एक पुरानी कहानी | बारिश [पूरी कहानी] | सआदत हसन मंटो
मूसलाधार बारिश हो रही थी और वह कमरे में बैठा जल थल देख रहा था बाहर बहुत बड़ा लॉन था जिसमें दो दे रहे थे उनकी सबसे तेज बारिश में नहा रही थी
उसको ऐसा महसूस हुआ कि वह पानी की इस बारिश से खुश होकर नाच रहे हैं उधर टेलीफोन का एक खंभा गया था उसके फ्लैट के सामने
वो भी खुश नजर आता था हालांकि उसकी खुशी की कोई वजह मालूम नहीं होती थी उस बेजान चीज को भला क्या खुशी हो सकती है लेकिन तनवीर ने जो बहुत गमगीन था यही महसूस किया कि उसके आसपास जो भी चीज है खुशी में नाच गा रही हैं सावन गुजर चुका था मगर बारिश नहीं हुई थी लोगों ने मस्जिदों में इकट्ठे होकर दुआएं मांगी मगर कोई नतीजा नहीं निकला बादल आते जाते रहे मगर उनके थनों से एक पत्र अभिनय टपका फिर एक दिन काले काले बादल आसमान पर घिर आए और जहाजों पानी बरसने लगा
वीर को बादलों और बारिश से कोई दिलचस्पी नहीं थी उसकी जिंदगी च मैदान बन चुकी थी
जिसके मुंह में पानी का एक पत्र भी किसी ने ने टपकाया हूं दो साल पहले उसने एक लड़की से जिसका नाम सुरैया था मुहब्बत शुरू की थी
मगर वो एक दफा मोहब्बत थी सुरैया ने उसे ध्यान देने लायक भी न समझा सावन के दिन भी बारिश हो रही थी वह अपनी कोठी से बाहर निकला लंगोट पहन कर न आया और बारिश के मजे लिए आम बाल्टी में पड़े थे वह अकेला बैठा उन्हें चूस रहा था के अचानक से चीखने और के कई सुनाई दिए उसने देखा कि साथ वाली कोठी के लॉन में दो लड़कियां बारिश में नहा रही हैं और खुशियों में शोर मचा रही हैं उसकी कोठी और साथ वाली कोठी के दरमियान से झाड़ियों की दीवार लगी थी तनवीर उठा आम का रस चूसते हुए गुब्बारे के पास गया और और से उन दोनों लड़कियों को देखा तक न था दोनों महीन मलमल की कुर्ती पहनी थी जो उनके बदन के साथ चिपके हुए थे सिलवानी चूंकि लगे थे की थी इसलिए तनवीर को उनके बदन के निचले हिस्से के सही आकार प्रकार का पता न चल सका उसमें पहले किसी औरत को ऐसी नजरों से कभी नहीं देखा था जैसा कि उस रोज जबकि बारिश हो रही थी
उसने उन दोनों लड़कियों को देखा देर तक वो उनको देखता रहा बारिश में भीग भीग कर खुशी की आवाजें बुलंद कर रही थी तनवीर ने उनको पहले कभी नहीं देखा था इसलिए कि वो मिजाज से कुछ इस प्रश्न का लड़का था क्यों किसी लड़की को बुरी नजरों से देखना गुनाह समझता था
मगर उस दिन उसने बड़ी ललचाई निगाहों से उनको देखा देखा ही नहीं बल्कि उनके गीले बदन में अंगार बनकर हैंडपंप की तरह छेद करता रहा
तनवीर की उम्र उस वक्त बीस साल के करीब होगी ना तजुर्बेकार था जिंदगी में उसने पहली बार जवान लड़कियों की शुरुआत को गीली मलमल में लिपटे देखा तो यह महसूस हुआ कि उसके खून में चिंगारियां दौड़ रही हैं उसने उन दोनों लड़कियों में से एक को चुनना चाहा देर तक वो गौर करता रहा लड़की बड़ी चंचल थी दूसरी उससे कम उसने सोचा अच्छी रहेगी जलसे में चंचल बना दें कि चंचल लडकी खूबसूरत थी.उसके शरीर के अंग भी बहुत खूबसूरत और मुनासिब थे
बारिश में नहाती जलपरी मालूम होती थी थोड़ी देर के लिए तनवीर शायर बन गया उसने कभी इस तरह नहीं सोचा था.लेकिन उस लड़की ने जिसका कुर्ता दूसरे के मुकाबले बहुत ज्यादा महीन था उसको ऐसे ऐसे शेर याद कराती है जिनको वो काफी वक्त पहले भूल चुका था
इसके अलावा रेडियो पर सुनें फिल्मी गानों की धुनें भी उसके कानों में गूंजने लगी उसने बारे के पीछे यह महसूस करना शुरू किया कि वह अशोक कुमार है दिलीप कुमार है दिल से कामिनी कौशल और नलिनी जयवंत का खयाल आया
मगर उसने जब उस लडकी की तरफ से देखा कि उसमें कामिनी कौशल और नलिनी जयवंत के अंग प्रत्यंग नजर आए जाएं तो उसने इन दोनों एक्ट्रेस पर लानत भेजी उनसे कहीं ज्यादा हसीन थी उसके मलमल के कुर्ते में जो शबाब था
इसका मुकाबला उसने सोचा कोई भी नहीं कर सकता तनवीर ने आम चूसने बंद कर दिए और उस लड़की से जिसका नाम परवीन था इश्क लगाना शुरू कर दिया शुरू शुरू में उसे बड़ी मुश्किलें पेश आई इसलिए कि उस लडकी तक पहुंचना तनवीर को आसान नहीं मालूम होता था
