Haunted Hotel in Rajasthan - Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी

राजस्थान में भुतहा होटल - डरावनी कहानियाँ हिंदी में | सच्ची कहानी
पोर्टल सोल फूल हॉन्टेड होते हैं इन राजस्थान
तीन दोष पीयूष विकास और में राजस्थान के एक छोटे से गांव छितरी आए थे वो लोग अपने बिजनेस के लिए उस गांव में तैरती डालना चाहते थे क्योंकि उस गांव में जमीन और मजदूर दोनों ही काफी सस्ते थे उस गांव में में में पोर्टल सोल फूल में रुकने का बंदोबस्त किया था पोर्टल सोल फूल एक छोटा सा होटल था कोई आलीशान पत्थर नहीं थे उसमें बस ईद से बनी सफेद रंग की एक मंजिला इमारत और नीचे खाने का एक बेंच रेस्त्रां जिसमें भी टेबल और दरवाजों पर धूल लगी हुई थी जैसे वहां का चूल्हा हफ्तों से जल्द ही नहीं था
जैसे ही वो लोग होटल पहुंचे उन्होंने देखा कि वहाँ कोई स्टाफ ही नहीं था बस वॉचमैन के नाम पर एक भूरे से चाचा बैठे थे जो अपनी बीड़ी पी रहे थे
ड्यूश और विकास दोनों ही अमित को डांटने लगे
क्योंकि होटल बुक करने की जिम्मेदारी अमित की थी और वो होटल एकदम थर्ड क्लास लग रहा था
उनकी बातों को सुनते हुए वॉचमेन चाचा उन तीनों के पास हंसते हुए आए और उनसे पूछने लगे कि क्या वह होटल सोनपुर में ही रुकने वाले हैं उन तीनों ने सर हिलाकर कहा और चाचा जोर से हंस पड़े हँसते हँसते ही फिर उन्होंने चलना शुरू किया और कुछ गुनगुनाते हुए वहां से चले गए.उन तीनों ने उस वॉचमेन चाचा को पागल समझ कर उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया तभी रिसेप्शन पर एक आदमी आया छोटे कद का घनी मूंछों वाला उसने उन्हें रूम की चाबी दे दी ब्लोग पर अपने कमरे में गए अपना सारा सामान रखा और कुछ देर आराम करने लगे पीयूष को अचानक प्यास लगने लगे और रूम में पानी नहीं था पीयूष पानी लेने के लिए जैसे ही रूम के बाहर निकला उसे पायल की झंकार सुनाई दी ऐसी आवाज जैसे कोई पायल पहनने भाग रहा हो
पीयूष घबरा गया उसको यह बात बेहद अजीब लगेगा क्योंकि उस होटल में कोई और नजर नहीं आ रहा था और उसके फ्लोर के कॉरिडोर के से पायल की आवाज के साथ साथ एक जवान लड़की की हंसने की आवाज आने लगी पीयूष उस आवास के पीछे जाने लगा कि तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा और पीयूष जी पड़ा पीछे रिसेप्शनिस्ट पानी लेकर खड़ा था पीयूष ने अपनी बौखलाहट में उस रिसेप्शनिस्ट को डाटा और पानी लेकर वापस अपने रूम में चला गया
देर रात विकास रूम के बाहर होटल की बालकनी में खड़ा अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था उस बालकनी से हाइवे का लंबा रास्ता साफ दिखाई देता था अचानक उस रास्ते पर एक एक्सीडेंट होता हुआ दिखा विकास चौंक गया वो नीचे दौड़ लगाने के लिए जैसे ही मुड़ा तो उसके पीछे सफेद कुर्ते में बुरा आदमी खड़ा था उस आदमी की लम्बी सी सफेद दाढ़ी थी और मुंह पर ढेर सारी झुर्रियां थी विकास उस आदमी को देखकर घबरा गया था क्योंकि वो आदमी सिर्फ हाईवे की ओर देखकर मुस्कुरा रहा था फिर अचानक से उसने विकास को देखा और उसने हसना बंद कर दिया बाद में जैसे ही विकास की ओर बड़ा विकास दर कर अपने रूम में आ गया रूम में आकर जब उसने अपने रूम की खिड़की से उस हाइवे पर देखा तो वहां कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था अगले दिन तीनों फैक्ट्री की साइट देखने के लिए निकले
लेकिन गाड़ी शुरू होकर थोडा आगे ही भरी थी कि अचानक बंद पड़ गई  साइट में जाने के लिए कोई बस ये सवारी भी नहीं थी
तो उन तीनों ने रिसेप्शनिस्ट के कहने पर शहर से में कहने को बुलाया तीन घंटे बाद जब मकैनिक आया तो उसने थोड़ी देर तक गाड़ी को देखने के बाद कहा कि गाड़ी को वर्कशॉप ले जाना होगा
