Laal rumaal - Horror Stories in Hindi |

यह कहानी प्रिया और सुमित्रा की है दोनों बचपन से ही बेस्ट फ्रेंड्स थे और अब इतने सालों बाद भी वह एक ही कंपनी में काम कर रहे थे दोनों ने बैंगलोर में एक साथ रहते थे एक बार वो दोनों देर रात एक पार्टी से घर लौट रहे थे सुमित्रा कार ड्राइव कर रही थी पर उन दोनों के चेहरों पर तनाव और गुस्सा था रिया ने पार्टी में सुमित्रा के दोस्तों के सामने उसका कोई सीक्रेट रिवील कर दिया था और इसके चलते सुमित्रा प्रिया से बेहद गुस्सा थी रिया ने सुमित्रा से और जुड़ी कई बार माफी मांग ली थी मगर सुमित्रा फिर भी मानने को तैयार नहीं थी सुमित्रा और क्रिया के बीच गाड़ी में ही बहस होने लगी परेशान होकर प्रिया ने सुमित्रा को गाड़ी रोकने के लिए कहा सुमित्रा बेहद गुस्से में थी और उसने गाड़ी के ब्रेक जोर से लगाए
प्रिया गाड़ी से उतरकर रोड के बीचोंबीच खड़ी हो गई गुस्सा एक ऐसा इमोशन है जो सारे रिलेशंस को कुछ पलों में ही छोटा कर देता है और यहाँ भी यही हुआ गुस्से में सुमित्रा ने अपनी बचपन की दोस्त को आधी रात में एक सुनसान सड़क के बीचों बीच छोड़ दिया और वहां से गाड़ी लेकर चली गई रिया ने जैसे ही सुमित्रा को गाड़ी से दूर जाते देखा उसकी आंखों में आंसू आ गए उसने किसी तरह अपने आप को शांत किया और फोन से कैब बुक कराने की कोशिश करने लगी पर उस सुनसान एरिया में कोई कैप्स अवेलेबल ही नहीं थी रात के कुछ दो बज चुके थे प्रिया ने रोड पर ही चलना शुरू कर दिया उसने सोचा कि थोडा आगे चलकर शायद उसे कोई ऑटो या टैक्सी मिल जाएगी अपने फोन में नजरें गड़ाए प्रिय रोड पर चल रही थी कि तभी उसका पैर किचन में पढ़ गया क्रिया का पूरा पेड़ उस गंदे कीचड़ में डूब गया था लेकिन एक अजीब बात थी तो कीचड सड़क के नॉर्मल कीचड़ जैसा नहीं था बल्कि बेहद चिपचिपा और गहरा था और तो और उसकी चूत में से काफी बुरी बदबू आ रही थी रिया ने इधर उधर देखा तो से रोड के साइट पर एक लाल रुमाल पड़ा मिला प्रिया ने उस रुमाल से अपने पैरों को अच्छे से साफ किया और उस रुमाल को वहीं फेंक कर वो आगे चलने लगी कुछ ही दूर चलते हुए प्रिया को ऐसा सुनाई पड़ा कि जैसे कोई उसकी तरफ तेजी से भाग कर आ रहा हूं रिया ने तुरंत ही पलट कर देखा पर वहां कोई ठान ही प्रिया को यह बात बेहद अजीब लगी पर उसने उस आवाज को अपने मन का वहम मान लिया और आगे चलने लगी चलते चलते रिया को काफी प्यास लगने लगी थी पानी की बॉटल निकालने के लिए प्रिया ने अपना पर्स खोला तो वो थोड़ी दंग हो गई उसके बस के अंदर वहीं सड़क वाला लाल रुमाल पड़ा हुआ था तो  रिया को याद था कि उसने रुमाल जमीन में फेंक दिया था तो फिर उसके पर रुमाल कैसे आया प्रिया उस लाल रुमाल को अपने हाथ में पकड़े ये सोच ही रही थी
कि उसे महसूस हुआ कि कोई उसके पीछे खड़ा है
प्रिया जरुरी तो के एकदम पास को कोई नहीं था लेकिन थोड़ी दूरी पर ही एक पेड़ के पीछे से एक आदमी रिया को देख रहा था उस आदमी ने एक काले रंग की जैकेट पहनी हुई थी जिसे देखकर प्रिया अचानक घबराहट महसूस करने लगी