फिर उसे अपने माँ बाप कभी डर था इसके अलावा उसे यह भी यकीन नहीं था भी उसी वो किचन महसूस हुई है कि नहीं जो तनवीर को हुई थी बहुत दिनों तक वो इन्हीं उन झीलों में गिरफ्तार रहा रात जागता छोटी झाड़ियों की तरफ जाता मगर वो नजर ना थी घंटों वहां खड़ा रहता और वो बारिश वाला नजारा आज उसने देखा था आंखे बंद करके अपने मन में दोहराता रहता दिनों बाद आखिर उसको एक दिन उससे मुलाकात करने का मौका मिल ही गया वो अपने बाप की कार में घर के किसी काम से जा रहा था
कि परवीन से उसकी मुठभेड़ हो गई वो कार स्टार्ट कर चुका था के साथ वाली कोठी में से तनवीर के सपनों की शहजादी निकली उसने हाथ से इशारा किया कि वो मोटर रूप ले तनवीर घबरा गया है आवश्यक ऐसे मौकों पर घबरायी जाया करता है उसने मोटर कुछ ऐसे पहली अंदाज में रोगी को जबरदस्त धक्का लगा उसका ओर से स्टीयरिंग वील के साथ टकराया मगर उस वक्त वो शराब के नशे से ज्यादा सुरूर में था उसको उसके महबूबा ने खुद बुलाया था परवीन के होठों पर गहरे रंग की लिपस्टिक छुपी हुई थी उसने सिर्फ मुस्कुराहट से कहा मां फिल्में ये का मैंने आपको तकलीफ थी बारिश हो रही है ना महंगाई से दूर दराज जगह मिलना मुहाल है मुझे एक पूरी काम से जाना था आप मेरे पड़ोसी हैं इसलिए आपको यह तकलीफ दी तकलीफ का यह सवाल पैदा होता है मैं तो मैं तो उसकी जबान लड़खड़ाई
आपसे पहले मिला नहीं लेकिन राम को एक बार देखा था प्रवीण अपने सिर्फ मुस्कराहट के साथ कार में बैठ गई और तनवीर से पूछा आपने मुझे कब देखा था आपकी कोठी के लॉन में जवाब
जवाब व पड़ाव के साथ एक और लड़की बारिश बना रहे थे हाय आप देख रहे थे ये गुस्ताखी मैंने जरूर की है इसके लिए माफी चाहता हूँ आपने
देखा गया था ठीक सवाल ऐसा था तनवीर उसका जवाब नहीं दे सकता था आय बाएं साइन करके रह गया जी कुछ नहीं बस आपको मेरा मतलब दो लड़कियां जो बारिश हो रही थी और खुश हो रहे थे मैं उस आम चूस रहा था आम चूसते क्यों नहीं आखिर क्यों नहीं खाते ने मोटर स्टैंड की उसकी समझ में न आया कि इस सवाल का जवाब क्या दे चुनांचे गोलकर गया.आपको मैं कहाँ ड्रॉप कर दूं
मुझे कहीं भी ड्रॉप कर दी वहीं में विभिन्न जिलों की तनवीर ने महसूस किया कि उसे अपनी मंजिल मिल गई है लड़की जूस पहलू में बैठी है
अब उसी की है लेकिन उसमें इतनी जरूरत नहीं थी कि उसका हाथ दबाएँ उसकी कमर में दो सेकेंड के लिए अपना बाजू डाल दें बारिश हो रही थी मौसम बहुत खुश गवार था उसने काफी देर सोचा मोटर की रफ्तार उसके हरयाणा के साथ साथ तेज होती गई आखिर उसने एक जगह उसे रोक लिया और एहसासों में बहकर उसको अपने साथ चिमटा लिया उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए उसको ऐसा महसूस हुआ कि वो कोई हाथ लजीज आम चूस रहा है परवीन ने भी उसे नहीं रोका लेकिन फौरन तनवीर को यह एहसास बड़ी तेजी से हुआ जिसने बड़ी अश्लील हरकत की है
कुछ शायद परवीन को उसकी हरकत पसंद नहीं आई चुनांचे एकदम संजीदा होकर उसने कहा आपको कहा जा रहा है परवीन के चेहरे पर यूं तो नाराजगी के आसार नहीं थे लेकिन तनवीर यू महसूस कर रहा था जैसे व उसके खून की प्यासी है परवीन ने उसे बता दिया कि से कहां जाना है
जब वो उस जगह पहुंचा तो मालूम हुआ कि वो रंडियों का चकला है अरे हराया जब उसने परवीन को मोटर से उतारा तो उसके होठों पर गहरे लाल रंग की मुस्कुराहट बिखर रही थी.उसने कूल्हे मटका कर ठीक वेश्याओं के अंदाज में कहा शाम को मैं यहां होती है आप कभी जरूर तशरीफ लाइए धर्मवीर जब भौचक्का होकर अपनी मोटर की तरफ बढ़ा तो उसे ऐसा लगा कि वो भी एक वैश्या है जिससे वह हर रोज चलाता है उसकी लाल बत्ती लिप्स्टिक है जब परवीन के होठों पर छुपी हुई थी वो वापस अपनी कोठी चला आया
बारिश हो रही थी और तनवीर बेहद गमगीन था
इसको ऐसा महसूस हुआ कि उसकी आंखों के आंसू बारिश के पटरे बनकर टपक रहे हैं
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