलाएं मेल में ऑफिस से जुडी कुछ डिटेल्स थी लेकिन ईमेल पढ़ते हुए श्याम एकदम शौक हो गया मेल में ऑफिस की सेफ्टी के लिए एक वॉचमैन प्वाइंट करने की बात भी थी शाम को लगा कि पक्का कोई कन्फ्यूजन होगा लेकिन कुछ देर बाद जो से पता चला वह जान कर बुरी तरह घबरा गया
हेड ऑफिस में कॉल करने पर उसे पता चला कि वहां सालों से कोई वॉचमैन नहीं था वहां हर महीने अलग अलग केयरटेकर तो आते हैं लेकिन कभी कोई डिगा नहीं पोस्ट ऑफिस के आसपास कोई लॉज भी नहीं था शाम को ये सब बातें बहुत अजीब लगे उसे अब लगने लगा कि वह वॉचमैन जो उसे रोज रात में मिलता है वो कोई चोर होगा
श्याम ने सोचा कि अब बोस वॉचमैन से दूर ही रहेगा लेकिन उस दिन वो वॉचमैन शाम से मिला ही नहीं शाम उस रात उस वॉचमैन के बारे में सोचते सोचते ही सो गया लेकिन फिर देर रात दरवाजे पर जोरों से नोक नहीं शाम में उठकर दरवाजा खोला तो उसके सामने वहीं वॉचमैन खड़ा था वो शाम से नॉर्मली बातें करने लगा
जैसे हमेशा करता था मगर शाम के बिहेवियर में कुछ अजीब था जो कि उस वॉचमैन ने नोटिस कर लिया श्याम उसकी तरफ न देखने की कोशिश कर रहा था और बार बार पूछने के बाद भी शाम ने जब कुछ नहीं बोला तो वह वॉचमैन गुस्सा होने लगा अचानक शाम के रूम की सभी लाइट्स जोरों से लेकर करने लगी शाम ने अब जैसे ही उस वॉचमैन की तरफ देखा उसके होश उड़ गए वॉचमैन की ही शैतानी हो गई थी
वॉचमैन तेज आवाज में किसी अनजान भाषा में कुछ बड़बड़ाने लगा जैसे जैसे वो वॉचमैन कुछ चांद कर रहा था पूरे कमरे में अजीब डरावनी आवाजें आने लगी थी शाम अब बेहद डर चुका था और वॉचमैन धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ रहा था उसने अचानक ही शाम का गला पकड़ लिया
और उसका दम घुटने लगा वॉचमैन जॉब शैतान बन चुका था बस बार बार यही कहने लगा कि शाम ने भी उसकी दोस्ती को नकार दिया है
पर अब वह उसे सजा देगा शाम जोर से चिल्लाने लगा लीजिए प्लीज मुझे छोड़ दो पीपी छोड़ दो मुझे अचानक ही उस बिल्डिंग में काम कर रहे कुछ पकड उसकी चीखें सुनकर वहां आ पहुंचे
उनके आते ही वह वॉचमैन कहीं गायब हो गया
शाम अपना ही गला पकड़े बुरी तरह डर के मारे कांप रहा था उन वर्कर्स ने शाम को पानी पिलाया और वहां से चले गए शाम पूरी रात उस वॉचमैन के दर में कप कपाट आ रहा सुबह शीशे में अपने गले पर निशान देखकर वह समझ गया कि उसके साथ जो कुछ भी हुआ तो कोई सपना नहीं था
अगले दिन शाम में आसपास पूछा तो उसे बुजुर्ग से पता चला कि उस बिल्डिंग में करीब बीस साल पहले एक वॉचमैन हुआ करता था जो लंगड़ा था
पोस्ट ऑफिस के कई अफसर उसका खूब मजाक उड़ाते थे और एक दिन उस वॉचमैन में उस ऑफिस की एक खिड़की से नीचे कूदकर अपनी जान दे दी शाम में सब सुनकर वह ऑफिस उसी दिन छोड़ दिया सीजन पूछे जाने पर शाम में उसका भी कोई जवाब नहीं दिया वो बस वहां से उसी दिन चले जाना चाहता था शाम शायद अपने इस भयानक एक्सपीरियंस को कभी नहीं भूल पाएगा और उस पोस्ट ऑफिस में शायद उस वॉचमैन की आत्मा हमेशा एक दोस्त की तलाश में भटकती रहेगी
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