Blue Locket | Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी |

Blue Locket | Horror Stories in Hindi | सच्ची कहानी 

ब्लू लॉकेट दो सालों के लॉकडाउन के बाद रिया वापस अपनी जॉब के चलते गुड़गांव में रहने आई थी इतने समय तक वर्क फ्रॉम होम करने के बाद रिया का मन अब दुबारा ऑफिस जाने का बिल्कुल भी नहीं था पर उसे बहुत ही कम रेट में गुड़गांव का एक स्पेशल अपार्टमेंट मिल रहा था
इसलिए उसने सोचा कि क्यों न वो फिर से ऑफिस जाना ट्राई करें मोमिन करने के बाद जबरिया अपनी बिल्डिंग में पहुंची तो से एक बात बहुत अजीब लगी क्रिया के फ्लोर के सभी फ्लैट खाली थे रियान जब लैंड लौट से इसका कारण पूछा तो लालू ने उसे बताया कि क्योंकि लॉकडाउन खुले हुए थोड़ा ही टाइम हुआ है इसलिए अभी भी ज्यादातर लोग अपने घरों में ही है बैंगलोर ने कहा कि कुछ दिनों में यह सब फ्लैट भर जाएंगे इंग्लैंड लौट के कहने के बावजूद बिल्डिंग के पूरे फ्लोर पर अकेले रहने से क्रिया थोड़ा घबरा रही थी पर वो एडवांस रेंट भी पर कर चुकी थी इसलिए उसने इस बात को इग्नोर करते हुए अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया
रिया का घर और फर्नेस था और ऑफिस खोलने में अभी दो दिन और थे इसलिए रिया ने घर को थोड़ा रीड डेकोरेट करने का सोचा डेकोरेशन करते हुए प्रिया ने पहले से रखी एक अलमीरा को खिसकाया तो उसे वहां एक नीले रंग का लॉकेट पड़ा मिला रिया को लॉकेट काफी पसंद आया और उसने तुरंत ही वह लॉकेट पहन लिया और अपने काम पर लग गई कुछ ही देर में रोज की तरह रिया की मम्मी को उसका कॉल आया और बात करते हुए ही अचानक से रिया को अपनी मॉम की में डिस्टरबेंस आने लगी कुछ ही सेकेंड्स में उसे फोन पर किसी अजीब भाषा में किसी के बड़बड़ाने की आवाज आने लगी ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मंत्र उच्चारण कर रहा हो इससे पहले रिया कुछ समझ पाती फोन में से एक तीखी कान सुन्न कर देने वाली आवाज आने लगी रिया ने फटाफट से फोन काट दिया को सहवास से रिया का सर चकरा गया था रिया ने अपनी मॉम को टैक्स डालकर उनसे बाद में बात करने को कह दिया रिया के सर में अचानक से दर्द होने लगा था रिया ने थोड़ा रिलैक्स करने के लिए अपने लिए कॉफी बनाई और अपने लैपटॉप पर मूवीज ब्राउज़ करने लगे प्रिया को समझ नहीं आ रहा था कि वह कौन सी मूवी देखें क्रिया के ब्राउज़ करते करते ही लो बैटरी होने की वजह से उसका लैपटॉप शट डाउन हो गया और लैपटॉप की काली स्क्रीन में जो रिया को देखा उससे वह बिल्कुल चौंक उठी एक भूरा बाबा ठीक उसके पीछे खड़ा हुआ था और पलक झपकते ही वह वहां से गायब हो गया रिया के होश उड़ चुके थे
पर वो बहन और असलियत के बीच कन्फ्यूज होने लगी थी उसने पीछे मुड़कर देखा और वहां कोई भी नहीं था रिया को डर लगने लगा था
उसने पूरे घर का एक चक्कर लगाया पर उसे कोई भी नहीं दिखा क्रिया के गले में अभी भी वह लॉकेट था और वो उसे पहले ही सो गई देर रात रिया को अपनी गर्दन पर खिंचाव महसूस हुआ जिससे उसकी नींद खुल गई आंखें खोलते ही उसने देखा कि उसकी गर्दन का वो ब्लू लॉकेट हवा में था मानो उस लॉकेट को कोई खींच रहा हो
