बिहार का सबसे भुतहा - पंडुब्बा | डरावनी कहानियाँ हिंदी में | सच्ची कहानी |

बिहार का सबसे भुतहा - पंडुब्बा | डरावनी कहानियाँ हिंदी में | सच्ची कहानी |
अगर कोई आपसे किसी नदी या तालाब के किनारे थोड़ी सी शराब बीड़ी मांग ले तो आप क्या करेंगे शायद आप उसे घूट यह एक बीड़ी दे देंगे पर अगर वही मांगने वाला आपको अपने साथ पानी में ले जाकर डुबाकर आपकी जान ले ले
मोहन बिहार के गया जिले के एक छोटे से गांव में रहता था और एक दिन बाद उसका जन्मदिन था
वह अट्ठारह साल का होने वाला था उसके ज्यादा दोष नहीं थे तो उसने सोचा कि वह अपना जन्मदिन अपने माँ बाप के साथ मनाने के बाद खुद को एक छोटी सी पार्टी देकर स्पेशल बनाएगा और उसे क्या पता था पर ये उसकी जिंदगी की सबसे भयानक पार्टी होने वाली थी मोहन की उम्र ज्यादा तो नहीं थी पर उसके कुछ कम उम्र दोस्तों ने बीड़ी और शराब पीना शुरू कर दिया था
मोहन को लगने लगा था कि शायद बड़े होने का मतलब बीड़ी और शराब पीना ही था उसने डिसाइड कर लिया था कि इस साल अपने जन्मदिन पर को कुछ बड़े वाला काम करेगा मोहन ने प्लान बनाया था कि वह स्कूल से आएगा मम्मी पापा के साथ खाना खायेगा और सबके सोने के बाद अपने पापा की अलमारी से बीड़ी निकाल लेगा और एक प्लास्टिक की बोतल में उनकी थोडी सी विस्की डालकर अपनी बॉडी को सेल्फ ब्रेड करेगा बहुत दिमाग लगाने के बाद मुहं को आइडिया आया कि वह अपनी पार्टी किसी ऐसी जगह करेगा झाओ से कोई नहीं देख सकता था और गांव के पास वाले तलाब से बेहतर जगह हो ही नहीं सकती थी उस तालाब के पास रात के समय कोई नहीं जाता था लेकिन उस गांव के लोग कहते थे कि दस साल पहले एक लडके की उसी तलाब में पनडुब्बी के हाथों मौत हुई थी
पनडुब्बी के बारे में मोहन ने कई चीजें सुनी थी कोई कहता था कि पनडुब्बी उस तलाब में रहने वाला एक राक्षस था तो कोई कहता था कि अगर उस तालाब के पास कोई जाता है तो कोई जानवर जैसी चीज उसे पानी के अंदर खींच ली थी पर मोहन इन सब बातों में नहीं मानता था
उसे लगता था कि यह बस बच्चों को डराने के लिए बनाई हुई कहानियां थीं फाइनली मोहन का जन्म देना गया और वो अपने प्लान के मुताबिक पहली बार इतनी रात में घर से बाहर निकलकर उस तालाब के पास जा रहा था रास्ते में एकदम अंधेरा और गहरी शांति थी मोहन अपने फोन की ऑन कर खेतों के बीच से जा रहा था जहां उसे बस अपने कदमों और झींगुरों की आवाजें आ रही थी कभी उसे अपने सामने वो तालाब दिखा मोहन के अलावा बहुत दूर दूर तक कोई नहीं था
उस तलाक पर सन्नाटा छाया हुआ था मोहन को थोड़ा डर तो लग रहा था फिर उसने अपने डर को अपने अंदर समेटा और तालाब के किनारे बैठ गया वह नहीं चाहता था कि उसे कोई भी वहां देख लें इसलिए उसने अपने फोन की टॉर्च भी ऑफ कर दें कि हर तरफ केवल अंधेरा था बस चांद की रोशनी थी जो सलाह पर पढ़कर आसपास फैल रही थी तालाब के पानी की शांति के साथ दूर दूर तक बस झींगुरों की आवाजें आ रही थीं मोहन में बड़े ही आराम से प्लास्टिक की बोतल खोली और विस्की का पहला खुद लिया और तभी उस तालाब की शांति में एक हलचल हुई मोहन ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था उसे लगा कि कोई तलाव मेंडक या मछली होगी तो उसने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अब अपनी जेब से एक वीडियो और माचिस का डब्बा निकाला बीड़ी अपने मुंह में रखी और जैसे ही उसने माचिस जलाई साथ की रोशनी में उसे अपने पास कुछ लिखा उसने माचिस की लौ को साइड में किया वहां कोई नहीं था उसे लगा कि ये सब उसके मन का डर है तो उसने विस्की का एक और घोट लिया फिर आंखे बंद की और वहीं लेटकर बीड़ी पीने की कोशिश करने लगा
