Bhootiya School - Horror Stories in Hindi |

शाम को जब मिसेज यादव को उनके बेटे जुगल के बोर्डिंग स्कूल से फोन आया तुम्हें नहीं पता था
कि उस दिन के बाद से उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी को फोन उस बोर्डिंग स्कूल के प्रिंसिपल का था जिन्होने मिसेज यादव को बताया कि उनका बारह साल का बेटा जुगल पिछले दो दिन से मिसिंग है गूगल की पेरेंट से खबर सुनते ही सीधा जुगल के बोर्डिंग स्कूल पहुंच गए स्कूल प्रिंसिपल ने उन्हें बताया कि फ्राइडे रात को गई स्कूल की बाउंड्री वॉल जमकर के बाहर फॉरेस्ट एरिया में चला गया था और वो तब से मिसिंग प्रिंसिपल ने कहा कि पुलिस ने पूरा स्कूल ऑफ स्टील और सारा फॉरेस्ट एरिया देखा लेकिन जुगल कहीं नहीं मिल रहा इस सुनकर जुगल के मांबाप बाप रोते हुए प्रिंसिपल ऑफिस से बाहर आए और तब स्कूल के गार्ड ने उन्हें कुछ ऐसा बताया जिससे उनके होश उड़ गए ने कहा कि जिस इलाके में वह बोर्डिंग स्कूल बना है पहले वहां एक शमशान घाट था माना जाता है कि वह इलाका हॉन्टेड है पर अब वहाँ कई आत्माएं भटकती हैं इस गार्ड ने कहा कि हो न हो गई है उसी में से एक आत्मा ने अपना शिकार बना लिया है उसके मॉम डैड को उस गार्ड की बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ उन लोगों ने और भी बहुत से टीचर स्कूल स्टाफ पुलिस ऑफिसर सब से बात की लेकिन किसी से भी कुछ पता नहीं चल पा रहा था उस रात जुगल की मॉम डैड इसके ब्वॉयज हॉस्टल के रूम में ही रुक गए
विशेष यादव बाहर निकलकर एक दो लड़कों से जुगल के बारे में पूछने लगी और तब उन्हें एक लड़के ने बताया कि जुगल हमेशा केला केला तथा जुगल का उस स्कूल में कोई दोष नहीं था उसने यह भी बताया कि उसने कई बार युगल को खुद से ही बातें करते देखा था यह सुनकर मिसेज यादव को खुद पर शर्मिंदगी महसूस हुई क्योंकि बोर मिस्टर यादव दोनों ही हमेशा बहुत बिजी रहते थे और अपनी बेटी के लिए उनके पास कभी टाइम ही नहीं था उन्हें तभी पता ही नहीं चल पाया कि वो कितना अकेला है सोचते सोचते मिसेज यादव की आंख लग गई लेकिन कुछ ही देर बाद मिसेज यादव की आंख खुली तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि जैसे कोई काली परछाई उनके बेड के पास खड़ी उन्हें देख रही है उस पर छाई की लाल आखिर थी जो बस मिसेज यादव को ही घूरे जा रही थी वो परछाई उनकी तरफ आगे बढ़ी और अचानक में से ज्यादा की चीख
ठीक से उनके हसबैंड उठ गए और उन्होंने कमरे की लाइट जला दिया जैसे ही कमरे की लाइट जली परछाई कहीं गायब हो गई अब उस रूम में मिस्टर और मिसेज यादव के अलावा और कोई नहीं था यादव ने अपनी पत्नी को शांत किया लेकिन मिसेज यादव को यकीन था कि उन्होंने किसी को तो वहां पर देखा है मिसेज यादव ने फिर से सोने की कोशिश की लेकिन उन्हें नींद नहीं आ रही थी उन्हें अब डर लगने लगा था कि कहीं उस स्कूल में बात कही कोई आत्मा तो नहीं भटक रही जिसने उनसे उनके जुगल कुछ लिया