वार्ड में दूर एक पेड़ के पीछे से उसे देखे जा रहा था प्रिया उसकी शकल तो साफ साफ नहीं देख पा रही थी मगर उसे वो आदमी किसी नॉर्मल इंसान की तरह तो बिल्कुल नहीं लग रहा था
सहमी सी प्रिया ने उस रुमाल को वहीं फेंका और वो तेज कदमों से आगे चलने लगी प्रिया अब अपने गुस्से को भूल गई थी और डर के मारे वह सुमित्रा को फोन मिलाने लगी और उसका फोन लग ही नहीं रहा था प्रिया को बार बार अपने पीछे किसी के कदमों की आवाज भी आ रही थी
प्रिया में पीछे मुड़कर देखने की हिम्मत नहीं थी
वो इतनी ज्यादा डर गई थी कि वो रोने लगी
और अबकी बार उसकी आंखों से आंसू आए वो रोके नहीं रुके प्रिया के फोन में नेटवर्क नहीं आ रहा था और उसके पीछे चल रहा आदमी उसकी जान के लिए खतरा भी हो सकता था प्रिया ने मन में डिसाइड किया कि वह दौड़कर उस आदमी से बहुत दूर भाग जायेगी लेकिन उसने जैसे ही भागना शुरू किया उसी वक्त उसका पैर दुबारा एक कीचड के गड्ढे में पढ़ गया प्रिया ने रियलाइज किया कि वह गड्ढा और कीचड बिल्कुल पहले वाले गड्ढे और कीचड़ जैसे ही थे जिससे उसका पैर कुछ वक्त पहले ही पड़ा था रिया की समझ में कुछ नहीं आ रहा था क्योंकि शायद वो उसी जगह पर वापिस आ गई थी जहां से उसने चलना शुरू किया था प्रिया ने जैसे ही अपनी दाईं तरफ देखा तो वहां वही काली हल्दी जैकेट पहने वो आदमी खड़ा था और उसके हाथ में वहीं लाल रुमाल था
उसे देखते ही प्रिया की चीख निकल गई क्योंकि अब प्रिया उसका चेहरा बिल्कुल साफ साफ देख पा रही थी उस आदमी का चेहरा इतना भयानक था कि प्रिया सुन्न पड़ गई थी उस आदमी की आंखें अंदर धंसी हुई थी और उसके चेहरे पर अजीब सी किस्म की दरारें थी‌ जिन से खून बह रहा था प्रिया बुरी तरह रोने लगी वो आदमी या प्रिया को रोता देख अजीब ढंग से मुस्कुराने लगा था और धीरे धीरे अब बोस के पास भी आने लगा था देखकर वहां जमीन सी खड़ी प्रिया चीख चीख कर भागने लगी प्रिया ने भागते हुए डर के मारे अपनी आंखें बंद कर ली और तभी अचानक वो किसी बहुत बड़ी चीज से टकरा गई और वहीं बेहोश हो गई उसे होश आया तो वो किसी गाड़ी की बैक सीट पर थी प्रिया का एक सेकेंड के लिए दिल कांप उठा लेकिन जब उसने देखा कि गाड़ी कौन चला रहा है तब उसकी जान में जान आ गई
उसकी दोस्त सुमित्रा ही गाड़ी ड्राइव कर रही थी
सुमित्रा ने बताया कि उनकी लड़ाई के बाद सुमित्रा को कुछ दूर जाकर प्रिया की चिंता होने लगी थी
आखिर वो दोनों बेस्ट फ्रेंड्स थे और जब प्रिया का फोन आउट ऑफ नेटवर्क गया तो सुमित्रा और भी ज्यादा परेशान होने लगी थी इसलिए सुमित्रा ने उसी वक्त प्रिया को वापिस लाने के लिए अपनी गाड़ी मोड़ ली थी सुमित्रा ने उसे बताया कि प्रिया भागती हुई उसकी गाड़ी से टकरा गई थी सुमित्रा ने कई बार क्रिया से उसके रोने का कारण पूछा
पथरिया उसे कुछ भी नहीं बता पाई प्रिया को कभी समझ नहीं आया कि उसके साथ क्या हुआ और शायद इसीलिए प्रिया आज भी उस घटना के बारे में बात नहीं करती उस रात के बाद अगर प्रिया कहीं किसी के पास कोई लाल रुमाल देख ले तो उसका दिल बुरी तरह दहल उठता है
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