Ghost in School - Horror Story in Hindi |

मुंबई में रहने वाले सिद्ध और नेहा की शादी को दो साल होने वाले थे तो पहली बार तब मिले थे जब दोनों क्लास इलेवन में थे और शिमला के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहे थे दोनों को तभी एक दूसरे से प्यार हो गया और तभी से दोनों एक साथ है अब करीब दस साल बाद वह अपनी एल्युमिना मीट यानी अपने स्कूल रियूनियन के लिए वापस अपने पुराने बोर्डिंग स्कूल जा रहे थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस बार कौन सा बुरा साया उनका इंतजार कर रहा है स्कूल पहुंचते ही सिर और नेहा का स्वागत स्कूल के सीनियर ने किया और उन्हें ग्रीड करके उन्हें ऑडिटोरियम तक ले गए जहां प्रिंसिपल ने सभी अलग नए का वेलकम किया और पार्टी शुरू करने का ऑर्डर दिया से दौड़ने को पार्टी में बहुत मजा आ रहा था उन्होंने खूब डांस किया ढेर सारी पिक्चर्स नेहा डांस करते करते थोड़ी थक गई तो इसलिए वह साइड में आकर चेयर पर बैठ गए और सभी को इंजॉय करते हुए देखने लगी तभी उसकी नजर भीड़ के पीछे खड़े एक लड़के पर देंगे जो कि उसी को देख रहा था उस लडकी का हुलिया काफी अजीब था
की आंखों से काले धब्बे स्किन पीलिंग पड़ी और चेहरे पर अजीब सी उदासी थी नेहा को उस बच्चे की शकल कुछ जानी पहचानी लग रही थी मगर उसे ठीक से याद नहीं आ रहा था कि आखिर उसने उस बच्चे को कहां रखा था देखते ही देखते तो बच्चा वहां से गायब और नेहा बेहद शौक गई
वह उठ खड़ी हुई और हर तरफ उस बच्चे को ढूंढने लगे अचानक उसने देखा कि वो बच्चा ऑडिटोरियम से बाहर निकल रहा था को निहारने भी उसका पीछा किया पीछा करते करते नेहा अपने स्कूल के बेसमेंट के पुराने आठ रूम तक पहुंच गई जैसे ही अंदर घुसी उसकी यादें ताजा हो गई यह वही रूम था जहां सेट और ने आप अपनी क्लास बंक करके एक दूसरे से मिलने आया करते थे निहाँ वहां पड़ी चीजें देखने लगी कि तभी आठ रूम का दरवाजा सोर्स से खुद ब खुद बंद हो गया
थोड़ा घबरा गए को दरवाजे की ओर गई और उसे खोलने की कोशिश करने लगे उसे उस रूम में एक अजीब सी घुटन होने लगी थी जिसे किसी केमिकल किम हैं कि उसकी नाक में चढ़ रही थी तभी नेहा को किसी के रोने की आवाजें आने लगी
आवाजें उसके पीछे से आ रही थी पड़ती और उसने देखा कि वही बच्चा आठ रूम के कोने में बैठा रो रहा था उसने अपना चेहरा अपने हाथों से छुपाया हुआ था निहायत देखकर और ज्यादा डर गई और वह दरवाजे को जोर जोर से नौ करने लगे और चिल्लाने लगी थी जब उसने दुबारा पीछे पलटकर देखा तो वो बच्चा अब बहन ही बैठा था
दरवाजे की तरफ मुड़ी और तब जोश के साथ हुआ उसे देख उसकी रूह कांप गई वो बच्चा दरवाजे पर रोल करता हुआ उसकी तरफ आ रहा था का चेहरा बदलकर बिल्कुल एक ईवेंट जैसा हो गया था नेहा बहुत जोर से चिल्लाई और इतना डर गई कि वह अपने होश खो बैठी नेहा वहीं बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी जब उसकी आंख खुली तो वह स्कूल के एक हॉस्टल रूम में थी और शेड उसके पास ही बैठा हुआ था नेहा को बहुत तेज बुखार चढ़ा हुआ था वह अचानक से उठी और हड़बड़ी में जो भी उसके साथ साथ रूम में हुआ वो सब वो सिर को बताने लगे सईद ने कहा कि वह यह सब न सोचें और बस रेस्ट करें