अचानक उसे महसूस हुआ कि ठीक उसके मुँह के पास कोई है जिसकी सांसें मोहन के चेहरे पर आ रही मोहन ने आँखें खोली तो से दो चमक तीन नीली आँखें लिखी जिसे देखकर वह घबरा उठा डर के मारे झटपट आया तो वह नीली आंखें उससे थोड़ा पीछे हो गई है मोहन घबराहट के मारे वहां से उठा और अपनी टॉर्च जलाकर उसने देखा कि उसके बगल में एक बहुत ही अजीब सा जीव बैठा था जिसका पूरा शरीर गाई से भरा हुआ था
उसके हाथ और पैर दोनों उल्टे थे नाग बेहद बड़ी और लंबी बड़ी बड़ी बातें और दो हाथी जैसे धारधार दांत है मोहन से धीमी पर साफ आवाज में बीड़ी और शराब मांग रहा था और अपनी बड़ी भयानक आंखों से उसे घूरते हुए अपने बेहद ही नुकीले नाखूनों वाले हाथ मोहन की तरफ बढ़ा रहा था जैसे ही मोहन ने उसे अपने पास आते देखा उसका खून जम गया क्योंकि उसे समझ आ गया था कि वो पनडुब्बी ही है जिसके बारे में सभी गांव वाले बात करते थे और गांव वालों के अनुसार पनडुब्बी किसी को भी डूबने से पहले उसे तंबाकू या शराब ही मानता है पर मोहन के पास दोनों थे पनडुब्बी फिर से अपनी धीमी आवाज में बोला और मोहन से बीड़ी और शराब मांगने लगा धीरे धीरे अपने नुकीले हाथ मोहन के चेहरे के बेहद करीब ले आया मुहं जिसके एक हाथ में बीड़ी और दूसरी हाथ में शराब थी
वह सुन पढ़ गया और उसके पसीने छूटने लगे
पंडोह पास अब धीरे धीरे उससे मेरी और शराब मांगते हुए उसके और पास आ रहा था बस अब उससे एक सांस की दूरी पर था कि तभी मोहन ने वहां से भागने की कोशिश की पर पनडुब्बी ने उसे पकड़ लिया और उसे लेकर तलाब के अंदर को
मोहन को आखिरी चीज जो महसूस हुई वो ये थी कि पनडुब्बी उसे तलाक के सबसे गहरे हिस्से में ले जा रहा है और उसकी सांस धीरे धीरे खत्म हो रही है अगली सुबह मोहन के घर से गायब होने की वजह से उसके पूरे परिवार ने गांव वालों के साथ मिलकर मोहन को हर जगह ढूंडा पर वह कहीं नहीं मिला फिर जब सब हिम्मत करके तालाब के पास गए तो उन्होंने देखा कि तालाब के किनारे एक प्लास्टिक बॉटल पर बस एक आध ही बुझी हुई बिखरी पड़ी थी उसी तालाब के बीचोंबीच एक लाश तैर रही थी जिसके मुंह आंख और नाक सब क्लास के गंदी इकाई से भरे हुए थे
वह लाश और किसी की नहीं बल्कि मोहन की ही थी मोहन की लाश को देखकर सबको यकीन हो गया कि उसका ये हाल और किसी ने नहीं बल्कि पनडुब्बी नहीं किया था बिहार में कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग पनडुब्बी के भूत से डरते हैं अक्सर जो इंसान तालाब में डूब कर मर जाता है उसकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती और वो पनडुब्बी बन जाता है कहते हैं कि वह तालाब या नदी के किनारे वाले हर तंबाकू शराब पीने वाले इंसान से अपनी शराब और तंबाकू की तलब पूरी करने की मांग करता है और फिर उसी इंसान को पकड़कर पानी में डुबाकर जान से मार दिया है ऐसा ही एक पानी का राक्षस यानी वॉटर देवेन जपान में भी पाया जाता है जिसे वहां के लोग कप्पा कहते हैं
दोस्तों अगर तंबाकू और शराब की वजह से होने वाली बीमारी से अगर जान बच भी जाए तो पनडुब्बी आपकी जान जरूर ले लेगा इसलिए सावधानी बरतें
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