हमने ऐसा लगा कि जैसे उस रूम में रखी अलमारी अपने आप खुल गई है मिसेज यादव मुसलमानों के पास गई और उसमें उन्हें जुगल का लिखा हुआ एक लेटर मिला में से ज्यादा रूम में रखी स्टडी टेबल पर उस को मंडी लीडर एक कंप्लीट लीटर था जिससे जुगल ने स्कूल प्रिंसिपल को एड्रेस किया हुआ था उस लेटर में जुगल ने लिखा था कि कुछ सीनियर काफी टाइम से उसे परेशान कर रहे हैं सीनियर में से एक प्रणव भी था जो की प्रिंसिपल का बेटा था एक बार उसने और उसके साथियों ने पूरे ब्वॉयज हॉस्टल के सामने जुगल के कपड़े उतरवाकर उससे डांस करवाया था तब से जुगल उनसे बहुत डरता था
और वह जुगल को हमेशा सताते रहते थे जुगल का लेटर पढ़कर जुगल की मां का रोना निकल गया उन्होंने तय किया कि वह सुबह होते ही प्रिंसिपल और उसके बेटे प्रणव के खिलाफ पुलिस को कंप्लेंट करेंगी प्रिंसिपल का बेटा प्रणव भी उस रात वॉशरूम जाने के लिए उठा था
वो वॉशरूम जा रहा था तो उसे अपने पीछे किसी के कदमों की आवाज आई लेकिन उस पूरे कॉरिडोर हैं कोई नहीं था वह वॉशरूम पहुंचा तो कदमों की आवाज भी बंद हो गई जब अपने हाथ हो रहा था तो अचानक वॉशरूम में लगे शीशे में उसे जुगल दिखना रूस के देखते ही गायब हो गया ऋणों को लगा कि वो शायद उसका हैं होगा
लेकिन मुझे ऐसे ही हिमुडा उसके सामने जुगल खड़ा था अचानक से जुगल का चेहरा बदल गया उसका पूरा चेहरा धीरे धीरे नीला पड़ने लगा
आंखें लाल हो गई और उसके पूरे शरीर पर छोटे ही छोटे जुगल का वह रूप देखकर प्रणव के साथ खड़े हो गए अचानक प्रणव हवा में उड़ने लगा और पीछे कांच की शीशी में जा गिरा प्रणव ने अपनी आंखें बंद कर ली और जोर जोर से चीखने लगी जब उसकी आंखें खुली तो उसके आसपास भीड़ इकट्ठा हो गई थी उस भीड़ में जुगल के पेरेंट्स भी थे उन्हें देखते ही प्रणव ने उनसे माफी मांगी प्रणव ने उन्हें बताया कि जुगल कहीं गायब नहीं हुआ है बल्कि प्रणव और उसके दोस्तों ने मिलकर अनजाने में जुगल की जान ले ली है
उसने बताया कि उस रात उन लोगों ने ट्रक लिए हुए था और उसी के नशे में वह जुगल को तंग कर रहे थे जुगल उनसे डर के स्कूल बाउंड्रीवॉल जमकर के फॉरेस्ट एरिया की तरफ भागा
और वो लोग भी उसके पीछे पीछे चले गए
वह जुगल के उनसे भागने से चिढ़ गए और गुस्से में उन्होंने क्रिकेट बैट और हॉकी स्टिक से उसे मार डाला स्कूल प्रिंसिपल ने भी अपने बेटे प्रणव को बचाने के लिए जुगल की लाश को स्कूल की पुरानी कंपोजिट पेट में दफना दिया और जुगल को सिंह करार दे दिया के कन्फेशन के बाद उसको उसके दोस्तों और स्कूल के प्रिंसिपल को पॉस्को एक्ट के तहत अरेस्ट कर लिया गया लेकिन उस दिन के बाद से मिस्टर और मिसेज यादव की जिंदगी तबाह हो गया उन्होने अपने इकलौते बेटे को हमेशा हमेशा के लिए खोल दिया था
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