इसके बाद सिंह ने यहां के लिए डिनर ले आया और उसे खाना खिलाकर सुला दिया लेह के सोने के बाद सिड वॉशरूम की तरफ जाने लगा वह कॉरिडोर से गुजर रहा था कि अचानक उस कॉरिडोर की लाइट्स क्लिक करने लगी वो एक पल के लिए वहीं ठहर गया और लाइट्स की तरफ देखने लगा फिर वो उसे इग्नोर कर वॉशरूम चला गया वॉशरूम में मिश्रित को ऐसा लगा जैसे उसके अलावा भी वहां कोई मौजूद था से एक अलग सी ठंडक महसूस हो रही थी उसने हाथ उठा था जब की लाइट्स भी अचानक से लेकर करने लगे इस बार सिर्फ थोड़ा सहम गया और जल्दी से वॉशरूम से बाहर निकलने लगा मगर किसी इनविजिबल शक्ति ने सिर को पीछे से बहुत जोर से खींचा और सिर दीवार से टकराकर जमीन पर गिर पड़ा उसके सामने वही बच्चा खड़ा था पहले नेहा ने आठ रूप में देखा था उसे देखकर सेट की रूह कांप उठी और वह अचानक से बोला मोहन मोहन तुम यह सुनते ही वो बच्चा बहुत सीखा और उसने सिर का गला पकड़ लिया और उसे जोर जोर से दबाने लगा फिर भी चिल्ला उठा और तभी वॉशरूम में हॉस्टल वॉर्डन आ गया और उसने सिर को वॉशरूम पर तड़पता हुआ सिर के अलावा अब वहां को यही नहीं था बॉडी में सीट को शांत कराया और उसे वापिस उसके रूम तक ले गया लेकिन जैसे ही दोन है कुछ हॉस्टल रूम के अंदर घुसे उनका दिल बुरी तरह दहल उठा उन्होने अपने सामने नेहा को पंखे से लटका हुआ पाया कि देखकर सिर बुरी तरह चिल्लाया और रोने लगा मगर गॉर्डन में जल्दी से नेहा की टांगे पकड़ी और उसे पंखे से नीचे उतार लिया उसकी सांसे अभी भी चल रही थी इसके बाद नेहा को हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया गया
जहां को चार दिन तक रही और फिर कोर्स में आई नेहा के ठीक होने के बाद सिंह ने उसे बताया कि उसने उसी बच्चे को वॉशरूम में देखा था जिसकी बात नहीं कर रही थी सिडको बच्चा अच्छे से याद था उसने को याद दिलाया कि जब दोनों लेमन क्लास में थे तब मोहन सिंह का बेस्ट फ्रेंड हुआ करता था नेहा स्कूल में नहीं नहीं आई थी से और मोहन दोनों को ही हम बहुत पसंद आ गई थी और इसी वजह से सिर और मोहन की दोस्ती टूट गई थी सिंह ने जल्द ही नेहा को डेट करना शुरू कर दिया था मगर बाद मोहन को बिल्कुल पसंद नहीं आई एक साइको जैसे वह नेहा को स्टॉक करने लगा था सीट से हाथापाई करने के बहाने ढूंढता था जब ये सब करने के बाद भी नेहा ने उस पर ध्यान नहीं दिया तो एक दिन मोहन ने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर अपनी जान दे दी इस हादसे के बाद सिडनीः को लेकर वापस अपने घर लौट गया मगर आज हुई में हर रोज रात में उस बच्चे की भयानक सर्कल के बुरे सपने आते हैं 
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