दिया बुरी तरह घबराने लगी उसने हिम्मत करके जैसे ही उस लॉकेट को हाथ लगाया तो लॉकेट वापस नीचे हो गया रिया बिस्तर पर उठकर बैठ गई थी उसने बेड के पास रखे जग से पानी का ग्लास हरा और पानी पीने लगी लेकिन तभी उसकी नजर क्लास में भरे पानी में तैरते हुए मांस के टुकड़े पर गई ही देखते ही रिया के हाथ से क्लास जमीन पर छूट गया रिया को लगा कि ये सब उस लॉकेट की वजह से हो रहा है तो उसने अपने गले से उस लॉकेट को उतार कर जोर से जमीन पर दिया और को चूर चूर हो गया उस लॉकेट के टूटते ही रिया के कमरे की लाइट अचानक से लेकर कहने लगी उसके कमरे की खिड़कियां और दरवाजे जोर जोर से बचने लगे
रिया का दिल अब बहुत जोरो से धड़कने लगा था
तभी रिया की नजर कमरे के एक अंधेरे कोने में गई जहां पर वहीं बाबा मुंह पर सफेद भभूत लगाए बैठा था उसकी आंखें बिल्कुल सफेद पड़ी थी और वो जोर जोर से कोई मंत्र जप रहा था
यह सब देखकर रिया के पैरों तले जमीन खिसक गई वो चीखने लगी और उसके चीखने पर कुछ बाबा ने और जोरों से मंत्र जपना शुरू कर दिया
रिया के हाथ पैर मानो जम गए थे वो चीखने लगी और डर के मारे उसने अपनी आँखें बंद कर ली
उसकी आंखें बंद करके सब कुछ अचानक शांत हो गया उसके बाद रिया ने जब अपनी आंखे खुली तो उसने देखा कि वो बाबा उसके मुँह के ठीक सामने खड़ा है और मुस्कराकर अपने हाथ में रखे भभूत उसे दे रहा है रिया जैसे तैसे करके वहां से भागे और दूसरे रूम में जाकर उसने दरवाजा बंद कर लिया है प्रिया की जान सूखे जा रही थी कि तभी उसकी नजर है अपनी गर्दन पर गए हैं और उसे यकीन नहीं हुआ उसकी गर्दन में वहीं नीला लॉकेट लटका हुआ था दिया ने जैसे ही उस लॉकेट को निकालने के लिए उसे छुआ उसे अपने कमरे में करीबन पंद्रह बीस लोगों ने घेर लिया ऐसा लग रहा था कि सब लोग मर चुके हों
उनके शरीर सड़े गले थे और उनके हाथों में बेड़ियाँ पडी थी बुढ़िया को देखकर बस रो रहे थे
इससे पहले या कुछ भी समझ पाती उस भीड़ में से रिया को वही बाबा उसकी तरफ आता दिखाई दिया क्रिया ने देखा तो उसके हाथों में अब भी बेड़ियाँ थी वो चीखने चिल्लाने लगी और उसकी आवाज को कोई सुन नहीं पा रहा था वो बाबा रिया के पास आया और उसके माथे पर उसने वह भूतड़ा कर दी तीन दिन के बाद उसी अपार्टमेंट में दिया की लाश मिली उसके गले में वही ब्लू लॉकेट था और उसके आसपास भभूत गिरी हुई थी
उसकी मौत का एक कारण तो किसी को नहीं पता पर पूछताछ करने पर बिल्डिंग के लौट से पता चला कि उस बिल्डिंग के बनने से पहले वहां एक शमशान घाट हुआ करता था जमीन बिकने के बाद वहां से सब चले गए थे पर एक अघोरी बाबा उस जगह से जाने के लिए तैयार ही नहीं हो रहा था जब उसके साथ जबरदस्ती की गई तो उसने आत्महत्या कर ली अपनी जान देते हुए उसने एक श्राप दिया था कि वह जगह उसकी है और वहां उसके सिवा कभी कोई और नहीं रह पाएगा इतना कहकर उसने अपने शरीर को त्याग दिया था पर उस बाबा की लाश पर भी वही ब्लू लॉकेट था शायद उस बाबा के श्राप के कारण ही आज रिया इस दुनिया में नहीं है और शायद वह ब्लू लॉकेट कोई आम लोकेट नहीं बोरसी अघोरी बाबा का लॉकेट है जिसमें शायद उसकी आत्मा आज भी रहती है
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