वो तीनों में कहने के साथ ही तो करने वाली गाड़ी में चले गए और साइट पर उतर गए साइड देखते देखते शाम हो गई थी उनको मिटाने का कॉल आया कि उनकी गाड़ी पूरी तरह से बिगड़ चुकी है और वह कब तक बनेगी कहा नहीं जा सकता अब उन्होंने वापस जाने के लिए एक ट्रक वाले से बात की और उस ट्रक वाले को पोर्टल पर खाना खिलाने का लालच दिया लेकिन जब उन्होंने उस ट्रक वाले के सामने पोर्टल सोल फूल का नाम लिया तब वो ट्रक वाला बेहद घबरा गया पुस्तक वाले ने उन्हें बताया कि होटल सोल फूल में भूतों का बसेरा है उसने कहा कि होटल सोच फूल एक कब्रिस्तान पर बनाया गया था एक नहीं बल्कि सौ से भी ज्यादा भूत वहां रहते हैं और इसलिए बहुत कोई भी नहीं जाता उस और विकास के साथ हुए हादसों ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया पर अमित भूत प्रेत और सुपर नेचुरल चीजों में नहीं मानता था उसने यह बात रफा दफा कर दें और ट्रक ड्राइवर से कहा कि वो उन्हें पोर्टल से थोड़ा दूर ही उतार दें बहुत मनाने के बाद वो ट्रक वाला मान गया और वो तीनो जैसे तैसे होटल पहुंचे देर रात हो चुकी थी और तीनों कमरे में आराम कर रहे थे
अमित भी लेटे लेटे अपने फोन से खींची फोटोज देख रहा था लेकिन अचानक वह उठकर बैठ गया ऐसा लग रहा था जैसे उसके होश ही उड़ गए हों
उसकी तस्वीरों में उनके ही कमरे में कई सारे बच्चे दिखाई दे रहे थे को बच्चे शायद जो उस होटल में बसे है अमित के हाथ पांव ठंडे पड़ गए उसने पीयूष और विकास को जब फोटोस के बारे में बताया तो वह तीनो बहुत घबरा गए बोस पोर्टल के रिसेप्शनिस्ट को ढूंढते हुए नीचे आए लेकिन रिसेप्शनिस्ट का नामोनिशान ही नहीं था वहां उन्हें घोडे चाचा बैठे हुए मिले उन्होंने यह सब उन बुरे चाचा को बताया तो घोडे चाचा ने हंसते हुए कहा कि जब वह होटल के अंदर आए थे चार आत्माएं तो उनकी गाड़ी के ऊपर ही बैठी हुई थी उन्होंने बताया कि होटल सोल फूल में पिछले अट्ठारह सालों से भूतों का सहारा था जब से होटल बना था तब से यहां के भूत होटल में आने वाले लोगों को जिंदा वापस नहीं जाने देते किसी के ऐक्सिडेंट करवा देते हैं तो किसी को आत्महत्या करने पर मजबूर कर सकते हैं फिर होटल की बालकनी की ओर इशारा करके उन्होंने बताया कि वहां देखो वह सफेद कुर्ते में एक बूढ़ा आदमी खड़ा है
उस आदमी ने जहां होटल बनाने से मना किया था क्योंकि यह जगह कब्रिस्तान की थी लेकिन कुछ महीनों बाद पोर्टल के सामने वाली रोड पर उसकी ऐक्सिडेंट से मौत हो गई और आखिर में सोच में ने उन तीनों को बताया कि उनकी गाड़ी ठीक नहीं होने वाली थी वह गाड़ी अपने साथ कई सारे ले गई थी होटल में रहने वाले उन बच्चों की आत्माओं को वह गाड़ी पसंद आ गई थी और शायद इसलिए वो तीनों अब तक जिंदा भी थे
उस घोड़े वॉचमैन ने उनसे अपनी जान बचाकर वहां से निकल जाने को कहा ये सब बातें सुनकर उन तीनों के पसीने छूट गए उन्होंने फैसला किया कि वो अभी के अभी पोर्टल से निकल जाएंगे
पुतीन अपना सामान लेकर निकल ही रहे थे
कि तभी उन्हें रिसेप्शनिस्ट मिला वो तीनो उसे धक्का मार के वहां से तेजी से भागे हाईवे पर आकर वो लोग आगे जा रही गाड़ियों से लिफ्ट मांगने लगे लेकिन कोई गाड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी वह शख्स ने उनके पास आया और हंसते हुए उनसे पूछा कि वह लोग भाग रहे थे रिसर्च में इस उन्हें होटल में वापस अंदर आने के लिए कहने लगा और तब अचानक से हवा के झोंके से उसका मफलर उड़ गया और उन तीनों को उसके गले में फांसी के फंदे का निशान दिखाई दिया उन तीनों के पैरों तले जमीन खिसक गई वह समझ गए कि शायद जहां सभी मर चुके हैं और कोई भी ज़िंदा नहीं है तीनों डर के मारे हाइवे के रास्ते पर भागने लगे भागते भागते जब कुछ दूर तक पहुंच गए तो उन्होंने पीछे पलटकर देखा हवा में कई सारे भूत उस पोर्टल के चक्कर लगा रहे थे और रोड पर खड़े को वॉचमैन और रिसेप्शनिस्ट उन्हें देखकर अजीब तरीके से मुस्कुरा रहे थे छेत्री गांव के बारे में बात करने से आज भी वो तीनो बेहद घबराते हैं उनकी जान तो बच गई पर जिंदगी भर के लिए उनके मन में उस जगह का डर बैठ गया था 
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